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Michael Vaughan Surprised virat test retirement: धोनी की टीम को टेस्ट से प्यार नहीं था, कोहली की कप्तानी में टीम अलग थी

Last Updated:May 14, 2025, 19:23 IST

माइकल वॉन ने कहा है कि टेस्ट क्रिकेट के लिए जितना विराट कोहली ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया. वॉन ने कहा कि विराट के संन्यास से वह स्तब्ध हैं. उन्हें इस बात का दुख है कि अब वह विराट को सफेद जर्सी में खेलते …और पढ़ें'कोहली के संन्यास से स्तब्ध हूं...' उनके बिना टेस्ट नीरस, दिग्गज का बड़ा बयान

माइकल वॉन ने कहा कि कोहली के टेस्ट संन्यास से वह बेहद दुखी हैं.

हाइलाइट्स

माइकल वॉन ने कोहली के संन्यास पर जताई हैरानी विराट टेस्ट में 14 साल तक खेलते रहे वह टेस्ट में भारतके सबसे सफल कप्तान रहे

नई दिल्ली. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का कहना है कि विराट कोहली के टेस्ट संन्यास से वह दुखी हैं.उन्होंने कहा है कि कोहली के रिटायरमेंट वाले फैसल से वह स्तब्ध रह गए. वॉन ने कहा कि विराट ने टेस्ट क्रिकेट के लिए जितना किया है उतना किसी और खिलाड़ी ने नहीं किया.कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. उन्होंने अपने करियर में 123 टेस्ट में 30 शतक समेत 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए.

माइकल वॉन (Michael Vaughan) ने ‘द टेलिग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा ,‘टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वालों में बहुत कम ही ऐसे हैं. जिनके जाने से मैं वाकई दुखी हुआ हूं कि अब इसे दोबारा खेलते देखने का मौका नहीं मिलेगा. मैं दुखी हूं कि अब विराट कोहली को इंग्लैंड दौरे पर या आगे सफेद जर्सी में नहीं देख सकेंगे.’

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‘मैं स्तब्ध हूं कि वह अभी संन्यास ले रहा है और दुखी भी हूं’वॉन ने लिखा ,‘मैं स्तब्ध हूं कि वह अभी संन्यास ले रहा है और दुखी भी हूं. मुझे नहीं लगता कि टेस्ट प्रारूप के लिए किसी और बल्लेबाज ने इतना किया है जितना कोहली ने.’ भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते. वॉन ने कहा कि कोहली ने पारंपरिक प्रारूप से लोगों को फिर प्यार करना सिखाया और उनके बिना यह प्रारूप बहुत नीरस होता.

‘धोनी की टीम को टेस्ट से प्यार नहीं था’बकौल वॉन,‘एक दशक पहले जब वह कप्तान बना तो मुझे लगा था कि भारत की टेस्ट क्रिकेट में रूचि कम हो रही है. एम एस धोनी सफेद गेंद के महान खिलाड़ियों में से थे. लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसी टेस्ट टीम की कप्तानी की जिसे प्रारूप से प्यार नहीं था. खेल के लिए जरूरी है कि भारत की टेस्ट क्रिकेट में रूचि रहे और बतौर कप्तान विराट ने ऐसा ही किया. उनका जुनून, कौशल और टेस्ट क्रिकेट को लेकर उनके विचारों ने काफी सकारात्मक असर डाला. उनके बिना यह प्रारूप बेहद नीरस होता और अपनी अपील खो चुका होता. उसका जाना टेस्ट क्रिकेट के लिए झटका है. उसने आने वाली पीढी को इस प्रारूप से प्यार करना सिखाया. टी20 क्रिकेट के आगमन के बाद से तीनों प्रारूपों की बात की जाये तो वह महानतम क्रिकेटर रहा है.’

authorimgKamlesh Raiचीफ सब एडिटर

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें

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‘कोहली के संन्यास से स्तब्ध हूं…’ उनके बिना टेस्ट नीरस, दिग्गज का बड़ा बयान

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