Rajasthan

महाभारत कालीन विराटनगर: पांडवों का अज्ञातवास और भीम का कीचक वध.

Last Updated:March 11, 2025, 11:02 IST

विराटनगर में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मत्स्य राजा विराट के साम्राज्य में शरण ली थी. यहां 12 मुख वाला शिवलिंग, भीम-हिडम्बा का मंदिर और भीम के पैरों के निशान हैं.X
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द्रोपती को लगी प्यास तो भीम ने लात मार कर बना दिया कुंड

हाइलाइट्स

भीम ने चट्टान पर लात मारकर कुंड बनाया थाविराटनगर में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शरण ली थीयहां 12 मुख वाला शिवलिंग और भीम-हिडम्बा का मंदिर है

जयपुर. राजधानी जयपुर से 85 किलोमीटर दूर विराटनगर में महाभारत काल के दौरान पांडवों ने कुछ समय यहां पर बिताया था. अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने वेश बदलकर मत्स्य राजा विराट के साम्राज्य में शरण ली थी. यहां पर पांडव आए थे इसके सबूत आज भी यहां पर देखने को मिलते हैं. विराटनगर के पंच खंड पर्वत पर 12 मुख वाला 6 टन वजनी शिवलिंग भी मौजूद है.

इसके अलावा इस जगह पर भीम और उनकी पत्नी हिडम्बा का भी मंदिर मौजूद है. स्थानीय किंवदंती के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान अपने अस्त्र पंचखंड पर्वत पर ही छिपाते थे. यहां पर विशालकाय भीम के पैरों के निशान भी बने हुए हैं.

द्रौपदी को परेशान किया तो भीम ने किया वधस्थानीय किंवदंती के अनुसार के अनुसार जब पांडव अज्ञातवास के दौरान राजा विराट ने उनको शरण दी थी. वह यहां पर भेष बदल कर रहते थे. नगर के लोगों को भी नहीं पता था कि जो यहां पर रह रहे हैं वह पांडव है. ऐसे में राजा विराट जितने अच्छे थे उतना ही खराब उनका साला कीचक था. उसकी गंदी नजर द्रौपदी पर थी. वह अक्सर उसे परेशान किया करता था. जिसकी जानकारी उसने पांडवों को दी इस पर भीम को बहुत अधिक गुस्सा आया तो, भीम ने कीचक के वध करने की एक रणनीति बनाई. जिसके तहत द्रौपदी ने कीचक को पंच खंड पर्वत पर बुलाया. जैसे ही कीचक वहां पर पहुंचा तो भीम ने उस पर हमला कर दिया कुछ देर युद्ध चलने के बाद भीम ने कीचक का वध कर दिया.

द्रोपती को लगी प्यास तो भीम ने लात मार कर बना दिया कुंडइसके अलावा इस जगह से जुड़ी एक और किंवदंती है, बताया जाता है कि जब पांडव और द्रौपदी पर्वत पर रह रहे थे तब द्रोपती को अचानक प्यास लगी आसपास पानी नहीं मिला तो भीम ने चट्टान पर लात मार कर कुंड बना दिया. यह कुंड आज भी मौजूद है. बताया जाता है कि यह कुंड आज तक कभी सूखा नहीं है. अभी तक इसकी गहराई का अनुमान भी नहीं लगाया जा सका है.

संत यहां आकर करते है तपस्यापंचकंद पर्वत पर स्थित 12 मुखी शिव मंदिर के स्वामी सोमेंद्र महाराज बताते हैं कि यहां अभी भी संत और अघोरी आकर तपस्या करते हैं. समय समय पर यहां कई धार्मिक आयोजन भी होते हैं. इस पर्वत पर शिवरात्रि पर यहां विशेष आयोजन होते हैं. इस ऐतिहासिक जगह को देखने के लिए अनेकों पर्यटक भी आते हैं.


Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

March 11, 2025, 11:02 IST

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जब द्रोपदी को लगी प्यास तो भीम ने चट्टान पर लात मार कर निकाला था पानी…

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