शबाना आजमी की फिल्म से किया डेब्यू, 1 रोल के लिए मुंडवा लिया था सिर, खलनायकी में अमरीश पुरी-प्राण को दी टक्कर

नई दिल्ली. कई ऐसी हिंदी फिल्में हैं जिन्हें उनके हीरो नहीं बल्कि उनके विलेन की वजह से याद किया जाता है. साल 1980 में आई फिल्म ‘शान’ भी हिंदी सिनेमा के इतिहास की एक ऐसी ही फिल्म है जो कई बड़े-बड़े सितारों से सजी होने के बावजूद विलेन की वजह से याद की जाती है. अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, परवीन बाबी, शत्रुघ्न सिन्हा, राखी गुलजार, स्टारर इस फिल्म में एक्टर कुलभूषण खरबंदा ने मुख्य खलनायक ‘शाकाल’ की भूमिका निभाई थी. फिल्म में उन्होंने ‘शाकाल’ के किरदार से दर्शकों पर ऐसी छाप छोड़ी थी कि आजतक उनके इस रोल को याद किया जाता है.
कुलभूषण खरबंदा बॉलीवुड के एक ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने हर पीढ़ी की ऑडियंस के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कुलभूषण खरबंदा लोकप्रिय वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में ‘बाबूजी’ के किरदार में दिखते हैं और वह इस सीरीज के तीसरे सीजन के साथ पर्दे पर लौटने को तैयार हैं. वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ ने कुलभूषण खरबंदा को इंडस्ट्री में वो पहचान दिलाई जिसके वो हकदार हैं.
दशकों तक इंडस्ट्री में संघर्ष कर दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले एक्टर कुलभूषण खरबंदा के अभिनय के सफर की शुरुआत दिल्ली से हुई थी. किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान ही अभिनय में उनकी रूचि बढ़ी थी और फिर वह कई थिएटर्स ग्रुप का हिस्सा भी रहे. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर थिएटर ग्रुप ‘अभियान’ की शुरुआत की और फिर वह थिएटर ग्रुप ‘यांत्रिक’ से भी जुड़े थे.
इस दौरान एक्टर ने कोलकाता के महान प्ले डायरेक्टर श्यामानंद जालान की संस्था ‘पदातिक’ के लिए भी कई नाटक किए थे और इस दौरान ही फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल की उनपर नजर पड़ी. कुलभूषण खरबंदा पहली नजर में ही श्याम बेनेगल पर अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे और फिल्ममेकर ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें मुंबई आने का सुझाव दिया.
श्याम बेनेगल ने बुलाया मुंबईश्याम बेनेगल की सलाह पर कुलभूषण खरबंदा ने फिल्मों में काम करना शुरू किया. उन्होंने फिल्ममेकर की फिल्म ‘निशांत’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था. उसके बाद एक्टर ने ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘जुनून’, ‘कलयुग’, ‘त्रिकाल’, ‘मंडी’ जैसी कई फिल्मों में काम किया. श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी कुलभूषण खरबंदा की इन फिल्मों ने उन्हें क्रिटिक्स की नजरों में एक बेहतरीन एक्टर के रूप में स्थापित किया.
किरदार के लिए मुंडवा लिया था सिरकुलभूषण खरबंदा अपने हर किरदार को पर्दे पर इतनी शिद्दत से निभाते हैं कि साल 1980 में आई फिल्म ‘शान’ में ‘शाकाल’ की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने असल में अपना सिर मुंडवा लिया था. उन्होंने इस किरदार को पर्दे पर कुछ यूं जीवित किया था कि उन्हें आज भी इस किरदार के लिए याद किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 14:32 IST