इस छोटे से शहर से 130 देशों में सप्लाई होती है मेहंदी, इन बड़ी हस्तियों को भी पसंद है यह मेहंदी- Mehndi is supplied in 130 directions from this small town, know what is the specialty of this Mehndi.

पाली : जब भी कोई तीज त्यौहार, शादी, करवा चौथ या फिर कोई भी अलग-अलग त्योहार आते है तो जब उसमें मेहंदी का इस्तेमाल होता है तो सबसे पहले नाम आता है सोजत की मेहंदी का जिसकी साख देश ही नही बल्कि दुनियाभर में है. सोजत के आसपास के क्षेत्र की जमीन में लासोन कंटेंट (लॉसोनिया इनर्मिस) की मात्रा ज्यादा होती हैं. सोजत की मेहंदी दुनिया के 130 देशों में सप्लाई के साथ की जाती है.
राजस्थान के पाली जिले के सोजत व आसपास के क्षेत्र में कुल 60 हजार हेक्टर में मेहंदी की पैदावार होती है. छोटे सी जगह में मेहंदी का कारोबार भी तेजी फल फूल रहा है. सोजत की मेहंदी को जीआई टैग मिलने के बाद अब यहां की मेहंदी पूरी दुनिया में विश्वसनीय ब्रांड बन चुकी है.हर धर्म में मेहंदी का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में सोलह सिंगार का विशेष महत्व है. इन सोलह सिंगार में मेहंदी भी शामिल है.धार्मिक कार्यक्रम या पूजा पाठ में भी देवी की पूजा के समय उन्हें सिंगार का सामान अर्पित किया जाता है. उसमें मेहंदी भी होती है.इन हस्तियों के हाथ में भी रची है सोजत की मेहंदीअडानी-अंबानी समेत बॉलीवुड के सेलिब्रिटीज की भी पहली पसंद सोजत की मेहंदी ही है. प्रियंका चोपड़ा,ईशा अंबानी, कैटरीना कैफ,अश्वर्या राय सहित कई अन्य सेलिब्रिटीज के हाथों में सोजत की मेहंदी रच चुकी है. मेहंदी व्यापारी रितेश अग्रवाल ने बताय़ा कि सोजत की मेहंदी केमिकल फ्री होती हैं. हाथ पर रखने के बाद गहरा रंग छोड़ती है. वो बताते हैं कि सोजत की मेहंदी का गहरा रंग छोड़ने का कारण यहां की मिट्टी में तांबे की मात्रा अधिक होना है. इस वजह से इसमें केमिकल मिलाने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती.
महिलाओं की इसमें विशेष भागीदारीमेहंदी का व्यापार में भी महिलाओं की भागीदारी करीब 80 फीसदी है. वो खेती से लेकर प्रोसेसिंग तक के काम में शामिल हैं. घरेलू उद्योग के रूप में युवक, युवतियां, महिलाओं को भी इससे रोजगार मिल रहा है. मेहंदी के कोण तीज त्योहार, होली, दीपावली, रक्षा बंधन, ईद, रमजान माह, शादी विवाह के सीजन में ज्यादा बिक्री होती है. कोण बनाकर बैचने से मेहन्दी व्यवसाय के पाउडर की बिक्री पर काफी असर पड़ा है. वर्तमान में यहां मंडी में मेहंदी के बोरे की खरीद नहीं के बराबर है.
कैसे बनती है सोहत मेहंदी पहले इसे समझें?मेहंदी से जुड़े कारोबारी बताते हैं कि सबसे पहले मंडी से सोजत के पौधों को लाया जाता है. कम से कम 40 किलो की एक यूनिट होती है. इसे लाने के बाद सबसे पहले पत्तियां, बीज और तने को अलग किया जाता है. इसके बाद क्रशर से पत्तियों का चूरा बनाया जाता है. फिर इस चूरे को ग्राइंडर से पीसा जाता है और छानकर अलग-अलग पैकेट्स में पैक किया जाता है.
मेहंदी नगरी के रूप में सोजत ने बनाई पहचानवर्ल्ड फेमस मेहंदी के कनेक्शन की बात करे तो सोजत का कनेक्शन पाली से है. पाली जिले में सोजत नाम की एक तहसील है, यहां पर इस मेहंदी की खेती की जाती है. इसलिए इसे ‘मेहंदी नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है. यह देश का ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा मेहंदी का उत्पादन होता है. यहां तैयार होने वाली मेहंदी का 90 फीसदी तक हिस्सा दुनिया के करीब 130 देशों एक्सपोर्ट किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 21:11 IST