Rajasthan

You Can Find Your Answer Of Ayurveda Questions In Lifeline – पत्रिका लाइफलाइन में भेजे गए अपने आयुर्वेद के सवालों के जवाब यहां देखें

सवाल- सर्फ के पानी से कोरोना वायरस कितनी देर में खत्म हो जाता है? क्या आयुर्वेद में ऐसे पदार्थ हैं, जिन्हें पानी में डाले तो वायरस खत्म हो जाए?
जवाब-हां, यदि पानी में फिटकरी प्रयोग करते हैं, तो पानी कृमि मुक्त हो सकता है। नमक सहित अन्य क्षारीय दृव्य भी पानी को कृमि मुक्त करते हैं। यदि नमक को गरम पानी में डालें तो यह भी पानी को वायरस को मारता है।
सवाल-होम आइसोलेशन के दौरान हम आयुर्वेद की कौन कौन सी दवाएं ले सकते हैं?
जवाब-सामान्यतौर पर दो तरह की मेडिसिन लें। अश्वगंधा, तुलसी, आंवला, हल्दी ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं। यदि कोरोना के लक्षण नहीं आ रहे हैं तो च्यवनप्राश, ब्रह्म रसायन का दूध के साथ प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा सुदर्शन घनवटी, भूमि आंवला, दशमूल का काढ़ा बहुत लाभदायक है। दशमूल का काढ़ा आप इस तरह बनाएं, एक चम्मच दशमूल का काढ़ा लें। उसमें चौथाई चम्मच हल्दी डाल लें। चौथाई चम्मच सौंठ डाल लें और पांच मुनक्का ले लें। इनको चार कप पानी में उबाल लें। उबलते हुए एक कप रह जाएं तो सुबह-शाम पी लें। इसी तरह शाम को बनाएं। साधारण खाना खाएं, मूंग की दाल, दूध दलिया, घीया, तोरई, टींडे, परवल, सीता फल की सब्जी लें। मुनक्का, आवले का मुरब्बा, अनार, पिंड खजूर लें। इस शरीर को आवश्यक पौषण मिलेगा।

सवाल-आयुर्वेद से एसपीओटू लेवल कैसे बढ़ाया जा सकता है और ऑक्सीजन के अभाव में रोगी की स्थिति को कैसे स्थिर रख सकते हैं? अनुराग त्यागी
जवाब- इसके लिए दशमूल का काढ़ा, सुदर्शन घनवटी लें। इनके अलावा योगेन्द्र रस, जयमंगल रस, पुष्कर सर, वेदकस्तूरी भैरव रस है, ये भी बहुत लाभदायक हैं। इससे ऑक्सीजन बढ़ाने में फायदेमंद है। घबराएं नहीं। चिकित्सक राय लेते रहें।
सवाल- ऑक्सीजन लेवल कम होने या सांस की तकलीफ में क्या परवाल भस्म ले सकते हैं? इंद्र पंडा, नोहर
सवाल दो- मरीज का ऑक्सीजन का स्तर 90 फीसदी हो गया है। इसको बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। कोरोना के इलाज के लिए दो-दो बूंद नींबू का रस डालना क्या सही है?

जवाब-परवाल भस्म एक जनरल टॉनिक है। इससे ऑक्सीजन लेवल कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा। इससे अन्य कई बेहतर दवाएं हैं। बुखार आदि होने पर जयमंगल रस, चिंतामणी रस, योगेन्द्र रस, कस्तुरी भैरव का प्रयोग करें। नींबू का रस डालना कोई सटीक इलाज नहीं है। इससे नेजल पाथ साफ हो जाता है। यह काम भाप भी करती है। नींबू रस से कोई विशेष फायदा नहीं होता है। इससे अच्छा तो भाप लें या षड् बिंदू तेल की बूंदें नाक में डालें।
सवाल- मुझे बार-बार बुखार आ रहा है मुझे क्या करना चाहिए।?-अनुपम राघव
जवाब-सुदर्शन घनवटी दो-दो गोली दिन में तीन बार लें। दशमूल का क्वाथ लेते रहें जिससे आगे कोई परेशानी न हो।
सवाल- तीन में दो-तीन बार पेट साफ होता है, दस्त की दवा लेने से आराम मिलता है लेकिन गैस और माइग्रेन की समस्या है। सुभाष चंद्र
जवाब-देखिए जब पेट में जब भोजन नहीं पचता है तो पेट में आंव बनने लगती है। इसके निराकरण के लिए दो दवाइयां हैं, चित्राकादीवटी की दो-दो गोली खाने से पूर्व दिन में तीन बार लें। दाडिमास्त्रचूर्ण आता है इसमें अनार के दानों का चूर्ण एवं अन्य औषधियां होती हैं। दो-दो चम्मच दिन दो बार लें। लंच के बाद छाछ में काला नमक और भूना हुआ जीरा डालकर नियमित लें।

सवाल- बीस दिन पहले मझे बुखार आया था। पैरासिटामोल लेने पर ठीक हो गया। लेकिन मुझे नाक से सिर तक जलन होती है। खाना-पीना अच्छा नहीं लगता है। कमजोरी रहती है। कोई उपाय बताइए। चित्र लेखा शर्मा, श्योपुर, म.प्र.

जवाब- डरे नहीं, गाय के घी चार-चार बूंदे नाक में डाले, दस-दस मुनक्के सुबह-शाम खाएं। लौंग का पानी पीएं। एक लौंग को एक कप पानी में डालकर तीन उबाल लें। इसके बाद इसे छान कर पीएं। ऐसा दिन में दो बार करें। योग-प्राणायाम करें। खानापान में साधारण खाना खाएं।

सवाल- गले में खराश है और रात में खांसी चलती है। ऐसा क्यों होता है। इसमें क्या करें?
जवाब- 50 ग्राम छोटी हरड़, 50 ग्राम अरण्डी के तेल में छोटी हरड़ को भून लें। इसके बाद हरड़ को निकाल कर रख लें। उसका पाउडर बना कर, उतनी ही मात्रा में सौंप का पाउडर बना कर मिला लें। एक-एक चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी से लें। इसके आलावा तालीसादी चूर्ण का आधा चम्मच शहद में मिला कर सुबह-शाम लें। खाने में घी का प्रयोग करें। हल्दी का दूध लें।
सवाल- कोरोना में छोटे बच्चों के बचाव के लिए क्या करें? जो बच्चे बोल नहीं सकते हैं उनमें कैसे लक्षणों की पहचान किया जा सकता है?
जवाब- बच्चे कोरोना से बहुत कम प्रभावित हो रहे हैं। स्वर्णबिंदू प्राशन के दो से छह बूंद तक उम्र के हिसाब से दें। छह माह तक के बच्चे को दिन में एक बार दो बूंद दे सकते हैं। छह माह से एक साल तक के बच्चे को तीन बूंद, एक साल से तीन साल तक के बच्चे को चार बूंद दें। इससे बड़े बच्चों केा पांच बूंद दे सकते हैं। इसका प्रयोग छह माह तक करते रहें। इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और दिमागी रूप से मजबूत होगा। बच्चों पौषक भोजन दें। खाने में विरुद्ध आहार न लें जैसे, दूध के साथ फलों का रस, ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं। पराठे के साथ दूध, नमके साथ दूध, खिचड़ी के साथ दूध का प्रयोग न करें। इनका ध्यान रखें। बच्चे की मसाज से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

सवाल- मेरी मां की उम्र 70 वर्ष है। उन्हें अस्थमा है। उन्हें कोराना से बचाव के लिए कौनसी दवा दूं। क्या-क्या सावधानियां रखूं।
एस.पी. गुप्ता, जबलपुर, म.प्र.
जवाब- सबसे पहले तो जो दवाएं चल रही हैं, उन्हें नियमित जारी रखें। रोग प्रतिरोधक बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का सुबह दूध के साथ प्रयोग करें। रात्रि में ब्रह्मरसायन का प्रयोग करें।
सवाल- मेरे दाढ़ में दर्द एवं मसूडे में सूजन आ रही है। आयुर्वेद में उपाय बताइए?
मंजू शर्मा, 40 वर्ष गुडयारी, रायपुर
-एक अन्य महिला जिनकी उम्र 65 वर्ष है। उनके पूरे जबड़े में दर्द रहता है, क्या करें?

जवाब- दाढ़ में दर्द के लिए आधा चम्मच हल्दी डाल कर उबाल लें। आधा कप रह जाएं तब इस पानी के गरारे करें। इस पानी को मुंह में घुमाते भी रहें। फिटकरी का पानी भी ले सकते हैं। लौंग के पानी का गरारे करें। इसके अलावा एक चम्मच घी या सरसों का तेल लेकर मुंह में रखें। थोड़ी देर जब लार-पानी की मात्र बढ़ जाए तब थूक दें। इसके बाद फिर से गर्म पानी के गरारे करें। तीन दिन तक इस तरह करते हैं तो निश्चित रूप से फायदा होगा। इसके अलावा एक लौंग को एक कप में उबाल कर आधा बच जाने पर इसके गरारे भी कर सकते हैं। जबड़े में दर्द, इसकी मसल्स में जकडऩ के कारण हो सकता है। इसके लिए महानारायण तेल की मालिश करें। घर में जो तेल उपलब्ध वो ले सकते हैं। मालिश के बाद गर्म पानी से सिकाई करें। ऐसा पांच दिन तक करते रहें। हरड़ और सौंठ का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे वायु शांत होगी।
सवाल- मेरी उम्र 27 वर्ष है। बाल सफेद हो गए हैं। आयुर्वेद में कोई इलाज होतो बताइए?
सवाल- पिछले कुछ दिनों से मेरे बाल बहुत झड़ रहे हैं। इनका इलाज बताइए?
जवाब- इसके लिए घी, दूध, आंवाल इनका प्रयोग ज्यादा से ज्याद करें। ब्रह्म सरायन को प्रयोग सुबह-शाम करें। आंवले का मुरब्बा, मुनक्के, पिंड खजूर का प्रयोग करें और रोज प्रात: काल पांच-सात ग्राम गुड़ गर्म पानी के साथ प्रयोग करें। निश्चित रूप से आराम मिलेगा।

सवाल- मेरी माताजी की उम्र 80 वर्ष है। पिछले 5-6 वर्षों से उनके मेरुदंड की तकलीफ और सर्वाइकल के लिए दर्द निवारक दवाएं ले रही हैं। एक समय बीपी की दवा भी लेती हैं। 5-6 वर्षों से कब्ज और गैस की परेशानी है। इससे बचाव के लिए सुबह खाली पेट एंटीएसिडिक दवा भी लेती हैं। इसके बाद भी उनका जी मिचलाना, खट्टी डकार, कब्ज की दिक्कत रहती है। पिछले एक-दो माह से यह दिक्कत अधिक है। कमजोर भी हो गई हैं? सलाह दें? महेश चन्द्र व्यास, जोधपुर
जवाब- सबसे बड़ी तो उनको मेरुदंड-सर्वाइकल की समस्या है। इसका इलाज उन्हें नियमित लेना चाहिए। अन्य जो समस्याएं आ रही हैं। वे दवाओं के साइड इफेक्ट्स हैं। जोधपुर में आयुर्वेदिक अस्पताल में इसकी इलाज ले सकते हैं। जी मिचलाना और अन्य समस्याओं के लिए अविपत्तिकर चूर्ण एक-एक चम्मच दिन में तीन बार लें। कमजोरी दूर करने के लिए दस-दस मुनक्के दिन में तीन बार लें।

सवाल- कोरोना में दालचीनी, सौंठ, कालीमिर्च से बना काढ़ा और अदरक, नींबू, आंवले, हल्दी, वाला दूध या फिर च्यवनप्राश-अवश्गंधा लेना कितना प्रभावी है? अमित जोशी, श्रीमाधोपुर
जवाब- सभी जनरल इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजें हैं। ये ली जा सकती हैं। गर्मी में मसालों को प्रयोग कम करें। ज्यादा मसालेदार चीजें गर्मी से नुकसानदायक हो सकती हैं।

सवाल- मेरी उम्र-31 वर्ष है। मुझे कोराना से ठीक हुए 16 दिन हो गए हैं। श्वास लेने पर सीने के बायीं और दर्द होता है। कुछ भी करता हूं तो सांस भरने लगती है। समाधान बताएं? – हरे कृष्ण साहू
जवाब- खान पान सामान्य-सुपाच्य रखें। गरिष्ठ खाना ना खाएं। मूंग की दाल, घीया तोरई की सब्जी, दूध दलिया का प्रयोग करें। पुष्करमूल, मुक्ता पिस्टी, योगेंद्र रस, अर्जुन की छाल का काढ़ा-चाय बनाकर लें। इसके लिए एक कप पानी एक कप दूध और आधा चम्मच अर्जुन की छाल लेकर उबाल कर छान लें। चीनी न डालें। सुबह-शाम प्रयोग करें। शारीरिक परिश्रम न करें। अरबी-भिंडी, उड़द की दाल, राजमा का प्रयोग न करें।
सवाल- क्या गर्मी के मौसम में भी गुड़ का सेवन किया जा सकता है? रितु अरोड़ा
जवाब-गुड़ का प्रयोग हर माह में किया जा सकता है। यह शरीर के लिए लाभदायक है। निश्चित रूप से लें, कोई दिक्कत नहीं है।

सवाल- मुझे दो दिन से पूरे शरीर में दर्द था। जुकाम और कफ जम रहा था। अब ठीक है, लेकिन पेट में ऐसा लगता है, जैसे गर्मी हो गई है। ऐसा लगता है। समाधान बताइए?
जवाब- मुनक्का, आंवला, गुलकंद दिन में एक दो बार लें। अविपत्तिकर चूर्ण सुबह-शाम खाने के बाद लें।

सवाल- कोरोना नेगेटिव होने के10 दिन बाद दाएं हिस्से में फेफड़े में दर्द रहता है। ज्यादा दर्द सामने की तरफ एक पसली में होता है। लेटते, करवट लेने, तेज श्वास लेने और हाथ ऊपर-नीचे करते समय एक विशेष पॉइंट पर दर्द होता है। कई दर्द निवारक ले चुका हूं। इको, एक्स रे, डी डायमर टेस्ट, पीसीआर टेस्ट करवा चुका हूं। सब नॉर्मल हंै। आप बताइए क्या करूं?
-बाल किशन सैनी, जयपुर
जवाब- आप पुष्करमूलाश्व को भोजन के बाद दो-दो चम्मच दोनों टाइम लें स्वथ्यकारचिंतामणी एक-एक गोली सुबह-शाम लें। साधारण खानपान करें। सरसों का तेल गर्म करके सेंधा नमक मिलाकर सीने पर लगाएं।

सवाल- मेरी मां के पेट में दाएं हिस्से में एक वर्ष से दर्द रहता है। खाने के बाद यह दिक्कत बढ़ जाती है। यूरिन में जलन और कब्ज भी रहती है। डाक्टर को दिखाया था उन्होंने बताया कि तिल्ली में सूजन है। ट्रीटमेंट लेते रहते हैं तब तक तो ठीक रहता है। बंद करने पर समस्या फिर शुरू हो जाती है। कोई स्थायी इलाज बताएं।
जवाब-इसका पूरा इलाज यहां बताना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि इसमें हर मरीजर के लिए अलग इलाज उसके प्रकृति के आधार पर होता है। विशेषज्ञ से इलाज लें। डॉक्टर के पास जाने से पूर्व जो भी लिवर से जुड़ी टेबलेट या सिरप भोजन के बाद दोनों टाइम लेना शुरू कर देना चाहिए। पिप्पली का प्रयोग करें या सौंठ दो पीपली को दूध में उबाल कर सुबह-शाम लें। विशेषज्ञ से इसका इलाज लें।

सवाल- पांच दिन पहले हल्का बुखार आया था। हाथ-पैरों में दर्द भी था। अब न बुखार है और न ही दर्द, पर कमजारी महसूस हो रही है। गले में दर्द हो रहा है। मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब-मुनक्का सुबह-शाम लें। इसका नियमित सेवन करें। हल्दी के गरारे करें तीन बादाम की गिरी, चार किशमिश लें, तीन चार कालीमिर्च लें, एक-दो टुकड़े मिश्री के लें। इनको मुंह में चबाते रहे, चूसते रहे। आधे घंटे तक पानी नहीं पिए। इससे गले का दर्द, ड्रायनेस समाप्त हो जाएगी।
सवाल- मुझे गैस की समस्या है। इलाज बताएं।
जवाब-इसके लिए अरंडी के तेल में हरड़ को भून कर रख लें। पाउडर बनाकर, बराबर मात्रा में सौंठ का पाउडर मिला लें। सुबह-शाम एक-एक चम्मच खाली पेट गर्म पानी से लें।
सवाल- मुंह के छालों के लिए देसी उपाए बताइए? निधि
जवाब-इसके लिए आंवले का प्रयोग करें। मुरब्बा ले सकते हैं। गुलकंद ले सकते हैं। त्रिफला को प्रयोग कर सकते हैं। लौंग के पानी के गरारे करें। चमेली के पांच-सात पत्तों को चबाकर थूक दें।
सवाल- मेरी पत्नी को साइटिका की समस्या है। कई जगह इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला है। इलाज बताइए?
जवाब-इसके लिए दशमूल का काढ़ा बनाएं। इसके लिए दशमूल और सौंठ का काढ़ा बनाएं। इसमें दो चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर। गर्म-गर्म सुबह-शाम दोनों टाइम पांच दिन तक लें। फायदा होगा। इसके बाद महायोगराजगुगुगल, चंद्रप्रभावटी को प्रयोग करें, लाभ होगा।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj