Rajasthan

minister | मंत्री के इस बेतुके बयान ने कर दिया आम आदमी की सेहत पर अटैक, पढ़िये पूरी खबर

आंकड़े बता रहे हैं सच्चाई

जयपुर

Published: February 09, 2022 04:07:09 pm

विकास जैन
जयपुर. प्रदेश में बीते दस सालों में तंबाकू नियंत्रण की मुहिम से तंबाकू उपभोगकर्ताओं में करीब 7.5 प्रतिशत की कमी आई है। ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2021 के अनुसार राज्य में तंबाकू के कुल उपभोगकर्ता कुल आबादी में से 24.7 प्रतिशत हैं, जबकि यह आंकड़ा 2011 के सर्वे में 32.3 प्रतिशत था। ये आंकड़े बता रहे हैं कि तंबाकू नियंत्रण के उपायों से दस सालों लाखों लोगों को इसका उपभोग करने से दूर रखने में सफलता मिली है। इसके बावजूद प्रदेश में अभी भी सालाना करीब 77 हजार लोगों की मौत तंबाकू उत्पादों के उपभोग से हो रही है, जिनमें दो तिहाई ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।

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सर्वे में राजस्थान की स्थिति के अनुसार दस सालों के दौरान करीब 7.5 प्रतिशत तंबाकू उपभोगकर्ताओं की कमी हुई है। देशभर में 13.5 लाख व विश्वभर में 80 लाख लोगों की जान इससे जाती है। गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने कैंसर दिवस पर बयान दिया था कि तंबाकू से कैंसर का कोई खतरा नहीं है। गांव में रोज दिन में 20—20 बार तंबाकू पीने वालों को कभी कैंसर नहीं हुआ।

धुआंरहित तंबाकू से 80 फीसदी हैड—नेक कैंसर धुंआरहित तंबाकू के सेवन से 80 प्रतिशत तक हैड नेक कैंसर होता है, जबकि इससे 50 प्रतिशत तक सभी तरह का कैंसर भी पूरे शरीर में होता है। जिसमें मुंह, होठ, जीभ, गाल, दांत, तालू, गले, भोजन नली, पेट आदि अंगों में होने वाला कैंसर शामिल है।
तंबाकू से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है। हैड नेक कैंसर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में 3 से 4 गुणा तक अधिक होता है। इसका सबसे बड़ा कारण युवाओं में धूम्रपान, पान सुपारी व एल्कोहल का उपभोग है।

कैंसर के मामलों में 7.9 प्रतिशत बच्चे भारत में अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री 2021 कार्यक्रम के अनुसार देश के 96 अस्पतालों से मिले डेटा में सामने आया कि राजस्थान में जितने कैंसर के मामले आते हैं उनमें से 7.9 प्रतिशत बच्चों के हैं। प्रदेश में कुल 10216 पुरुष व 6853 महिलाओं में कैंसर पाया गया। इसमें राजस्थान के छह जिलों के अस्पतालों को शामिल किया गया था।

16.3 प्रतिशत नाबालिग भी कर रहे तंबाकू का उपभोग 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के नाबालिगों में तंबाकू सेवन का प्रतिशत 16.3 है, जो शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत हैं। इन्होनें कभी ना कभी तंबाकू का उपभोग किसी न किसी रुप में किया है। मुंह और फेफड़ों के कैंसर के कारण 25 प्रतिशत से अधिक पुरूषों और मुंह व स्तन कैंसर से 25 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की मौत होती है।

देश भर में युवा पीढ़ी को खतरा द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के अनुसार भारत में वर्ष 2019 में 15 से 24 वर्ष वाले युवा स्मोकर्स की संख्या करीब 2 करोड़ के पार हो गई। एसएमएस अस्पताल में ईएनटी चिकित्सकों के अनुसार प्रतिदिन ओपीडी में जो तंबाकू यूजर आ रहे हैं, उनमें युवा वर्ग की संख्या अधिक है।

तंबाकू का सीधा असर फेंफड़ों पर तंबाकू से मिश्रित स्मोकिंग और किसी भी रुप में तंबाकू लेने पर सीधा असर फेंफड़े के काम करने की क्षमता पर पड़ता है। जिसमें सांस लेने से जुड़ी बीमारियों का सीधा संबध है। बीते 15 सालों में राज्य सरकार ने तंबाकू नियंत्रण पर काफी काम किया है, जिसमें इन उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर इसे लोगों की पहुंच से दूर करना भी शामिल है। इससे इसके उपभोग में कुछ कमी आई है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग इसका उपभोग कर रहे हैं।
डॉ.वीरेन्द्र सिंह, अस्थमा रोग विशेषज्ञ

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