Sports city will be built in the cities of Rajasthan to nurture talent | प्रतिभाओं को निखारने के लिए राजस्थान के शहरों में बनेगी Sports City

स्पोर्टस सिटी के लिए मापदण्ड लागू, ट्रेनिंग सेंटर की भी अनिवार्यता
जयपुर
Published: January 27, 2022 11:28:18 pm
भवनेश गुप्ता
जयपुर। राजस्थान के शहरों में अब स्पोर्टस सिटी विकसित होगी। प्रदेश में निजी क्षेत्र के सहयोग से खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्पोर्टस सिटी के लिए मापदण्ड़ तय कर दिए हैं। स्टेडियम, स्पोर्टस क्लब, शूटिंग रेंज, स्वीमिंग पूल, गोल्फ कोर्स, पोलो ग्राउंड, स्पोर्टस कॉम्पलेक्स के अलावा अन्य आउटडोर व इंडोर खेलकूद गतिविधि होगी। यहीं स्पोर्टस ट्रेनिंग एकेडमी, इंस्टीट्यूट भी होगा, जिससे बच्चों को प्रशिक्षण भी दिया जा सके। इस ‘सिटी’ में ही आवासीय, व्यावसायिक गतिविधियों के अलावा सरकारी और अदृर्धसरकारी आॅफिस संचालन की भी अनुमति दी गई है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की स्वीकृति के बाद राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी में संशोधन कर दिया है। इसके तहत छोटे शहरों में 2 हेक्टेयर और बड़े शहरों में न्यूनतम 5 हेक्टेयर जमीन होना जरूरी होगा।

यह होंगे मापदड़
-योजना का 25 प्रतिशत क्षेत्र स्पोर्ट्स गतिविधि के लिए रखना अनिवार्य होगा।
-आवासीय और व्यावसायिक गतिविधि के लिए 20 प्रतिशत हिस्सा रखा गया है। इसमें से भी 15 प्रतिशत क्षेत्र आवासीय, ग्रुप हाउसिंग (ईडब्ल्यूएस, एलआईजी सहित) के लिए होगा। बाकी 5 प्रतिशत हिस्से में ही कॉमर्शियल गतिविधि की अनुमति होगी। इसमें जनरल आइटम शॉप, रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया, होटल व अन्य गतिविधि शामिल है।
-पब्लिक और सेमीपब्लिक सुविधा के लिए 15 प्रतिशत हिस्सा छोड़ना होगा। इसमें से 10 प्रतिशत क्षेत्र में स्पोर्टस ट्रेनिंग एकेडमी, इंस्टीट्यूट एण्ड स्पोर्टस ट्रेनिंग सेंटर व अन्य गतिविधि के लिए उपयोग किया जाएगा। बाकी 5 प्रतिशत हिस्से में मेडिकल, सामाजिक सांस्कृतिक (आॅडिटोरियम, कन्वेंशनल सेंटर, एग्जीबिशन सेंटर, ओपन एरिए थिएटर), ओएफसी (लाइब्रेरी, बैंक, डाकघर, फेयर व मैरिज गार्डन) होगा।
-सड़क व खुला क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत हिस्सा छोड़ना होगा। इसमें 5 प्रतिशत सरकारी, अदृर्धसरकारी कार्यालय के लिए।
यहां मिलेगी अनुमति
मास्टर प्लान के परिधीय नियंत्रण क्षेत्र के अलावा उसमें चिन्हित शहरी क्षेत्र से सटा कुछ ग्रामीण हिस्सा, स्टेडियम, रिक्रिएशनल जोन। यहां स्पोर्टस सिटी बनाई जा सकेगी। निर्माण के लिए बिल्डिंग बायलॉज के मापदण्ड़ ही लागू होंगे।
अभी तक शहरों के मास्टर प्लान में स्पोर्टस कॉम्पलेक्स गतिविधि ही अंकित है। इसके तहत एक जगह केवल कॉम्पलेक्स ही बनाया जा सकेगा। उसमें अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं दी गई। इससे कुछ एक जगह के अलावा कहीं भी निजी क्षेत्र में खेलकूद गतिविधियों के लिए निवेशक आगे नहीं आए। स्पोर्टस सिटी के मापदण्ड़ तय करने के पीछे तर्क दिया गया है कि जो भी निवेशक यहां स्पोर्टस विकसित करेगा, वह आवासीय व व्यावसायिक प्रॉपर्टी के जरिए इस प्रोजेक्ट को व्यवहारिक बना पाएगा।
-युवा, बच्चों को खेलकूद गतिविधियों से जोड़ने के लिए स्पोर्टस सिटी कंसेप्ट लागू किया गया है। इससे प्रदेश से भी और ज्यादा बेहतर खिलाड़ी तैयार हो सकेंगे। यह केवल कागजी पुुलिंदा साबित नहीं हो, इसीलिए इसे आर्थिक रूप से व्यवहारिक बनाया गया है।
-आर.के. विजयवर्गीय, मुख्य नगर नियोजक, राजस्थान
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