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Liquid color and adulterated gulal can be harmful for health Apart from spoiling the skin – News18 हिंदी

कृष्णा कुमार गौड़/जोधपुर: होली का त्यौहार,खुशियों का त्यौहार, रंगो का त्यौहार मगर यही रंग आपके जीवन को बेरंग भी कर सकते है. जी हां…होली के त्यौहार पर बिकने वाले केमिकल युक्त रंग ना केवल आपकी स्किन को खराब कर सकते है बल्कि यह रंग आंखो में जाने से आपकी आंखो की रोशनी भी जा सकती है. इसलिए होली में खूब रंग खेले, खूब गुलाल उडाएं पर बाजार में सजे केमिकल वाले रंगो से बचें क्योकि यह रंग आपकी होली को बेरंग कर सकते हैं. इसको लेकर खुद डॉक्टर्स भी विशेष रूप से यही सलाह देते है कि होली पर किसी तरह के लिक्विड कलर का इस्तेमाल नहीं करें खुद की सावधानी रखते हुए ही होली का पर्व मनाए.

प्रदेश के अन्य जिलो की तरह सूर्यनगरी जोधपुर में भी होली के त्यौहार को लेकर लोगो में काफी उत्साह का माहौल है. शहर के बाजार जहां रंगो एवं खाने पीने की चीजों के सजने साथ लोगो की रोनक भी दिखने लगी है. मगर होली के त्यौहार पर केमिकल वाले रंगो से सावधान रहने की काफी जरूरत है. रंगों के बगैर होली का त्योहार असंभव है, लेकिन आजकल रंगों में होने वाले केमिकल के इस्तेमाल के चलते आपको कई तरह की स्वास्थ्य और सौंदर्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. होली में खास तौर से प्रयोग किए जाने वाले गहरे रंग जिनमें कई तरह के खतरनाक केमिकल युक्त व ऑक्सीडाइड होते हैं. यह रंग आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं.

आंखों को हो सकती है परेशानी
केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा को तो खराब करेंगे ही, साथ ही इन केमि‍कल युक्त रंगों का इस्तेमाल आपको कार्नियल अल्सर, कंजेक्टि‍वाइटि‍स और एलर्जी देने के साथ-साथ आपके आंखों की रौशनी भी छीन सकता है. ऐसे में एमडीएम अस्पताल के चर्म रोग विशेष डॉ दिलीप कच्छवाहा व नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद चौहान ने भी लोगों को आगाह करते हुए यही अपील की है कि वह ऐसे कमिकल वाले रंगो से बचे और आंखो पर चश्मा लगाकर होली खेले ताकि लिक्विड कलर से उनकी आंखो का बचाव भी हो सके.

मिलावटी गुलाल से त्वचा संबंधी हो सकती कई बीमारियां
एमडीएम अस्पताल के चर्म रोग विशेष डॉ दिलीप कच्छवाहा ने शहरवासियों से अपील करते हुए अच्छा वाला गुलाल यानी हर्बल गुलाल से ही होली खेलने की सलाह दी है और कहा है कि अगर गुलाल में किसी प्रकार की रगड या फिर कडकपन दिखे तो उसको इस्तेमाल नहीं करे, क्योकि उससे एप्रेजन्स होगा जिसे माइन्यू ट्रोमा हो जाएगा और वह कई तरह से नुकसान हमारी स्क्रिन पर करता है.

लिकविड कलर आंखो में जाने से जा सकती है आंखो की रोशनी
नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद चौहान ने कहा कि लिकविड कलर में कई प्रकार के केमिकल होने की वजह से वह आंखो में काफी नुकसान पहुंचा सकते है. लिकविड कलर से आंखो में घाव पैदा कर देते है जो सही होने पर आंखो की रोशनी भी जा सकती है, ऐसे में लिकविड कलर से होली नही खेले और इससे बचाव के लिए बडी फ्रेम का चश्मा लगाकर ही होली खेले ताकि कोई भी कलर या गुलाल आंखो में ना जाए.

रसायनिक रंग से त्वचा को पहुंच सकता है नुकसान
होली में हर व्यक्ति एक-दूसरे को रंग लगाकर अपनी आत्मीयता का इजहार करता है, परन्तु उसे यह नहीं मालूम कि जो रंग वह लगा रहा है वह रसायनिक रंग है जिससे त्वचा को नुक्सान पहुंच सकता है, श्वास एवं एलर्जी की बीमारी हो सकती है. बाजार में बिकने वाले हरे रंग में तांबा, काले रंग में नाइट्रेट ऑक्साइड, परपिल रंग में क्रोमाइड, सिल्वर कलर में एल्युमिनियम ब्रोमाइड, लाल रंग मारकरी सल्फेट रसायनों से बनता है. यह सभी रसायनिक रंग त्वचा पर जलन खुजली, दाने, एलर्जी, श्वास की तकलीफ उत्पन्न कर सकते हैं जो आपकी होली को बदरंग कर सकते है इसलिए रंग खेलने में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग ही करना चाहिए.

कुछ ऐसे रखें स्किन का ख्याल
– होली खेलने से पहले चेहरे पर क्रीम या वॉटर प्रूफ बेस लगाएं और बॉडी पर ऑलिव ऑयल, तिल का तेल या सरसों का तेल लगाएं. इससे आपके चेहरे एवं बॉडी पर रंग नहीं चढ़ेगा और नहाने पर आसानी से उतर जाएगा.
– होठों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए अच्छा लिप बाम लगाए ताकि होठों पर रंग न चढ़े.
– बालों में तेल या जेल लगाकर उनका जूड़ा बांध लें ताकि बालों और स्काल्प (सिर की त्वचा) पर रंग की पकड़ ढीली रहे.
– अपने नाखूनों पर भी नेल पॉलिश अवश्य कर लें ताकि रंगों और पानी से वे खराब होने से बचें और होली खेलने के बाद भी आप अपनी पहली रंगत में रहें

Tags: Holi festival, Jodhpur News, Local18

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