Raj Govt To Form New Corporation To Speed Up DMIC Project – रिडको बनेगा नया कॉर्पोरेशन, लैंड इक्विटी के बदले अब मिल सकेगा केन्द्र से पैसा

– रीको और केन्द्र की 51:49 की हिस्सेदारी, दोनों सरकारों के 3-3 निदेशक बनेंगे
पंकज चतुर्वेदी
जयपुर. बीते दस साल से मंथर गति से चल रही प्रदेश के औद्योगिक विकास की सबसे बड़ी परियोजना दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) अब पंख लगेंगे। कॉरिडोर विकास में तेली के लिए राज्य सरकार नया निगम बनाएगी, जिसे राजस्थान इंडस्टिï्रयल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (रिडको) कहा जाएगा।
इसी निगम के जरिए केन्द्र से हमारे यहां पैसा आने का रास्ता खुल सकेगा। केन्द्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी वाले कॉर्पोरेशन में रीको के प्रबंध निदेशक समेत दोनों सरकारों के तीन-तीन निदेशक होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की परियोजना के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) गठन की मंजूरी देने के बाद सरकार ने नए निगम का खाका तैयार कर लिया है। यही एक निगम परियोजना के प्रथम चरण में विकसित होने वाले खुशखेडा-भिवाड़ी-नीमराणा और जोधपुर-पाली-मारवाड़ विशेष निवेश क्षेत्रों के लिए एसपीवी होगा।
बाधा: नहीं मिल पा रहा एक भी पैसा
बड़ी बात यह है कि महज इस एसपीवी का गठन नहीं होने के कारण ही केन्द्र हमें पैसा नहीं दे रहा था। जबकि परियोजना के अन्य पांच राज्यों को हजारों करोड़ रुपए मिल चुके। इन अन्य राज्यों में गुजरात, महाराष्टï्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश अैर हरियाणा शामिल हैं।
समाधान: अब ऐसे होगी विकास की साझेदारी
राज्य सरकार परियोजना साझेदारी में अवाप्त भूमि को लैंड इक्विटी के तौर पर कॉर्पोरेशन को समर्पित करेगी। फिर इसी आधार पर केन्द्र सरकार का नेशनल इंडस्टिï्रयल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंपलीमेंटेशन ट्रस्ट (एनआइसीडीआईटी) राज्य को मुआवजा और अन्य कार्यों की फंडिंग करेगा।
हाल ए डीएमआइसी
केबीएनआइआर- 480 करोड़ में से सिर्फ 80 करोड़ रुपए ही मुआवजा
प्रथम चरण के महत्वपूर्ण खुशखेडा-भिवाड़ी-नीमराणा निवेश क्षेत्र में सरकार को अवाप्त भूमि के बदले 418 करोड़ रुपए का मुआवजा देना है। लेकिन 2014 से अब तक सिर्फ 80 करोड़ ही वितरित हो पाए। मुण्डावर व नीमराणा के 42 गांवों में कुल 532 हैक्टेयर में यह क्षेत्र बनना है।
जेपीएमआइआर: मास्टर प्लान के चार साल बाद अधिसूचना
जोधपुर- पाली- मारवाड औद्योगिक क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान बनने के चार वर्ष बाद 12 अक्टूबर 2020 को सरकार ने विशेष निवेश क्षेत्र की अधिसूचना जारी की है। करीब 1500 हेक्टेयर भूमि के लिए सर्वे चल रहे हैं। अवाप्ति अभी शुरु नहीं।
ऐसे बनेगा सुनहरा राजस्थान
– एनसीआर से महाराष्ट्र तक रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के राजस्थान से गुजर रहे हिस्से के दोनों ओर 150 किलोमीटर में विकसित होगा डीएमआईसी
– डीएफसी प्रदेश के सात जिलों अलवर, सीकर, नागौर, जयपुर, पाली, अजमेर और सिरोही से गुजरेगा। जबकि डीएमआइसी के प्रभाव क्षेत्र में प्रदेश के 22 जिले आएंगे।
– डीएफसी के दोनों ओर विश्व स्तरीय औद्योगिक क्लस्टर्स, इंडस्टिï्रयल पार्क, स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स, टाउनशिप और कोटकासिम में नया अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा।
– केबीएनआइआर और जेपीएमआइआर समेत कुल पांच विशेष निवेश क्षेत्र प्रस्तावित। अन्य तीन में अजमेर-किशनगढ़, राजसमंद भीलवाड़ा और जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र शामिल।