Effect Of Kovid, Now One Thousand Voters At Every Polling Station – गांव की सरकार: कोविड का असर, हर मतदान केन्द्र पर अब एक हजार मतदाता

प्रदेश में छह जिलों में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है।panchayat election
जयपुर। प्रदेश में छह जिलों में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने प्रत्येक मतदान बूथ पर मतदाताओं की संख्या घटाकर एक हजार कर दी है। पूर्व में एक मतदान बूथ पर सामान्यतः 11 सौ मतदाताओं की सीमा निर्धारित थी। प्रत्येक बूथ पर 1000 मतदाताओं की संख्या के अनुसार 6 जिलों में 10604 मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे।
6 जिलों के कर्मचारियों का नहीं हो सकेगा तबादला—
चुनाव के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की जरूरत को देखते हुए छह जिलों में समस्त विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण एवं पदस्थापन पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। चुनाव की घोषणा से पूर्व जारी स्थानान्तरण आदेशों की अनुपालना में इन 6 जिलों में स्थानान्तरणाधीन कार्मिकों को रिक्त पद पर कार्यग्रहण करने की अनुमति होगी।
चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान, मतगणना अन्य चुनाव संबंधी कार्याे के लिए प्रत्येक जिले के लिए आवश्यकतानुसार एक या अधिक पर्यवेक्षकों को लगाया जाएगा। ये पर्यवेक्षक भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ एवं चयनित तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सुपर टाइम स्केल या इससे उच्चतर वेतन श्रृंखला के अधिकारी होंगे।
12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों से हो सकेगा मतदान
राजस्थान राज्य के लगभग सभी मतदाताओं को मतदाता फोटो पहचान पत्र जारी हो चुके हैं। मतदान के दौरान मतदाताओं को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। फिर भी यदि कोई मतदाता किसी भी कारण से फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है तो मतदान के लिए उसे राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अनुमोदित किए गए 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि इन 12 वैकल्पिक फोटो दस्तावेज में से केवल वे ही दस्तावेज मान्य होंगे जो इन निर्वाचन की घोषणा से पूर्व के हैं। उन्होंने मतदाताओं से अपील है कि मतदान के समय उक्त दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज को साथ लाएं, जिससे मतदान कार्य सुगमता से शान्तिपूर्ण एवं निष्पक्षरूप से सम्पन्न हो सके।
अनुमति से ही हो सकेगा प्रचार
चुनाव के दौरान लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए चुनाव अधिकारी की लिखित अनुमति जरूरी होगी। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थियों के प्रचार के लिए वाहनों की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव प्रचार के लिए किए जाने वाले खर्च की निगरानी के लिए रिटर्निंग अधिकारी के स्तर पर एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
इन जिलों में होंगे चुनाव
पंचायत चुनाव भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर, सिरोही में होेंगे। जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के लिए 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 4 सितंबर को संबंधित जिला मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन सभी 6 जिलों के जिला परिषद एवं पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे।
11 अगस्त से नामांकन
तीनों चरणों के चुनाव के लिए 11 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन 16 अगस्त तक 3 बजे तक पेश किए जा सकेंगे। 15 अगस्त को (रविवार) को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुुत नहीं होंगे। जांच 17 अगस्त को की जाएगी, जबकि 18 अगस्त अपरान्ह 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के तुरंत बाद चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। 4 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर प्र्रातः 9 बजे से मतगणना प्रारंभ हो जाएगी। प्रमुख, प्रधान का चुनाव 6 सितंबर को जबकि उप प्रमुख, उप प्रधान का चुनाव 7 सितंबर को होगा।
ऐसे चलेगा चुनावी दंगल :
11 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी।
16 अगस्त तक नामांकन भरे जा सकेंगे।
17 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी।
18 अगस्त को नाम वापस लिए जा सकेंगे।
३ अलग-अलग दिन वोट डाले जाएंगे।
4 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर मतगणना होगी।
6 सितंबर को प्रमुख, प्रधान का चुनाव होगा।
7 सितंबर को उप प्रमुख, उप प्रधान चुने जाएंगे।