गलती से भी मछली के तेल का खुद न करें सेवन, वरना हार्ट की धड़कन मिनटों में हो सकती फुस्स, ये है कारण

Fish Oil Side Effects: फिश ऑयल का इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है लेकिन यदि आप इसका अपने मन से इस्तेमाल करेंगे तो इससे हार्ट की धड़कन पर आफत आ सकती है. एक नई रिसर्च में कहा गया है कि फिश ऑयल सप्लीमेंट का गलत इस्तेमाल हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का कारण बन सकता है. हालांकि जिन लोगों को पहले से हार्ट से संबंधित बीमारियां हैं, उनके लिए फिश ऑयल इन परेशानियों को दूर कर सकता है. फिश ऑयल ओमेगा 3 फैटी एसिड का बड़ा स्रोत होता है. ब्रिटिश हेल्थ सेवा हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को सप्ताह में एक दिन फिश ऑयल लेने की सलाह देती है. ऐसे में ज्यादातर लोगों को लगता है कि अगर फिश ऑयल सप्लीमेंट का सेवन करेंगे तो हार्ट अटैक का जोखिम कम हो जाएगा. गलती यही से शुरू हो जाती है. क्योंकि जिन लोगों को हार्ट की समस्या पहले से ही है, उन्हें तो फायदा पहुंचाता है लेकिन जिन लोगों का हार्ट हेल्दी है, उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.
स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर का खतराचीन, अमेरिका, ब्रिटेन और डेनमार्क के शोधकर्ताओं 4 लाख लोगों के हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया और इन लोगों के 12 साल के हेल्थ रिकॉर्ड को खंगाला. इनमें जिन लोगों ने फिश ऑयल का इस्तेमाल किया, उनपर कई तरह के अध्ययन किए. अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले थे. अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को पहले से हार्ट की बीमारी नहीं थी, उन लोगों में से जिन्होंने फिश ऑयल सप्लीमेंट लिया, उनमें एट्रियल फिब्रिलेशन यानी हार्टबीट में दिक्कत, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर के मामले देखे गए. यहां तक कि ऐसे लोगों में बिना हार्ट डिजीज भी समय से पहले मौत के मामले देखे गए.
बीमारी वाले लोगों के लिए फायदेमंदअध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने रेगुलर फिश ऑयल का इस्तेमाल किया उनमें एट्रियल फिब्रिलेशन का जोखिम 13 प्रतिशत तक ज्यादा था वहीं स्ट्रोक की आशंका भी 5 प्रतिशत तक बढ़ गई. लेकिन अच्छी बात यह रही कि जिन लोगों को पहले हार्ट डिजीज थी, उनमें फिश ऑयल लेने से एट्रियल फिब्रिलेशन यानी धड़कन से संबंधित परेशानियां 15 प्रतिशत कम हो गई. एट्रियल फिब्रिलेशन से हार्ट अटैक का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है. इसके अलावा हार्ट फेल्योर के कारण मौत का जोखिम भी 9 प्रतिशत कम हो गया. शोधकर्ताओं ने कहा कि निश्चित रूप से ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्ट के लिए अच्छी चीज है लेकिन हेल्दी लोगों के लिए इसकी अधिकता परेशानी का सबब है.
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FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 17:56 IST