Manoj Kumar: मां की खातिर डॉक्टर-नर्स को पीटा, पिता की याद में डिप्रेशन का दर्द झेला

Last Updated:April 04, 2025, 13:08 IST
Manoj Kumar Death: आज दिग्गज अभिनेता हमारे बीच नहीं हैं. अब उनकी यादें रह गई हैं जो बरसों बरस लोगों को उस शख्स की याद दिलाती रहेंगी जिसने संस्कारों को जिया. जितना मां भारती से प्रेम किया उतना ही अपने जन्मदाताओं…और पढ़ें
मनोज कुमार अपने माता-पिता से बहुत प्यार करते थे. फोटो साभार-@bharatkumarfunsclub/Instagram
हाइलाइट्स
मनोज कुमार ने देशभक्ति फिल्मों से राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया.मां की हालत देख मनोज ने डॉक्टरों और नर्सों को पीटा.पिता की मृत्यु ने मनोज को अंदर से तोड़ दिया.
नई दिल्ली. हिन्दी सिनेमा को उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति, रोटी कपड़ा और मकान, शहीद जैसी देशभक्ति फिल्में देने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार अपनी फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रवाद की बात दुनिया के सामने रखते थे. उनकी फिल्मों में भारत माता की जयकार सुनने को मिलती थी. आज दिग्गज अभिनेता हमारे बीच नहीं हैं. अब उनकी यादें रह गई हैं जो बरसों बरस लोगों को उस शख्स की याद दिलाती रहेंगी जिसने संस्कारों को जिया. जितना मां भारती से प्रेम किया उतना ही अपने जन्मदाताओं से.
एक पुराने साक्षात्कार में उन्होंने उस घटना का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, ‘भारत के बंटवारे के दौरान सांप्रदायिक दंगे भड़के हुए थे. मनोज कुमार की मां अपने बीमार छोटे बेटे कुकू के साथ तीस हजारी अस्पताल में भर्ती थी. दंगों की वजह से अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा उन्हें इलाज नहीं मिल रहा था. इलाज नहीं मिलने से उन्हें काफी समस्या हो रही थी.
मनोज कुमार यह सब अपने आंखों के सामने देख रहे थे. मां की स्थिति देख मनोज खुद पर काबू नहीं रख पाए और डॉक्टरों और नर्सों की डंडे से पीट दिया. इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान मनोज कुमार के पिता ने जैसे-तैसे मामले को शांत कराया. पिता ने कसम खिलवाई कि अब से कभी वो दंगा फसाद नहीं करेंगे. बकौल मनोज उन्होंने ताउम्र उस बात का सम्मान किया.
मनोज कुमार के जीवन से जुड़ा एक और किस्सा है जब वह शराब के आदि हो गए थे. ज्यादा शराब सेवन करने की वजह से उनका वजन बढ़ने लगा था. मनोज डिप्रेशन में पहुंच गए थे. साल 1983 में मनोज कुमार के पिता की दुखद घटना में मृत्यु हो गई. इस खबर ने अभिनेता को अंदर से तोड़ दिया. बताया जाता है कि मनोज के पिता व्रजेश्वरी मंदिर में पूजा करने गए थे. वापस आते समय उन्होंने ड्राइवर से भयंदर खाड़ी के पास कार रोकने को कहा. इसके बाद वे नदी में फूल फेंकने के लिए पुराने पुल पर पहुंचे. इसी दौरान उनका संतुलन बिगड़ा और वह नदी में गिर गए. कई दिनों तक खोज की गई. बाद में उनका शव बरामद हुआ.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
April 04, 2025, 13:07 IST
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Manoj Kumar: मां की खातिर डॉक्टर-नर्स को पीटा, पिता की याद में दर्द झेला