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Lost in the Valley of Death#jaipur Lit Fest# | Lost in the Valley of Death : सोलो ट्रेवलर की कहानी

पश्चिमी देशों के निवासियों का मानना है कि भारत में आध्यात्म और शांति की प्राप्ति की जाती है, क्योंकि पूरी दुनिया को शांति का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध इसी देश में पैदा हुए थे। यही वजह है कि पश्चिमी देशों से लोग भारत आते हैं। ऐसा ही एक ट्रेवलर था जस्टिन एलेक्जेंडर शेटलर, जिसके जीवन राइटर हार्ले रुस्तद ने ‘लॉस्ट इन द वैली ऑफ डेथ’ लिखी।

जयपुर

Updated: March 05, 2022 06:45:34 pm

पश्चिमी देशों के निवासियों का मानना है कि भारत में आध्यात्म और शांति की प्राप्ति की जाती है, क्योंकि पूरी दुनिया को शांति का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध इसी देश में पैदा हुए थे। यही वजह है कि पश्चिमी देशों से लोग भारत आते हैं। ऐसा ही एक ट्रेवलर था जस्टिन एलेक्जेंडर शेटलर, जिसके जीवन राइटर हार्ले रुस्तद ने ‘लॉस्ट इन द वैली ऑफ डेथ’ लिखी। इसी किताब और जस्टिन के जीवन पर अनीश लालवानी के साथ चर्चा करते हुए शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन मुगल टैंट में राइटर हार्ले रुस्तद ने कहा कि जस्टिन शेटलर का जीवन शानोशौकत से भरा हुआ था। उसने अपनी ग्लैमरस लाइफ को एन्जॉय किया, बहुत सारा पैसा बनाया और पूरी दुनिया की यात्रा की और एक दिन सब कुछ छोड़कर वह भारत चला आया। भारत आने की वजह थी मानसिक शांति और आध्यात्म की तलाश। भारत के कई हिस्सों का भ्रमण करने के बाद उसने हिमालय की ओर अपना रुख किया और साधु की संगत अपना ली। जिन साधुओं के साथ वह गया था वह तो हिमालय से वापस आ गए लेकिन जस्टिन शेटलर नहीं आया। हार्ले रुस्तद ने कहा कि जूलिया रॉबर्ट सहित ऐसे कई सेलेब्रिटी हैं जो इसलिए भारत आते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में पारिवारिक विघटन, शांति का अभाव इन्हें भारत की ओर खंीच लाता है। शेटलर की अंतिम यात्रा भारत में पार्वती घाटी थी जिसे किताब में मृत्यु की घाटी नाम दिया गया है क्योंकि कई साहसी लोगों ने इस घाटी में प्रवेश किया और वह कभी वापस नहीं लौटे। शेटलर ने इस घाटी में जाने, एक गुफा में रहने की योजना बनाई थी और इसी इरादे से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसे लेकर पोस्ट भी किया। शेटलर की इन पोस्ट से पूरी दुनिया के लोग इंस्पायर होते हैं। लेकिन आज भी यह रहस्य है कि जस्टिन जीवित है या मर चुका है। रुस्तद कहते हैं कि शेटलर जीवन जीने की प्रेरणा है क्योंकि वह कभी संतुष्ट नहीं हुआ। क्या शेटलर की पार्वती घाटी में मृत्यु हो गई थी ? क्या वह फाउल प्ले का शिकार था? क्या वह जानबूझकर पहाड़ों में छिपी गुफा में गायब हो गया? क्या वह अभी भी हिमालय में कहीं भटक रहा है यह पाठक पर निर्भर करता है कि वह शेटलर के भाग्य के बारे में अटकलें लगाएं।

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