Motivational seminar organized for coaching students to overcome study depression – News18 हिंदी

कोटा. पढ़ाई-परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा यानि तनाव ही तनाव. लेकिन ऐसा क्यों. परीक्षा को इतना हौआ क्यों बना रखा है. जीवन में सफलता के कई रास्ते हैं. एक न सही दूसरी मंजिल तो मिलेगी ही. फिर तनाव क्यों. धैर्य और संयम ही सफलता का दूसरा रास्ता है. कुछ ऐसे ही टिप्स उन छात्रों को दिए गए जो आंखों में सपने सजाए एजुकेशन सिटी कोटा आते हैं.
एजुकेशन सिटी कोटा में नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग लेने आए स्टूडेंट्स के लिए मोटिवेशनल सेमिनार का रखा गया. इसमें बच्चों को सफलता के मंत्र बताए गए साथ ही पढ़ाई का तनाव किस तरह से कम करना है उसके बारे में खुद कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने टिप्स दिए.
कलेक्टर भी पहले प्रयास में हो गए थे फेल
कोटा कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने मोटिवेशनल सेमिनार में स्टूडेंट्स को समझाया कि विफलता से निराश न हों. हार न मानें बल्कि उनसे सीखते हुए, खुद को चुनौती दें और आगे बढ़ते जाएं. कर्म में विश्वास बनाए रखें. मन लगाकर मेहनत करें खुश रहें. सकारात्मक रहें. फल अच्छा ही मिलेगा. कलेक्टर ने खुद अपना अनुभव बच्चों को सुनाया. उन्होंने बताया वो वर्ष 2001 में मेडिकल की कोचिंग के लिए कोटा आए थे. पहला प्रयास विफल रहा लेकिन दूसरे अटेम्प्ट में सफलता मिल गई और अच्छी रैंक हासिल कर सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस किया. उसके बाद अस्पताल में काम किया. साथ ही यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. साल 2015 में उन्हें पहले ही प्रयास में 152वीं रैंक मिली और आईएएस अफसर बन गए.
कलेक्टर के टिप्स
कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने सलाह दी असफलता के बाद निराश न हों. नीट या जेईई कॉम्पटीशन है. लाखों विद्यार्थी निष्ठा के साथ इनकी तैयारी करते हैं. अगर आप असफल हुए हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपने पढ़ाई अच्छी नहीं की. हो सकता है किसी और ने आपसे भी ज्यादा मेहनत की हो, उसकी क्षमताएं आपसे ज्यादा हों. उसमें निराश होने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. अगर आप डिजर्व करते हैं तो प्रयास जारी रखें, लेकिन इसकी एक सीमा जरूर होनी चाहिए. साथ ही, हमेशा बैकअप प्लान भी रखें.
माता पिता के लिए आपकी जिंदगी महत्वपूर्ण
कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने बहुत काम की बात बताई. उन्होंने कहा- आपके परिवार ने आपको यहां इसलिए भेजा है ताकि आपका भविष्य सुंदर और सुखद हो. आपको डॉक्टर इंजीनियर बनता देखना, खुद के लिए नहीं है, आपके लिए ही है. वे चाहते हैं आपका भविष्य सुरक्षित हो जाए. लेकिन नाकामयाब होने पर गलत कदम उठाना सबसे बड़ी गलती है. माता पिता के लिए आपकी कामयाबी से भी ज्यादा जरूरी आपका सही सलामत और साथ होना महत्वपूर्ण है. माता पिता के लिए आपसे ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं. डॉक्टर-इंजीनियर नहीं भी बने तो भी आपके माता-पिता दुखी नहीं होंगे, बस आप खुश होना चाहिए. आप खुश रहोगे, अपनी मेहनत, प्रयास करते रहोगे तो माता-पिता भी खुश रहेंगे.
तनाव से बचने के टिप्स
कलेक्टर ने स्टूडेंट्स से चर्चा करते हुए कहा जो लक्ष्य मुश्किल न हो उसमें मजा नहीं है. प्लान बी जरूर रखें, मेहनत कभी बर्बाद नहीं होती. निश्चित तौर पर परिणाम अच्छे होंगे. उन्होंने स्टूडेंट्स को स्ट्रेस से बचने के उपाय बताते हुए कहा- म्यूजिक सुनें, माता-पिता, भाई-बहन से रोज बात करें. लंबी गहरी सांस लें. तनाव की उम्र कभी लंबी नहीं होती. कुछ क्षण खुद को संभाल लें और दिन को छोटे हिस्सों में बांटकर पढ़ाई करें. मुश्किल टॉपिक्स को पहचानें, उनके टेस्ट दें, उस पर पर ज्यादा समय दें. उन्होंने कहा एग्जाम में रिवीजन की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसलिए रिवीजन जरूर करें. Tips For Students : पहले प्रयास में पीएमटी में नाकाम, आज हैं कोटा के कलेक्टर, सुनिए सफलता की कहानी
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FIRST PUBLISHED : April 5, 2024, 21:01 IST