मनमोहन सिंह और मोंटेक अहलूवालिया भी ‘लैटरल एंट्री’ से घुसे, किसने राहुल गांधी को याद दिलाई पुरानी बात

बीकानेर. केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनके इस दावे के लिए निशाना साधा कि सरकार ‘लैटरल एंट्री’ के जरिए आरक्षण प्रणाली को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है. मेघवाल ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 1976 में ‘लैटरल एंट्री’ के जरिए ही वित्त सचिव बनाया गया था.
मंत्री ने गांधी के इस आरोप को भी ‘निराधार’ बताया कि इस तरीके से आरएसएस के लोगों को लोकसेवक के रूप में नियुक्त किया जाएगा. मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नियम बनाने का अधिकार देकर ‘लैटरल एंट्री’ प्रणाली को व्यवस्थित बनाया. उन्होंने कहा कि पहले शासन में इस तरह के प्रवेश के लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं थी.
उन्होंने बीकानेर में पीटीआई से कहा, “जो भी नियुक्ति या भर्ती या चयन होना है, यूपीएससी करेगा. इसमें भाजपा, आरएसएस का मुद्दा कहां है? निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं.” मेघवाल ने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देता है.
मंत्री ने आरोप लगाया कि गांधी झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह करने और यूपीएससी जैसी संस्थाओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं और वह अपने प्रयास में कभी सफल नहीं होंगे.
मेघवाल ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता का संवैधानिक पद संभालने के बावजूद गांधी गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. मंत्री ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह भी ‘लैटरल एंट्री’ का हिस्सा थे. आपने 1976 में उन्हें सीधे वित्त सचिव कैसे बना दिया?” उन्होंने कहा कि तत्कालीन योजना आयोग उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ‘लैटरल एंट्री’ के ज़रिए सेवा में आए थे.
मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) का प्रमुख बनाया गया था. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक है. क्या एनएसी एक संवैधानिक संस्था है.” उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री से ऊपर रखा गया था.
मेघवाल ने कहा कि ये संविदा पद हैं. उन्होंने कहा, “मान लीजिए कि कोई पर्यावरण विशेषज्ञ उप-सचिव बन जाता है, तो इसमें क्या समस्या है…व्यक्ति को किसी विशेष क्षेत्र का विशेषज्ञ होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि ‘लैटरल एंट्री’ सभी के लिए खुली है.
मेघवाल ने कहा, “एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोग भी आवेदन करते हैं. आईएएस की रिक्तियां अलग हैं. उनका दावा है कि हम आरक्षण खत्म कर रहे हैं. जब आप भर्ती कर रहे थे तो आप क्या कर रहे थे? अचानक उनका ओबीसी के प्रति प्रेम सामने आ गया है. वे एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.”
कोलकाता में कनिष्ठ डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश शर्मिंदा है. मेघवाल ने कहा, “घटना के बाद सबूत नष्ट करने के प्रयास किए गए। यह बहुत शर्मनाक घटना है और हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.” बाद में, बीकानेर से सांसद मेघवाल भारत-पाक सीमा पर खानूवाली स्थित बीएसएफ चौकी पहुंचे और महिला बीएसएफ कर्मियों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया.
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FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 23:03 IST