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लॉकडाउन ने नहीं दिया और कोई ऑप्शन…सेल्फ स्टडी कर UPSC में लहराया परचम, बहनों का खूब मिला साथ

Last Updated:April 29, 2025, 14:11 IST

Sikar News : सीकर के जितेंद्र कुमावत ने UPSC सिविल सर्विस परीक्षा में 412वीं रैंक हासिल की. बीटेक के बाद लॉकडाउन में सेल्फ स्टडी से तैयारी की. चौथे प्रयास में सफलता मिली. बहनों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा.X
जितेंद्र
जितेंद्र कुमावत 

हाइलाइट्स

जितेंद्र कुमावत ने UPSC में 412वीं रैंक हासिल कीलॉकडाउन में सेल्फ स्टडी से तैयारी कीबहनों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा

सीकर. केंद्रीय संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली सिविल सर्विस परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है. इसमें सीकर जिले के दांता के रहने वाले जितेंद्र कुमावत ने सफलता हासिल की है. इन्होंने UPSC सिविल सर्विस की इस परीक्षा में ऑल इंडिया में 412 वीं रैंक हासिल की है. अपनी सफलता पर जितेंद्र ने लोकल 18 को बताया कि अगर ईमानदारी से मेहनत की जाए तो UPSC की परीक्षा को पास करना कोई बड़ी बात नहीं है. लगातार मेहनत करने से आसानी से UPSC की परीक्षा पास की जा सकती है.

रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करते थे जीतेंद्रजितेंद्र कुमावत के पिता छीतरमल कुमावत गवर्नमेंट टीचर है और माता ग्रहणी है. पिता ने बताया कि जीतेंद्र बचपन से पढ़ाई में एक औसत विद्यार्थी रहा है. अपने जज्बे और जुनून से उसने यह सफलता हासिल की है. जितेंद्र ने जयपुर में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2020 में UPSC एक्जाम की तैयारी शुरू की थी. सामान्य परिवार और छोटे से गांव से आने वाले जितेंद्र ने चौथे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. जितेंद्र ने बताया है कि इससे पहले तीन बार UPSC की एग्जाम दे चुके हैं, जिसमें दो बार उनका प्री भी क्लियर नहीं हो पाया थ, इसके बाद एक बार इंटरव्यू तक पहुंचे. अब चौथी बार उनका फाइनल सिलेक्शन हो गया है.

सेल्फ स्टडी करके कलेक्टर बनेजितेंद्र कुमावत ने बताया कि बीटेक कंप्लीट होने के बाद लॉकडाउन लग गया, ऐसे में अब पढ़ाई के अलावा मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था, इसलिए जिस दिन लॉकडाउन लगा उस दिन से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. लगातार दो साल तक मैने घर पर ही सेल्फ स्टडी की, इसके बाद जयपुर में जाकर एक साल तक लाइब्रेरी में पढ़ाई की और फिर 3 साल दिल्ली में रहकर तैयारी की थी.

बहनों ने खूब साथ दिया जितेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपनी बहनों को दिया है. जितेंद्र ने बताया कि मेरे संघर्ष के दिनों में मेरी बहनों ने खूब साथ दिया है. जब मैं दिल्ली था और मुझे पैसों की जरूरत होती थी, तो बिना बताए ही मेरी बहन खाते में पैसे भेज देती थी. इसके अलावा जब भी मैं डिमोटिवेट होते था तो मेरी बहन मुझे मोटिवेट करती थी. मेरी सफलता में सबसे बड़ा हाथ मेरी बहन का रहा है.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

April 29, 2025, 14:11 IST

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