कोर्ट में झूठ बोलना पड़ गया मंहगा, सोजत नगरपालिका को अब देना होगा 44 लाख हर्जाना, जानें पूरा मामला

Last Updated:April 03, 2025, 12:54 IST
Pali Session Court News: सोजत सिटी में सांड़ की टक्कर से मेहंदी कारोबारी की मौत के मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है. नगरपालिका ने दावा किया कि सोजत नगर पालिका क्षेत्र में बेसहारा पशु, गाय अथवा सांड़ है ही नहीं…और पढ़ें
आवारा मवेशी की वजह से हुई व्यक्ति की मौत
हाइलाइट्स
सोजत नगरपालिका को 44 लाख हर्जाना देना होगा.कोर्ट ने नगरपालिका को लापरवाही का दोषी माना.सांड़ की टक्कर से मेहंदी कारोबारी की मौत हुई थी.
पाली. राजस्थान के पाली में सेशन कोर्ट ने एक एैसा फैसला सुनाया है, जिसने सोजत नगरपालिका को हिलाकर रख दिया है. जी हां, सोजत नगरपालिका को गलती करने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और 44 लाख हर्जाना भी देना पड़ रहा है. दरअसल, पाली सेशन कोर्ट ने सोजत सिटी में सांड़ की टक्कर से मेहंदी कारोबारी की मौत के मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है. अपर एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गढ़वाल ने हादसे के लिए सोजत नगरपालिका ईओ, सभापति और स्वायत्त शासन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.
मामले में कोर्ट ने नगरपालिका सोजत पर 44 लाख 10 हजार 480 रुपए का भारी हर्जाना लगाया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि मृतक के आश्रितों को क्षतिपूर्ति के रूप में यह हर्जाना राशि दी जाए. मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से एडवोकेट गजेंद्र दवे ने पैरवी करते हुए इस घटना के लिए नगर पालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था.
10 साल बाद आया फैसला
अभियोजन के अनुसार, 21 मई 2015 को सोजत सिटी में मेहंदी व्यापारी नरेंद्र टांक उर्फ गुड्डसा(45) दिन में बाइक लेकर घर की ओर जा रहे थे. सड़क पर दो मवेशी लड़ रहे थे, जिनकी चपेट में बाइक सवार नरेंद्र टांक आ गए. सांड़ के सींग से सिर पर गंभीर चोट लगने से नरेंद्र टांक गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्होंने उपचार के दौरान उसी दिन दम तोड़ दिया था. घटना के बाद पत्नी ज्योति टांक, पुत्र कुणाल व बेटी भूमिका की ओर से पुलिस में नगर पालिका ईओ, अध्यक्ष, स्वायत्त शासन विभाग व राज्य सरकार के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.
कोर्ट ने सुनवाई के बाद मानी प्रशासन की लापरवाही
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोजत नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष एवं अधिशासी अभियंता की ओर से जवाब पेश किया गया, जिसमें दावा किया कि सोजत नगर पालिका क्षेत्र में बेसहारा पशु, गाय अथवा सांड़ है ही नहीं. नरेंद्र की मौत किस तरह से हुई, इसकी जानकारी नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद 29 मार्च को फैसला सुनाते हुए नगर पालिका प्रशासन को इस हादसे में लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए आदेश जारी किया.
पुलिस ने सांड़ को ही माना मौत का कारण
पुलिस ने जांच कर 30 जून 2015 को जांच नतीजा कोर्ट में पेश किया. जांच में पाया कि गाय और सांड़ सड़क पर भटक रहे थे. दो सांड़ आपस में लड़ते हुए मृतक नरेन्द्र कुमार की बाइक से टकरा गए, जिससे नरेन्द्र कुमार के सिर पर गंभीर चोटें आई और दोनों लंग्स में गंभीर चोट से मौत हो गई. जांच में सामने आया कि नगर पालिका के उपेक्षापूर्ण कार्य के चलते बेसहारा पशु मुख्य सड़क पर उत्पात मचा रहे थे. इसके कारण ही मेहंदी कारोबारी नरेन्द्र की मौत हो गई थी.
First Published :
April 03, 2025, 12:54 IST
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कोर्ट में झूठ बोलना पड़ गया मंहगा, नगरपालिका को अब देना होगा 44 लाख हर्जाना