Rajasthan

कोटा में तैयार हो रहा है 100 करोड़ की लागत से अनूठा विश्वस्तरीय ऑक्सीजोन पार्क, जानिये क्या है खासियतें

कोटा. कोचिंग सिटी कोटा (Kota) में तैयार किया जा रहा ऑक्सीजोन पार्क (Oxyzone park) अब अपना आकार लेने लग गया है. इस पार्क में विश्वस्तरीय सुविधाओं (World class facilities) का समावेश कर अलग-अलग ग्रुप में सघन वृक्षारोपण का काम जारी है. ऑक्सीजोन पार्क में करीब 80 से 100 करोड़ खर्च होंगे. यह पार्क 4 किलोमीटर तक तापमान में कमी रखेगा और 8 किलोमीटर तक इसकी ऑक्सीजन का असर रहेगा.

यह पार्क 71 एकड़ में तैयार किया जा रहा है. इस सिटी पार्क में 72% क्षेत्र में पेड़ लगाये जायेंगे जायेंगे. 16 फीसदी एरिया पानी की संरचना में होगा. इसमें कैनाल तालाब विकसित किए जा रहे हैं. पार्क में सिर्फ 12% क्षेत्र में ही पक्का निर्माण का कार्य किया जा रहा है. पार्क में उल्टा पिरामिड, ग्लोब स्टेचू पर पिघलता लावा, काइनेटिक सर्किल, ट्रीमैन सर्किल और ज्ञान सर्किल के निर्माण का कार्य जारी है.

स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल कर रहे हैं लगातार मॉनिटरिंग

स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल लगातार कोटा के इस प्रोजेक्ट पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजोन पार्क में जो भी निर्माण कार्य चलाये जा रहे हैं उनमें विश्वस्तरीय तकनीकी का समावेश किया जाए. मॉनिटरिंग के दौरान मंत्री धारीवाल ने निर्देश दिए कि ऑक्सीजोन पार्क में विश्व स्तरीय सुविधाओं का समावेश करते हुए अलग-अलग ब्लॉक में सघन पौधरोपण करें जिससे पार्क का नाम चरितार्थ हो सके.यहां घूमने वालों को होगा सघन वन का एहसास

धारीवाल ने रविवार को पार्क का भ्रमण कर मौके पर विकास कार्यों की गुणवत्ता को देखा तथा सुधारात्मक निर्देश प्रदान किये. स्वायत्त शासन मंत्री ने ऑक्सीजोन पार्क में केनाल के समीप आम नागरिकों के भ्रमण के लिए तैयार किये जा रहे भ्रमण पथ के एक तरफ नहर दूसरी तरफ सघन वन के रूप में पौधे लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि यहां आने वाले नागरिकों को नहरी क्षेत्र के साथ सघन वन का एहसास हो सके.

ये खासियतें पार्क को दिलाएगी पहचान

यहां बादाम, नीम और विदेशी फूलों के अलग-अलग ब्लॉक तैयार किये जा रहे हैं. पार्क के चारों ओर ऑक्सीजन को बढ़ाने के लिए पीपल तथा अत्याधिक ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाये जा रहे हैं. पार्क में 30 हजार से अधिक पेड़ लगाने का कार्य प्रगति पर है. विद्यार्थियों के लिए विज्ञान हाउस, ज्ञान केंद्र, फव्वारा सर्किल और मुख्य द्वार पर निर्माण कार्य का भी प्रगति पर है. मंत्री धारीवाल ने काम की गति बढ़ाने के लिये श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.

शहर के प्रदूषण पर लगेगी लगाम

आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने बताया में इस तरह के पेड़ लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि 4 किमी तक तापमान में कमी हो सकेगी. 8 किमी तक ऑक्सीजोन का असर नजर आएगा. शहर के प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ऑक्सीजोन में हजारों पौधे लगाए जा रहे हैं. सभी पौधे हाड़ौती के वातावरण के अनुकूल और ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले हैं. इसके साथ ही बॉटेनिकल गार्डन भी विकसित किया जा रहा है.

3.50 किमी की नहर और पांच बड़े तालाब भी तैयार किए जा रहे हैं

प्राणवायु की प्रचुरता के लिए तुलसी वन और विभिन्न सुगंधों वाले फूलों के विशेष जोन बनाए जा रहे हैं. हरियाली के साथ साथ 3.50 किमी की नहर और पांच बड़े तालाब भी तैयार किए जा रहे हैं. पार्क में प्रवेश करते ही सड़क के दोनों किनारे खास फूलों से सजाए जा रहे हैं. इसे फ्लावर वैली नाम दिया गया है. सड़क के दोनों ओर साइकिल ट्रेक भी बनाया जा रहा है. रोड के आखिर में कोटा का प्रतिनिधित्व करती पढ़ते हुए किशोर की स्टेच्यू लगाया जा रही है. वॉकर्स के लिए नहर के चारों ओर कच्चे और पक्के फुटपाथ का निर्माण किया जा रहा है.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj