अजमेर में यहां विराजमान है मिनी रामदेवरा, मिट्टी का प्रसाद खाते हैं भक्त, श्रद्धालुओं की रहती है भीड़

अजमेर से 40 किलोमीटर दूर स्थित खुंडियास में लोक देवता बाबा रामदेव का एक भव्य मंदिर है. जिसे “मिनी रामदेवरा” के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थान है. इसे रामदेवरा के बराबर माना जाता है. कहा जाता है जो व्यक्ति किसी कारणवश रामदेवरा नहीं जा पाता, वह खुंडियास में बाबा रामदेव के दर्शन कर ले, तो उसे उतना ही पुण्य प्राप्त होता है जितना रामदेवरा के दर्शन से मिलता है.
मंदिर का इतिहास और भक्त भोजराज गुर्जर की भक्ति
मंदिर समिति के सदस्य हीराराम जाट के अनुसार, भक्त भोजराज गुर्जर हर वर्ष बूंदी से दंडवत करते हुए रामदेवरा की यात्रा किया करते थे. 1986 में जब वह दंडवत करते हुए खुंडियास पहुंचे तो बाबा रामदेव ने उन्हें उसी स्थान पर दर्शन दिए और कहा कि अब उन्हें रामदेवरा जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बाबा स्वयं इस स्थान पर आ गए हैं.
इसके बाद भोजराज गुर्जर ने उस स्थान पर ध्वजा स्थापित की और वहीं रहने लगे. उन्होंने बाबा के भक्तों के सहयोग से मंदिर का निर्माण करवाया और मंदिर के सामने ही अपना आश्रम भी बनाया. यहां आने वाले भक्तों के लिए नियमित रूप से भंडारे का आयोजन किया जाता है. हर वर्ष हजारों श्रद्धालु इस स्थान पर दर्शन के लिए आते हैं.
समाधि और मिट्टी का विशेष महत्व
भक्त भोजराज गुर्जर की समाधि की परिक्रमा श्रद्धालु बड़े ही श्रद्धा से करते हैं. समाधि के चारों ओर फैली हुई मिट्टी को प्रसाद के रूप में मानकर श्रद्धालु उसे खाते हैं और अपने शरीर पर लगाते हैं. इसे विशेष रूप से पवित्र और लाभकारी माना जाता है.
शाम की आरती
खासकर शाम की आरती के बारे में मान्यता है कि जिन लोगों के शरीर में किसी भी प्रकार की ऊपरी हवा (नकारात्मक ऊर्जा) होती है, वे इस आरती में शामिल होते हैं. इस दौरान उनका शरीर अपने आप हिलने लगता है. आरती के बाद उन्हें इस ऊपरी हवा से छुटकारा मिल जाता है. इस आरती में शामिल होना एक विशेष धार्मिक अनुभव माना जाता है.
सुरक्षा व्यवस्था
मंदिर समिति के सदस्य हीराराम जाट ने बताया कि खुंडियास धाम पर सुरक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. सीसीटीवी कैमरे चौबीस घंटे सक्रिय रहते हैं ताकि कोई आपराधिक गतिविधि न हो सके. सुरक्षा के ये प्रबंध भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं.
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Tags: Ajmer news, Local18
FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 10:11 IST
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