Rajasthan

हाईटेक हुआ नगर निगम पाली… अब वॉकी-टॉकी से होगा काम, मिनटों में हर समस्या का समाधान!

Last Updated:October 18, 2025, 18:41 IST

Pali News: नगर निगम पाली ने 7 लाख 28 हजार 400 रुपए में 30 वॉकी-टॉकी खरीदे, जिन्हें फील्ड अधिकारियों को बांटकर नवीन भारद्वाज ने संचार व्यवस्था हाईटेक बनाई है, जिससे समस्याओं का समाधान तेज होगा.

पाली. किसी भी शहर के विकास की बात की जाए तो नगर निगम वहां की रीढ़ की हड्डी की तरह अहम भूमिका निभाता है. विकास कार्यों में तेजी और प्रभावशीलता के लिए जरूरी है कि निगम के फील्ड में काम करने वाले अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय बनाए रखें. इसी उद्देश्य से अब नगर निगम पाली ने अपने फील्ड अधिकारियों को हाईटेक तकनीक से जोड़ दिया है.

लाखों रुपए की लागत से खरीदे गए 30 वॉकी-टॉकी अब निगम के 30 फील्ड कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के बाद बांटे गए हैं. दिवाली के दौरान किसी तरह की समस्या आने पर इन डिवाइसों के जरिए तुरंत संवाद और समाधान संभव होगा.

अब तुरंत होगा फील्ड समस्याओं का समाधाननगर निगम आयुक्त नवीन भारद्वाज के अनुसार, किसी भी आपात स्थिति या समस्या की जानकारी अब सीधे और तुरंत संबंधित अधिकारी तक पहुंचाई जा सकेगी, जिससे समाधान की प्रक्रिया में तेजी आएगी. नगर निगम प्रशासन ने पूरे शहर में कार्यरत 30 फील्ड कर्मियों को वॉकी-टॉकी डिवाइस उपलब्ध करवाए हैं. इसमें सफाई, जल निकासी, निर्माण, लाइट, फायर, सीवरेज और ट्रैफिक समन्वय जैसे विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. नगर निगम आवश्यक सेवाओं में आता है, इसलिए जिम्मेदार फील्ड ऑफिसर्स को एक साथ मैसेज भेजने की सुविधा के लिए यह तकनीक अपनाई गई है. इन वॉकी-टॉकी का प्रयोग अब सभी आवश्यक सेवाओं के बीच समन्वय और नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा.

7 लाख रुपए में बना हाईटेक सिस्टमवॉकी-टॉकी की कीमत 24 हजार 280 रुपए प्रति यूनिट है. ऐसे में 30 वॉकी-टॉकी की कुल लागत 7 लाख 28 हजार 400 रुपए आई है. इस खरीद के लिए नगर निगम ने बाकायदा टेंडर प्रक्रिया अपनाई. आयुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि इन डिवाइसों से नगर निगम अब हाईटेक संचार व्यवस्था से लैस हो गया है. इससे न केवल दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान सफाई, लाइट या जलापूर्ति जैसी सेवाओं में दिक्कत आने पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी, बल्कि पूरे शहर में प्रशासनिक कार्य भी अधिक कुशलता से संपन्न किए जा सकेंगे.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

First Published :

October 18, 2025, 18:41 IST

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