Rajasthan

Tourism Growth In Jaipur Rajasthan – कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही आई अच्छी खबर

कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं। कई महीनों तक घरों में कैद रहने के बाद लोग बाहर निकलने को बेताब हैं।

जयपुर। कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं। कई महीनों तक घरों में कैद रहने के बाद लोग बाहर निकलने को बेताब हैं। इसका असर जुलाई माह में देखने को मिला। मानसून की झमाझम के साथ लोगों के मन में छाई मायूसी धुल गई और लोग शहर के पर्यटक स्थलों पर पहुंचना शुरू हो गए। पूरे जुलाई दोगुने पर्यटक पर्यटनस्थलों पर पहुंचे। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार जुलाई में 1.70 लाख पर्यटकों ने राजधानी के पर्यटनस्थलों का दीदार किया।

आमेर-चित्तौडगढ़ पहली पसंद
जयपुर के पर्यटक हो या अन्य राज्यों के, सभी की पहली पसंद आमेर तो दूसरी पसंद चित्तौडग़ढ़ रही। जून में जहां 5834 पर्यटकों ने आमेर देखा, वहीं जुलाई में यह संख्या 45 हजार के पार हो गई। चित्तौडग़ढ़ किले को देखने के लिए जुलाई में 25 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे। हालांकि सभी पर्यटक स्थलों पर जुलाई के महीने में पर्यटकों की भरमार रही।

जुलाई में पर्यटक पहुंचे
आमेर-45610
जंतर-मंतर-24686
हवामहल-39483
अल्बर्ट हॉल-21081
नाहरगढ़ 39013
सिसोदिया बाग-2018
विद्याधर का बाग 576
ईसरलाट-1089

अन्य पर्यटक स्थल भी गुलजार
जयपुर समेत प्रदेश के अन्य पर्यटक स्थलों पर भी अनलॉक के बाद पर्यटकों की खूब आवक रही। मंडोर में पांच हजार से ज्यादा तो अलवर के किले महलों को देखने के लिए 3549 और भरतपुर में 3283 व अजमेर में 2857 पर्यटक पहुंचे। पूरे जुलाई माह में प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर 2 लाख 15 हजार 146 पर्यटक पहुंचे हैं।

80 प्रतिशत पर्यटक जयपुर के स्मारकों पर आए
1 जनवरी से लेकर 31 जुलाई तक 3 लाख 77 हजार 874 पर्यटक स्मारकों पर पहुंचे। इनमें से अकेले जयपुर के स्मारकों पर 3 लाख 2 हजार 716 पर्यटक पहुंचे। राज्य में सबसे ज्यादा पर्यटक जयपुर के पर्यटक स्थलों को देखने आते हैं।

सर्किट विकसित हो तो और बढ़ेगे पर्यटकस्थल
प्रदेश में कृष्णा सर्किट, स्प्रिचुअल सर्किट समेत चार सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को बजट भी दे रखा है, लेकिन इन सर्किट को विकसित करने में पर्यटन विभाग कम ही रुचि दिखा रहा है। इस स्थिति में पर्यटनस्थलों पर बुनियादी सुविधाएं विकसित नहीं हो रही है। ऐसे में पर्यटक राज्य से दूरी बनाने लगे हैं।

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