Loksabha Elections 2024 : चुनाव आयोग का NRI वोटर्स के लिए तोहफा, लोकसभा चुनाव में वोट देने की मिलेगी सुविधा | Hay NRI Voters India is calling : Reach and vote In india for India

दुनिया में 140.76 करोड़ प्रवासी भारतीय
भारत निर्वाचन आयोग ( Election Commison of India) के अनुसार ऐसे एनआरआई मतदाता जो वोट देना चाहते हैं, उन्हें विदेश में अपने आवासीय पते में किसी भी बदलाव के बारे में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को सूचित करना जरूरी है। ध्यान रहे कि वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 140.76 करोड़ प्रवासी भारतीय हैं। वहीं 1% से भी कम एनआरआई मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। केरल से 90% से अधिक एनआरआई मतदाता पंजीकृत हैं।
लोकसभा चुनाव 19 अप्रेल से
भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रेल से शुरू होकर सात चरणों में पूरे होंगे और 4 जून को परिणाम घोषित किए जाएंगे। अन्य चरण 26 अप्रेल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को पूरे होंगे।
पीआईबी ने एक्स पर लिखा
प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है: “सभी एनआरआई मतदाताओं (NRI Voters )से इस लोकसभा चुनाव में वोट डालने का आह्वान” और एनआरआई मतदाता आम चुनावों में कैसे भाग ले सकते हैं, इसकी जानकारी देने के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका साझा की है।
एनआरआई मतदाता या विदेशी मतदाता कौन?
चुनाव आयोग के अनुसार, एक विदेशी मतदाता एक भारतीय नागरिक है, जो रोजगार, उच्च शिक्षा या विभिन्न कारणों से दूसरे देश में रह रहा है और उसने उस देश की नागरिकता हासिल नहीं की है। वे अपने भारतीय पासपोर्ट पर सूचीबद्ध पते पर मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने के पात्र हैं। गौरतलब है कि 2010 से पहले एनआरआई को आम चुनाव में वोट डालने की अनुमति नहीं थी।
एनआरआई मतदाता पंजीकरण ( NRI Voters Registration)
गौरतलब है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (आरपी अधिनियम) में वर्ष 2010 में संशोधन किया गया था, जिसमें विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए मतदाता के रूप में नामांकित होने के लिए विशेष प्रावधान किए गए थे। तब से, भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) एनआरआई के बीच मतदाता पंजीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ईसीआई की ओर से जारी आंकड़े एनआरआई के बीच रुचि की एक बहुत ही गंभीर तस्वीर पेश करते हैं।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सन 2019 के शुरू प्रकाशित नवीनतम मतदाता सूची के अनुसार, 1.31 करोड़ से अधिक एनआरआई में से 1% से कम (केवल 71735) ने ही मतदाता के रूप में पंजीकरण कराया था।
दुनिया में 140.76 करोड़ प्रवासी भारतीय
ऐसे एनआरआई मतदाता जो वोट देना चाहते हैं, उन्हें विदेश में अपने आवासीय पते में किसी भी बदलाव के बारे में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को सूचित करना जरूरी है। ध्यान रहे कि वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 140.76 करोड़ प्रवासी भारतीय हैं। वहीं 1% से भी कम एनआरआई मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। केरल से 90% से अधिक एनआरआई मतदाता पंजीकृत हैं।
प्रवासी/एनआरआई मतदाता
भारत सरकार के अनुसार भारत का नागरिक, जो रोजगार, शिक्षा आदि के कारण देश से अनुपस्थित है, और जिसने किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल नहीं की है, उसे प्रवासी मतदाता के रूप में जाना जाता है और वे अपने भारतीय पासपोर्ट में उल्लिखित पते पर मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए पात्र हैं।
एनआरआई वोटर यहां कराएं रजिस्ट्रेशन
एनआरआई राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (एनवीएसपी) पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। अन्य विवरणों के अलावा, उन्हें उस देश के पासपोर्ट और वीज़ा का विवरण भी जमा करवाना होगा, जहां वे रह रहे हैं। https://voterportal.eci.gov.in/ पर फॉर्म 6ए ऑनलाइन भरें और अपेक्षित प्रमाण अपलोड करें। वैकल्पिक रूप से ईसीआई वेबसाइट www.eci.gov.in से फॉर्म 6ए डाउनलोड करें। फॉर्म 6ए को 2 प्रतियों में भरें। भारतीय मिशनों में भी फॉर्म निःशुल्क उपलब्ध हैं
दूसरे देश की नागरिकता न ली हो
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार आप एनआरआई मतदाता या विदेशी मतदाता के रूप में नामांकन कर सकते हैं । भारत का ऐसा कोई नागरिक, जो रोजगार, शिक्षा आदि के कारण देश से अनुपस्थित है और उसने किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल नहीं की है और अन्यथा वह आपके पासपोर्ट में उल्लिखित पते पर मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए पात्र हैं।
फॉर्म 6 के साथ आवश्यक दस्तावेज?
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार प्रवासी भारतीय मतदाता फॉर्म 6ए में एक हालिया पासपोर्ट आकार का रंगीन फोटोग्राफ चिपकाएं। पासपोर्ट के संबंधित पेजों की सेल्फ अटेस्टेट फोटोकॉपी, जिसमें फोटो, भारत का पता और अन्य सभी चीजें शामिल हों, पासपोर्ट का वह पेज जिसमें वैध वीज़ा पेज अंकित है,फॉर्म व्यक्तिगत रूप से या डाक से जमा किया जा सकता है। यदि आवेदन डाक द्वारा भेजा जाता है, तो ऊपर उल्लिखित प्रत्येक दस्तावेज की फोटो कॉपी विधिवत स्वप्रमाणित होनी चाहिए। वैकल्पिक रूप से आप निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी/सहायक ईआरओ के पास व्यक्तिगत रूप से फॉर्म भर सकते हैं।
व्यक्तिगत आवेदन करने पर
यदि आवेदन ईआरओ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत किया गया है, तो सत्यापन के लिए मूल पासपोर्ट प्रस्तुत किया जाना चाहिए और फॉर्म जमा करने के बाद क्या होता है: सत्यापन प्रक्रिया बूथ लेवल अधिकारी आपके पासपोर्ट में उल्लिखित घर के पते पर जाएंगे और दस्तावेजों की प्रतियों को सत्यापित करने के लिए पूछताछ करेंगे।
जहां रिश्तेदार नहीं है
ऐसे मामलों में जहां कोई रिश्तेदार उपलब्ध नहीं है या दस्तावेजों के सत्यापन के लिए घोषणा देने को तैयार नहीं है, दस्तावेजों को संबंधित भारतीय मिशन को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। ईआरओ का निर्णय आपको फॉर्म 6ए में दिए गए पते पर डाक और मोबाइल नंबर पर एसएमएस से सूचित किया जाएगा। मतदाता सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। विदेशी निर्वाचकों का नाम “प्रवासी निर्वाचकों” के लिए एक अलग खंड में शामिल किया गया है, जो प्रत्येक मतदान केंद्र क्षेत्र की सूची का अंतिम खंड है। मतदाता सूची में कोई भी सुधार करने के लिए आप फॉर्म-8 का उपयोग कर सकते हैं।
पता बदलने पर क्या करें?
यदि किसी एनआरआई मतदाता का निवास स्थान बदलने का मामला है (एक ही निर्वाचन क्षेत्र के भीतर या अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र में), तो फॉर्म 8 डाउनलोड करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म 8 भरें, फॉर्म 6 डाउनलोड करें और अपने नए निवास के क्षेत्र के ईआरओ के यहां जमा करें। अपने पुराने EPIC में पता बदलवाना जरूरी नहीं है। हालाँकि, यदि आप EPIC में पता बदलना चाहते हैं, तो यह रुपये के भुगतान पर किया जा सकता है।
एनआरआई वोट और पंजीकरण
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से किसी विदेशी निर्वाचक को ईपीआईसी जारी नहीं किया जाता है और आपको अपना मूल पासपोर्ट दिखाने पर मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से मतदान करने की अनुमति दी जाएगी। याद दिलाने के संकेत ये हैं कि किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक मतदाता सूची में नामांकित नहीं किया जा सकता है, यानी जब आप एक विदेशी मतदाता के रूप में नामांकन करते हैं तो आपको एक घोषणा पत्र जमा करना होगा – कि आपने सामान्य मतदाता के रूप में नामांकन नहीं कराया है। यदि आप एक सामान्य मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, तो आपको फॉर्म 6ए जमा करने के साथ अपना ईपीआईसी सरेंडर कर देना चाहिए जब आप भारत लौटेंगे तो आप अपने सामान्य निवास स्थान पर सामान्य निर्वाचक के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं।
एनआरआई मताधिकार का इतिहास
कई एनआरआई समूहों की मांगों के बाद, भारत सरकार ने वर्ष 2010 में आरपी अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन किया था। इस संशोधन में एनआरआई (भारत के बाहर रहने वाले भारत के नागरिक) को मतदाता के रूप में नामांकित करने में सक्षम बनाने के लिए एक नई धारा 20ए शामिल की गई थी। मताधिकार के इच्छुक एनआरआई यह ध्यान रखें कि उन्हें किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल नहीं हो। ऐसे सभी पात्र व्यक्ति भारत में अपने निवास स्थान पर पंजीकरण करवा सकते हैं। इस संशोधन के बाद उन नियमों में बदलाव किया गया, जो एनआरआई के लिए नामांकन की प्रक्रियाओं को परिभाषित करते थे।
एनआरआई (प्रवासी) मतदाताओं का आंकड़ा
भारत निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2012 से एनआरआई (प्रवासी) मतदाताओं पर डेटा प्रकाशित करना शुरू किया था। वर्ष 2012 के आंकड़ों के अनुसार, कुल 10002 एनआरआई मतदाताओं के रूप में पंजीकृत थे। वहीं 2018 में यह संख्या बढ़ कर केवल 24507 हो गई।
1.31 करोड़ से अधिक एनआरआई
ऐसा लगता है कि इन 8 वर्षों में ऐसे एनआरआई मतदाताओं की संख्या 7 गुना तक बढ़ गई है, लेकिन एनआरआई की कुल संख्या की तुलना में यह बहुत ही कम संख्या है। विदेश मंत्रालय (एमईए) की ओर से प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 1.31 करोड़ से अधिक एनआरआई दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं। इस संख्या की तुलना में, पंजीकृत एनआरआई मतदाताओं की संख्या 1% से भी कम है, वास्तव में प्रत्येक 180 एनआरआई के लिए 1 से भी कम पंजीकृत हैं।
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