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Marigold Farming Profit in Bharatpur for Diwali | Bayana Kunda

Bharatpur News: भरतपुर जिले के बयाना कुण्डा क्षेत्र के किसान इन दिनों खुशियों से झूम रहे हैं. इसका कारण है उनकी गेंदे की बंपर फसल, जिसने इस बार दीपावली से पहले ही उनके चेहरों पर मुस्कान ला दी है. दीपोत्सव जैसे बड़े त्योहार के नजदीक आते ही बाजारों में फूलों की मांग कई गुना बढ़ जाती है, जिसका सीधा और बड़ा फायदा यहाँ के किसानों को मिल रहा है.

इस साल कुण्डा क्षेत्र में करीब 10 से 15 बीघा जमीन पर गेंदे की खेती की गई है. इन दिनों खेतों में पीले और नारंगी रंग के गेंदे के फूल खिलकर खेतों की खूबसूरती और सुगंध बढ़ा रहे हैं. यह दृश्य न सिर्फ मनमोहक है, बल्कि किसानों की आर्थिक समृद्धि का भी प्रतीक है.

लागत कम, मुनाफा कई गुना अधिककिसानों का कहना है कि दीपावली, शादियों और अन्य धार्मिक त्योहारों पर गेंदे के फूलों की मांग सबसे अधिक रहती है. घरों, मंदिरों, बाज़ारों और सार्वजनिक स्थानों पर सजावट के लिए इन फूलों का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है.

गेंदे की खेती को किसान इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि इसमें लागत कम आती है, जबकि मुनाफा कई गुना अधिक होता है:
लागत: एक बीघा जमीन पर औसतन 15 से 20 हजार रुपये की लागत आती है.
मुनाफा: जबकि बिक्री से 40 से 50 हजार रुपये तक की आमदनी होती है.

इस प्रकार, इस क्षेत्र के किसान हर साल कुल मिलाकर ढाई से तीन लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा केवल गेंदे की खेती से कमा लेते हैं.

बम्पर पैदावार और बढ़ती मांगइस बार मौसम भी खेती के अनुकूल रहा, जिससे गेंदे के फूलों की पैदावार अच्छी हुई है और फूलों की गुणवत्ता भी बेहतरीन है.

फूलों की तुड़ाई का काम दीपावली से एक सप्ताह पहले शुरू किया जाएगा, ताकि फूलों को ताज़ा बेचा जा सके. इसके बाद फूलों को बयाना, भरतपुर, आगरा और मथुरा जैसे बड़े शहरों के बाजारों में भेजा जाएगा.

बढ़ती मांग को देखते हुए कई व्यापारी पहले ही गांव में आकर किसानों से फूलों की बुकिंग कर रहे हैं, जिससे किसानों को बिक्री की चिंता नहीं है. किसानों को उम्मीद है कि इस बार फूलों की अच्छी कीमत मिलेगी.

पारंपरिक फसलों से फूलों की खेती तक का सफरबीते कुछ वर्षों में गेंदे की खेती ने कुण्डा क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है. पहले वे केवल गेहूं और बाजरे जैसी पारंपरिक और कम मुनाफा देने वाली फसलों पर निर्भर थे, लेकिन अब गेंदे की नकदी फसल ने उनकी आमदनी में बड़ा बदलाव लाया है और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर किया है.

दीपावली के अवसर पर, जब हर घर में रोशनी और सजावट का दौर चलता है, तब कुण्डा के किसानों की मेहनत इन खुशियों को और रंगीन बना देती है. खेतों में खिले गेंदे के फूल न सिर्फ खेतों को सुगंधित कर रहे हैं, बल्कि किसानों की मेहनत और उम्मीदों को भी सुनहरा भविष्य दे रहे हैं.

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