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भगवान शिव को प्रिय है यह पौधा, चंद दिनों में गायब कर देगा चेहरे की झूर्रियां, खुजली और माइग्रेन में भी असरदार

Last Updated:April 10, 2025, 14:31 IST

Aak Flower Leaves Health Benefits: भगवान शिव का प्रिय फूल आक औषधीय गुणों से भरपूर है. आक के फूलों के चूर्ण में थोड़ी सी हल्दी, गुलाब जल और दूध मिक्स करके चेहरे पर लेप करने से झुर्रियों की समस्या दूर हो जाती है …और पढ़ेंX
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इसे संस्कृत में “अर्क” कहा जाता हैं.

हाइलाइट्स

भगवान शिव को प्रिय है आक का पौधा.आक के फूल झुर्रियों और दाग-धब्बों को दूर करते हैं.माइग्रेन और खुजली में भी आक के फूल असरदार हैं.

जयपुर. प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो मानव शरीर और हिन्दू धर्म के लिए काफी अधिक महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है आक, यह एक खरपतवार के रूप में उगने वाला पौधा है. छोटे और सफेद नीले रंग जैसे पंखुड़ी वाले आक के फूलों का हिंदू परंपरा में बड़ा महत्व है. आक के फूलों को भगवान शिव की पूजा में शामिल किया जाता है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार आक के फूलों को भगवान शिव को अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि आक के फूलों का औषधीय उपयोग भी संभव है. आक के फूलों का प्रयोग त्वचा के दाग धब्बों को हटाने और सिर दर्द के इलाज में किया जाता रहा है.

चेहरे की झूर्रियों को दूर करने में है सहायक

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि आक के फूलों का प्रयोग चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के लिए करते हैं. इसके फूलों के चूर्ण में थोड़ी सी हल्दी, गुलाब जल और दूध मिक्स करके चेहरे पर लेप करने से झुर्रियों की समस्या दूर हो जाती है और दाग-धब्बों भी ठीक हो जाते हैं. इसके अलावा कान दर्द और सिर दर्द होने पर आक के फूलों का इस्तेमाल करने से माइग्रेन वाला दर्द दूर हो जाते है. आक के फूलों का रस निकालकर इसे सिर पर लगाना चाहिए. वहीं, आक के फूलों का प्रयोग आंखों की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है. इसके लिए आक के फूलों को सूखाकर गुलाब जल मिक्स कर आंख के आस-पास लगाने से खुजली, दर्द और भारीपन दूर हो जाता है. डॉक्टर ने बताया कि आक के फूलों का रस दांत दर्द से भी राहत दिलाता है.

भगवान शिव को प्रिय है आक

आक का धार्मिक महत्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में बहुत गहरा है. इसे संस्कृत में “अर्क” कहा जाता है और यह विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा में उपयोग होता है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि आक का पौधा भगवान शिव को अर्पित किया जाता है. विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सोमवार व्रत पर इसकी पत्तियों से शिवलिंग का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि आक की पत्तियां अर्पित करने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसके अलावा तांत्रिक साधनाओं में आक की जड़ और फूल का विशेष महत्व होता है. आक की जड़ को शुभ मुहूर्त में धारण करने से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है. घर के बाहर आक का पौधा लगाने से बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है. कई लोग इसे नजर दोष से बचाने के लिए भी घर में रखते हैं.

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

April 10, 2025, 14:31 IST

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इस पौधे का चूर्ण गायब कर देगा चेहरे की झूर्रियां, माइग्रेन में भी है असरदार

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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