बेहद खास है राजस्थान का यह प्रचीन वाद्य यंत्र, मारवाड़ में है विशेष मान, गलियों में आज भी सुनाई देती है धुन

Last Updated:March 01, 2025, 14:59 IST
Rajasthan Ravana Hatha Musical Instrument: रावण हत्था नाम के इस प्राचीन वाघ यंत्र को राजस्थान में भोपा जाति के लोग बजाते हैं. इसे सबसे पुराना वाद्ययंत्र भी माना जाता है. यह प्राचीन वाद्य यंत्र नारियल की लकड़ी स…और पढ़ेंX
रावणहत्था बजाते हुए कलाकार
हाइलाइट्स
रावण हत्था प्राचीन वाद्य यंत्र है.भोपा जाति के लोग रावण हत्था बजाते हैं.मारवाड़ क्षेत्र में रावण हत्था का विशेष मान है.
करौली. राजस्थान में बजने वाला एक प्राचीन वाद्य यंत्र ऐसा है, जिसे रामायण काल और भगवान राम के जमाने का वाद्य यंत्र कहा जाता है. राजस्थान में इसे बजाने वाले कलाकार तो इसे दुनिया का सबसे पहला बाजा और वाद्य यंत्र भी कहते हैं. हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है और इसके सुरीले सुर का तो आज भी कोई मुकाबला नहीं हैं. राजस्थान की गलियों में आज भी इसके धुन सबसे ज्यादा गूंजते हैं. रावण हत्था नाम के इस प्राचीन वाद्य यंत्र को राजस्थान में भोपा जाति के लोग बजाते हैं.
इस जाति के लोगों को शुरू से ही रावण हत्था बजाने की कला में महारत हासिल है. यह प्राचीन वाद्य यंत्र नारियल की लकड़ी से बना होता है और इसे पुराने जमाने का गिटार भी कहा जा सकता है. गली-गली में बजाने वाले बजरंग लाल बताते हैं कि भोपा जाति के लोगों को ही रावण हत्था बजाने का वरदान है. हमारी जाति की पहचान ही रावण हत्था है.
भोपा जाति के लोग ही बजाते हैं यह वाद्य यंत्र
कलाकर बजरंग लालबताते हैं कि आज भी हमारी भोपा जाति के लोग इसी वाद्य यंत्र को बजाकर ही अपनी आजीवका चलाते हैं. रावण हत्था को गली-गली में बचाने के कारण ही लोग हमें भोपा कहते हैं. वे बताते हैं कि इस रावण हत्था से ही गली-गली भजन संध्या करते हैं और पाबू जी और देव महाराज की फड़ भी हम इसी से बाचते हैं. इस प्राचीन वाद्य यंत्र को बजाने वाले बजरंग लाल बताते हैं कि प्राचीन समय से ही इसका राजस्थान से पुराना नाता रहा है. यह ज्यादातर राजस्थान में ही बजता है और यहीं से निकला है. वे बताते हैं कि यह सबसे पुराना बाजा है.
मारवाड़ क्षेत्र में इस वाद्य यंत्र का है अधिक मान
बजरंग लाल बताते हैं कि साधारण इंसान तो इसे बजा भी नहीं सकते हैं. जिसके पास शुरू से इसका ज्ञान होता है केवल वहीं इसके सुर को अच्छी तरह से साध सकता है. वे बताते हैं कि बड़े-बूढ़ों के ज्ञान से ही इसे बजाया जा सकता है.उन्होंने बताया कि राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में इस वाद्य यंत्र का सबसे ज्यादा मान है. हमारी भोपा जाति के लोग इसी से गाना-बजाना कर अपना जीवन-यापन करते हैं. बजरंग लाल का कहना है कि राजस्थान के लाखों लोग आज भी रावण हत्था बजाते हैं.
Location :
Karauli,Rajasthan
First Published :
March 01, 2025, 14:59 IST
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बेहद प्राचीन है यह वाद्य यंत्र, राजस्थान की गलियों में आज भी गूंजती है धुन