ममता कुलकर्णी का बड़ा खेल! पहले इस्तीफा और 48 घंटे बाद… श्रीयामाई ममता नंद गिरि का वीडियो वायरल

Last Updated:February 14, 2025, 09:17 IST
ममता कुलकर्णी ने 24 फरवरी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं. फिर सिर्फ 7 दिन बाद उन्हें पदहीन कर दिया गया. 10 फरवरी को उन्होंने पद से इस्तीफा दिया और अब सिर्फ 48 घंटों के बाद एक नया खेल हुआ, जिसके बाद एक बा…और पढ़ें
ममता कुलकर्णी अपने नए वीजिडो को लेकर सुर्खियों में हैं.
हाइलाइट्स
ममता कुलकर्णी फिर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं.गुरु ने स्वीकार नहीं किया ममता का इस्तीफा.डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की बात पर ममता कुलकर्णी ने लगाई मुहर.
नई दिल्ली. 90 के दशक की बोल्ड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने सिनेमाई दुनिया को अचानक अलविदा कहा और भक्ति में रम गईं. लोग इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे थे, लेकिन करीब दो दशक के बाद वो भगवा धारण कर भारत लौटीं और प्रयागराज महाकुंभ में 24 जनवरी को ममता किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं. ममता को नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि मिला. उनके महामंडलेश्वर बनने का सोशल मीडिया पर आम लोगों ने ही नहीं साधु-संतों ने भी काफी विरोध किया और सिर्फ 7 दिनों के बाद किन्नर अखाड़े ने उन्हें पदहीन कर दिया. 10 फरवरी को उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसके जरिए पूर्व एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन, इस्तीफा देने के सिर्फ 2 दिनों के बाद वह फिर से महामंडलेश्वर बन गई हैं. दोबारा महामंडलेश्वर बनने के बाद उनका पहला वीडियो वायरल हो रहा है.
ममता कुलकर्णी यानी श्रीयामाई ममता नंद गिरि महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद ही फिर से महामंडलेश्वर बन गई हैं. उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो बकता रही हैं कि आखिर क्यों उन्होंने इस्तीफा दिया था और क्यों वो दोबारा इस पद पर आसीन हो गईं.
क्या बोलीं ममता कुलकर्णीममता कुलकर्णी ने अपना नया वीडियो संदेश जारी किया है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर जारी एक 1 मिनट 14 सेकेंड के वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, ‘मेरे गुरु स्वामी डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर कुछ लोगों ने गलत आक्षेप लगाए थे. उस भावना में आकर मैंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि अपने गुरु को जो मैंने भेंट दी थी. वह महामंडलेश्वर बनने के बाद छत्र, छड़ी और चंवर के लिए दिया था. उससे बची धनराशि मैंने भंडारे के लिए दी थी.’
गुरु डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया.
किन्नर अखाड़ा और सनातन धर्म के लिए समर्पितममता कुलकर्णी उर्फ श्रीयामाई ममता नंद गिरि ने कहा है, ‘मैं अपने गुरु की कृतज्ञ हूं कि उन्होंने वापस मुझे पद पर बिठाया है. आगे चलकर मैं अपना जीवन किन्नर अखाड़ा और सनातन धर्म के लिए समर्पित करूंगी.’
गुरु की बात पर ममता कुलकर्णी ने लगाई मुहरआपको बता दें कि किन्नर अखाड़े की पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने आज ही न्यूज 18 को एक्सक्लूसिव बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यमाई ममता नंद गिरी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं और बनी रहेंगी. उन्होंने दावा किया था कि भावना में आकर ममता कुलकर्णी ने अपना इस्तीफा दिया है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया. अब इसके बाद ममता कुलकर्णी उर्फ यमाई ममता नंद गिरी ने भी वीडियो संदेश जारी कर अपने गुरु की बात पर मुहर लगाई है.
‘एक साध्वी थी और हमेशा साध्वी रहूंगी’ममता कुलकर्णी ने 10 फरवरी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर पद छोड़ दिया था. उन्होंने वीडियो शेयर कर कहा था, ‘मैं महामंडलेश्वर यामाई ममता नंद गिरि अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं. आज किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर समस्याएं हो रही हैं. मैं 25 साल से एक साध्वी थी और हमेशा साध्वी रहूंगी. मुझे महामंडलेश्वर का सम्मान दिया गया था, लेकिन ये कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया था. चाहें वो शंकराचार्य हों या कोई और… मैंने तो बॉलीवुड को 25 साल पहले ही छोड़ दिया था’.