Rajasthan

वाटर कंजर्वेशन-आधुनिक कृषि में बेहतरीन कार्य कर रहा ये संस्थान, 9000 से ज्यादा किसान उठा रहे लाभ

रविन्द्र कुमार/झुंझुनूंरामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान पानी व पर्यावरण को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है. इस संस्थान ने उन क्षेत्रों में सबसे पहले काम किया, जहां पर पानी की गुणवत्ता का स्तर एकदम से कमजोर था, दूसरा जहां पर पानी का लेवल बहुत नीचे जा चुका था. इसकी स्थापना वर्ष 2004 में हुई. इस संस्थान का निर्माण रघुहारी डालमिया के द्वारा किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य चिड़ावा क्षेत्र में खुशहाली लाना, समृद्धि लाना था.

संस्थान के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए भूपेंद्र पालीवाल ने बताया कि वह इस संस्थान में परियोजना प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने गांव में वर्षा का जल संग्रहण करने के लिए वर्षा जल संग्रहण कुंडों का निर्माण करवाया, जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सके. वर्षा जल संरक्षण के बाद बचे हुए पानी को उन्होंने रिचार्ज कुओं में डालना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में रिचार्ज ट्यूबवेलों का निर्माण करवाया. साथ गांव में काफी समय से पुराने पड़े हुए कुओं व कुंडों को वर्षा जल पुनर्भरण के लिए काम में लिया.

किसानों को दिया फ्री बीज
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में पानी बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ में ही संस्थान के द्वारा खाली पड़ी भूमि पर पेड़ लगाने का भी काम किया गया, जिससे पर्यावरण को शुद्ध किया जा सके. इन कार्यों के साथ में ही किसान की पैदावार बढ़ाने व उन्नत किस्म की पैदावार के लिए संस्थान ने कुछ किसानों के साथ में काम शुरू किया. इसका प्रभाव यह रहा कि अभी तक 9000 के लगभग किसान इस संस्थान से जुड़कर लाभ उठा रहे हैं. शुरुआत में किसानों को अपने साथ जोड़ने के लिए 3 साल तक फ्री बीज दिया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों में जागरूकता लाना था. किसानों को साथ जोड़कर उन्हें यह बताया गया कि कैसे कम पानी की लागत के साथ में अच्छी पैदावार ली जा सकती है.

भूपेंद्र ने बताया कि संस्थान के द्वारा किसानों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि कैसे खेती में नई आधुनिक तकनीक को वह सम्मिलित करें, जिसमें परंपरागत खेती छोड़ व्यावसायिक खेती पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. साथ ही बागवानी फसलों पर भी ध्यान दिया गया. किसानों को बागवानी फसल करने के लिए भी प्रेरित किया गया. इसी की बदौलत आज चिड़ावा क्षेत्र में बहुत से किसान हैं जो मिश्रित खेती भी करते हैं और उससे अच्छा खासा लाभ कमा रहे हैं.

किसान कमा रहे अच्छा खासा लाभ
संस्था के द्वारा किए जा रहे कार्यों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार, कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर और राज्य सरकार की कृषि विभाग के साथ में जुड़कर लगातार यह संस्थान प्रयास कर रहा है जिससे आज आसपास की सैकड़ों किसान इन से जुड़े हुए हैं और आज कम लागत में अत्यधिक पैदावार के साथ में ही परंपरागत खेती से होने वाले लाभ से दोगुना प्रति गुना लाभ कमा रहे हैं.

Tags: Agriculture, Jhunjhunu news, Latest hindi news, Local18, Rajasthan news

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