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Last Updated:April 17, 2025, 16:58 IST
गर्मी के मौसम में पशुपालकों को विशेष रूप से अपने पशुओं का ध्यान रखना चाहिए, ताकि गर्मियों में भी दूध उत्पादन बना रहे. आज हम आपको बताएंगे कि गर्मी में दूध उत्पादन और इसे कैसे बरकरार रखा जा सकता है.X
गर्मी, उमस, शरीर में पानी व मिनरल्स की कमी के कारण पशुओं की उत्पादकता घट जाती ह
हाइलाइट्स
गर्मी में पशुओं को ठंडे पानी से नहलाएं.हरा चारा और मिनरल-नमक आहार में शामिल करें.कूलर या स्प्रे सिस्टम का उपयोग करें.
जयपुर:- गर्मी के मौसम में पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. विशेषकर गाय और भैंस का दुग्ध कम होता है. तेज गर्मी, उमस और शरीर में पानी व मिनरल्स की कमी के कारण पशुओं की उत्पादकता घट जाती है. इसलिए गर्मी के मौसम में पशुपालकों को विशेष रूप से अपने पशुओं का ध्यान रखना चाहिए, ताकि गर्मियों में भी दूध उत्पादन बना रहे. आज हम आपको बताएंगे कि गर्मी में दूध उत्पादन और इसे कैसे बरकरार रखा जा सकता है.
पशुओं में दिखते हैं ये लक्षणपशु चिकित्सक रामनिवास चौधरी ने लोकल 18 को बताया कि हीट स्ट्रेस के दौरान गाय-भैंसों में सामान्य तापक्रम बनाए रखने के लिए खानपान में कमी देखने को मिलती है. दुग्ध उत्पादन गिरावट के साथ ही दूध में वसा के प्रतिशत में कमी हो जाती है. इसके अलावा उनकी प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है. वहीं, प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी सहित कई लक्षण दिखाई देते हैं. पशु हांफने लगते हैं और उनके मुंह से लार गिरने लगती है.
इसलिए घटता है दूधपशु चिकित्सक रामनिवास चौधरी ने लोकल 18 को बताया कि गर्मियों में तापमान अधिक होने से पशु तनाव (हीट स्ट्रेस) में आ जाते हैं. इसका सीधा असर उनके खाने, पाचन और स्वास्थ्य पर पड़ता है. जब पशु पर्याप्त खाना नहीं खाते या कम पानी पीते हैं, तो उनका दूध बनना भी कम हो जाता है. इसके अलावा, गर्मी में शरीर से पसीना ज्यादा निकलता है, जिससे जरूरी खनिज (मिनरल्स) की कमी हो जाती है.
इस तरह दूध उत्पादन रहेगा बरकारपशु चिकित्सक रामनिवास चौधरी ने बताया कि गाय-भैंस को ऐसी जगह पर रखें, जहां तेज धूप न पहुंचे. पंखे या कूलर का उपयोग करें. इसके अलावा पशुओं को सुबह-शाम ठंडे पानी से नहलाना चाहिए, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे. इससे वे राहत महसूस करेंगे और चारा भी ठीक से खा सकेंगे.
गर्मी में सूखा चारा कम पचता है, इसलिए हरा चारा दें. साथ ही खली, चोकर और दाना संतुलन में मिलाकर खिलाएं. आहार में मिनरल-नमक जरूर शामिल करें. पशुओं को तीन से चार बार ताजा व ठंडा पानी पिलाएं. पानी की कमी दूध उत्पादन घटा सकती है.
कूलर या स्प्रे सिस्टम का इस्तेमाल फायदेमंदवहीं, पशुशाला में वेंटिलेशन अच्छा हो और भीड़ न हो. कूलर या स्प्रे सिस्टम का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है. अगर पशु दूध देना अचानक कम कर दे या सुस्त नजर आए, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. गर्मियों में थनैला, लू लगना और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. गर्मी में दोपहर में पशुओं को चराने न ले जाएं. सुबह जल्दी या शाम को चराई करवाना ज्यादा अच्छा होता है.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
April 17, 2025, 16:58 IST
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गर्मी में दुधारू पशुओं के दूध देने की क्षमता हो रही कम, तो तुरंत करें यह काम