अबूझ मुहूर्त के बाद भी इस साल अक्षय तृतीया पर नहीं होंगी शादी, 24 साल बाद बना ऐसा संयोग, जुलाई तक रुकना होगा

जोधपुर. अक्षय तृतीया यानि शुभ दिन. शादी ब्याह सहित बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य करने का दिन. इस दिन बड़ी संख्या में विवाह और सामूहिक विवाह समारोह होते है. लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर भी शादी के मुहूर्त नहीं हैं. लगभग 24 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब अक्षय तृतीया के दिन विवाह मुहूर्त नहीं है. हालांकि अक्षय तृतीया को महामुहूर्त माने जाने से शुभ संस्कार संपन्न होंगे.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने लोकल 18 से बताया जो लोग गर्मी के मौसम में शादी करने की सोच रहे हैं, उन्हें यह मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे. इसकी वजह ये है कि इन दोनों माह में शुक्र ग्रह अस्त रहेगा. उसके उदित होने के बाद जुलाई में ही मुहूर्त शुरू होंगे. 24 वर्ष बाद मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा. शुक्र उदित होने के बाद जुलाई में ही विवाह मुहूर्त शुरू होंगे. ऐसी स्थिति वर्ष 2000 में भी बनी थी. तब मई और जून में कोई विवाह मुहूर्त नहीं था.
स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्तज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया शास्त्रों में अक्षय तृतीया तिथि को स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त माना गया है. यानी इस तिथि पर बिना मुहूर्त का विचार किए सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, सोने-चांदी के आभूषण. घर, भूखंड या वाहन आदि की खरीददारी से सम्बंधित कार्य किए जा सकते हैं. ऐसी मान्यता है इस अबूझ मुहूर्त की तिथि पर व्यापार आरम्भ, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्य, सकाम अनुष्ठान, दान-पुण्य,पूजा-पाठ अक्षय रहता है अर्थात कभी नष्ट नहीं होता.
अबूझ मुहूर्त के बाद भी नहीं होंगे विवाहडा. अनीष व्यास ने बताया विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र अस्त का भी विचार किया जाता है. अच्छा शुक्र भोग विलास का नैसर्गिक कारक है और दांपत्य सुख को दर्शाता है. गुरु, कन्या के लिए पति सुख का कारक है. दोनों ग्रहों का शुभ विवाह के लिए उदय होना शास्त्र सम्मत है. विवाह के लिए शुक्र और गुरु ग्रह का उदित रहना जरूरी है. दोनों ग्रह विवाह के कारक हैं. इनके अस्त रहने पर विवाह नहीं होते हैं. 29 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त हो गया, जो 28 जून तक अस्त रहेगा. 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएगा, जो 3 जून को उदित होगा. शुक्र अस्त ही रहेगा इसलिए मई जून में विवाह की शहनाई नहीं बजेंगी.
गुरु और शुक्र विवाह का कारक ग्रहडा. अनीष व्यास ने बताया ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुंडली मिलान, गुण दोष मिलान किया जाता है. इसके अलावा गुरु और शुक्र को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है. यदि आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदितमान हो तो ही विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं.
अबूझ मुहूर्त होने से दोष नहींडा. अनीष व्यास ने बताया गुरु और शुक्र तारा अस्त होने से शुभ संस्कार नहीं किए जाएंगे. हालांकि वैशाख शुक्ल तृतीया यानी अक्षय तृतीया को महामुहूर्त कहा गया है. जो 10 मई को है. इस दिन गुरु-शुक्र तारा अस्त होने से मुहूर्त नहीं है, लेकिन अबूझ मुहूर्त माने जाने से अगर कोई चाहे तो विवाह किया जा सकता है.
अक्ती के नाम से प्रसिद्धडा. अनीष व्यास ने बताया अक्षय तृतीया, जो छत्तीसगढ़ में अक्ती के नाम से प्रसिद्ध है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा चन्द्रमा उच्च होते हैं. सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में होता है. इसलिए अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है. अक्षय तिथि अर्थात जिस तिथि का कभी क्षय नहीं होता.
9 जुलाई से शुरू होंगे विवाहडा. अनीष व्यास ने बताया गुरु और शुक्र का तारा उदित होने के बाद 9 जुलाई से एक बार फिर विवाह समारोह की धूम शुरू होगी. जुलाई में क्रमशः 9 ,11, 12, 13 और 15 जुलाई विवाह की तारीख हैं. इनमें अपने चंद्र बल और गुरु बल की गणना से विवाह के लिए तारीख का चयन किया जा सकता है.
17 जुलाई से चार माह इंतजारडा. अनीष व्यास ने बताया पंचांगीय गणना के अनुसार 17 जुलाई को देव शयनी एकादशी है. इस दिन से भगवान विष्णु राजा बलि का आतिथ्य स्वीकार करते हुए चार माह पाताल लोक में निवास करेंगे. यह समय पृथ्वी पर चातुर्मास के रूप में जाना जाएगा. इस दौरान चार माह विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे. दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देव उत्थापनी एकादशी से विवाह आदि शुरू होंगे.(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 15:08 IST