Mahashivratri Celebration: सूर्य की पहली किरण करती है मस्तकाभिषेक, बहुत खास है ये कोटा का ये मंदिर, 5 फीट लंबा सहस्त्र शिवलिंग मौजूद

Last Updated:February 26, 2025, 23:10 IST
Mahashivratri Celebration: कोटा के थेगड़ा इलाके में देश का एकमात्र स्थान शिवपुरी धाम जहां 525 शिवलिंग एक साथ स्वास्तिक आकार में स्थापित हैं. यहां आज अलसुबह से भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है. श्रद्धालु शि…और पढ़ेंX
कोटा शिक्षा नगरी में महाशिवरात्रि की धूम
हाइलाइट्स
शिवपुरीधाम में 525 शिवलिंगों पर लाखों श्रद्धालुओं ने अभिषेक कियाकोटा के थेगड़ा इलाके में स्थित है शिवपुरीधाममहाशिवरात्रि पर शिवालयों में पूजा-अर्चना का दौर शुरू
कोटा. कोटा में महाशिवरात्रि के पर्व पर शहर के शिवालयों में पूजा-अर्चना का दौर सुबह से ही शुरू हो गया. शहर में कई जगह शिव बारात निकाली गई. महाशिवरात्रि पर शहर भर के शिव मंदिरों में सुबह से ही अभिषेक शुरू हो गया है.
देश की एकमात्र जगह जहां स्थापित हैं 525 शिवलिंग कोटा के थेगड़ा इलाके में स्थित शिवपुरी धाम देश का एकमात्र स्थान है, जहां 525 शिवलिंग स्वास्तिक आकार में स्थापित हैं. यहां आज सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. श्रद्धालु शिवलिंग पर जल, दूध, चंदन, घी और शहद से अभिषेक कर रहे हैं. पूरा शिवालय ‘ओम नमः शिवाय’ के जयकारों से गूंज रहा है. 525 शिवलिंग का अभिषेक करने से भक्तों को 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होता है. नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के बाद, कोटा के थेगड़ा शिवपुरी धाम वह स्थान है, जहां भक्त इतनी बड़ी संख्या में शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.
सूर्य की पहली किरण करती है मस्तकाभिषेक कोटा के प्राचीन शिव मंदिर कंसुआ धाम के गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग पर सूर्य की पहली किरण मस्तकाभिषेक करती है. दंतकथाओं के अनुसार यह मंदिर करीब 1400 साल पुराना है. कंसुआ धाम कण्व ऋषि की तपोस्थली रही है. राजकुमार दुष्यंत और शकुंतला का गंधर्व विवाह भी यहीं हुआ था. उनके बेटे भरत का बचपन भी यहीं गुजरा है. मंदिर के पास मौजूद कुंड में पूरे 12 महीने पानी भरा रहता है जो कभी सूखता नहीं है. इस कुंड की मान्यता है कि इसमें नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं. शिवरात्रि पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं. यहां दो दिन मेला भी लगता है.
अखंड ज्योति प्रज्वलितपुजारी श्याम गिरी गोस्वामी ने बताया कि मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 738 ईस्वी में हुआ था. इस धाम में शिव परिवार विराजमान है. गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग पर सूर्य की पहली किरण प्रत्येक दिन अभिषेक करती है. यहां अखंड ज्योति प्रज्वलित है और धूनी जलती रहती है.
5 फीट लंबा सहस्त्र शिवलिंग मौजूदमंदिर के बाहर 5 फीट लंबा सहस्त्र शिवलिंग मौजूद है. मंदिर में एक दुर्लभ शिलालेख भी मौजूद है जो कि कौटिल्य लिपि में लिखा हुआ है और देश के सर्वश्रेष्ठ शिलालेखों में से एक माना जाता है.
Location :
Kota,Kota,Rajasthan
First Published :
February 26, 2025, 23:10 IST
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कोटा में 525 शिवलिंग एक साथ स्वास्तिक आकार में स्थापित, बहुत खास है ये मंदिर