Long waiting time for organ transplant, brain dead people are not able | ऑर्गन ट्रांसप्लांट की लंबी वेटिंग, ब्रेन डेड के नहीं हो पा रहे अंगदान

इसके चलते जिलों में ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों की काउंसलिंग कर उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित तक करना मुश्किल हो रहा है। मरीजों की लंबी वेटिंग लिस्ट स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो राजस्थान) के अनुसार प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट के 608 सहित लिवर और हॉर्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले 230 और 85 मरीज वेटिंग लिस्ट में है। यह सूची बड़ी होने के मुख्य कारणों में अंगदान की कमी होना और जिलों में ब्रेन डेड के अंग निकालने की सुविधा नहीं होना है।
राज्य में अंग प्रत्यारोपण केन्द्र
किडनी ट्रांसप्लांट
अधिकृत अस्पताल : 04 सरकारी : 02, एसएमएस जयपुर और जोधपुर एम्स
निजी : 12 लिवर ट्रांसप्लांट : 04 एसएमस जयपुर और जोधपुर एम्स : 02
निजी : 02
हॉर्ट ट्रांसप्लांट : 05 एसएमएस जयपुर : 01
निजी : 04 लंग्स ट्रांसप्लांट : 02 एसएमएस जयपुर : 01
निजी : 01 अब तक कैडेवर ट्रांसप्लांट किडनी : 75
लिवर : 24
हॉर्ट : 09
लंग्स : 01 पैंक्रियाज : 01
प्रति वर्ष अंग प्रत्यारोपण की जरूरत (देश में)
किडनी : 2.5 लाख लिवर : 50 हजार
हॉर्ट : 50 हजार कॉर्निया : एक लाख
अंगदान में बड़ा बदलाव ला सकता है यह कदम अंग प्रत्यारोपण के लिए वेटिंग लिस्ट चिंताजनक है। इसे खत्म करने या कम करने के लिए जिलों में भी ऑर्गन डोनेशन रिट्रीवल सेंटर बनाए जाने चाहिए। जहां सिर्फ ब्रेन डेड के परिजनों की काउंसलिंग कर अंग निकालने की सुविधा हो। बड़े मेडिकल कॉलेजों की टीम वहां जाकर यह कार्य कर सकती है। इसके बाद अंगों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ट्रांसप्लांट सेंटर तक पहुंचाया जा सकता है। यह कदम अंगदान की जरूरत वाले मरीजों की जान बचाने में बड़ा कदम साबित हो सकता है।
– डॉ.धनंजय अग्रवाल, किडनी रोग निदान विशेषज्ञ, सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर