Rajasthan

जैविक खेती में मुरारदान बारहठ की खेजड़ी आधारित तकनीक हरमू गांव जालोर.

Last Updated:October 31, 2025, 15:11 IST

हरमू गांव के किसान मुरारदान बारहठ ने खेजड़ी पर आधारित जैविक खेती से खेती का नज़रिया बदल दिया है. वे 5000 से अधिक खेजड़ी के पेड़ों के नीचे फसलों को कम पानी में उगाते हैं और पत्तियों, डंठलों और फूलों से जैविक खाद तैयार करते हैं. इसके साथ ही, वे प्राकृतिक नुस्खों से कीटनाशक भी बनाते हैं, उनके प्रयासों और पर्यावरण प्रेम को कई बार सम्मान मिला है. मुरारदान की पहल साबित करती है कि खेती में महंगे उपकरणों की नहीं, बल्कि प्रकृति की समझ और धैर्य की जरूरत है.

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जालोर. जिले के हरमू गांव में किसान मुरारदान बारहठ ने खेती को देखने का नज़रिया ही बदल दिया है. जहां ज्यादातर लोग खेत में गिरने वाली पत्तियों और डंठलों को कचरा मानते हैं, मुरारदान ने इन्हीं अवशेषों से खेती का नया आधार बनाया, उनके खेत में लगे खेजड़ी के पेड़ सिर्फ छांव ही नहीं देते, बल्कि जैविक खेती की मशीन बन चुके हैं. मुरारदान पिछले 14 सालों से खेजड़ी पर आधारित जैविक खेती कर रहे हैं, उनके खेत में 5000 से अधिक खेजड़ी के पेड़ हैं, जिनके नीचे नमी लंबे समय तक बनी रहती है और फसलों को पानी कम देना पड़ता है.

इन पेड़ों से गिरने वाली पत्तियां, डंठल और फूल वे इकट्ठे करते हैं और 30 फीट लंबे गड्ढे में परत-दर-परत डालते हैं. खेजड़ी की पत्तियां, गोबर और मिट्टी की परतें जब पानी के साथ मिलती हैं, तो 90 दिन में पूरी तरह सड़कर शुद्ध जैविक खाद बन जाती हैं. यह खाद मिट्टी में जान डालती है, उर्वरक क्षमता बढ़ाती है और फसलों को प्राकृतिक पोषण देती है.

देसी नुस्खे से 10 दिन में प्राकृतिक कीटनाशक होता है तैयार

मुरारदान देसी नुस्खे से 10 दिन में प्राकृतिक कीटनाशक भी तैयार करते हैं, खेजड़ी की पत्तियों में नीम की पत्तियां, आंवले के पत्ते, गुड़ और गोमूत्र मिलाकर मिट्टी के बर्तन में रखा जाता है. दस दिन बाद तैयार होने वाला यह घोल फसलों पर छिड़कने से कीट और रोग पूरी तरह नियंत्रित रहते हैं. मुरारदान को यह प्रेरणा उनके पिता से मिली, जो जीवनभर पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते रहे. आज मुरारदान भी अपनी कमाई का हिस्सा पौधारोपण और खेजड़ी के रखरखाव में लगाते हैं. उनकी मेहनत और सोच को कई बार सम्मान भी मिला है. उनकी यह पहल दिखाती है कि खेती को बदलने के लिए महंगे उपकरणों की नहीं, बल्कि प्रकृति की समझ और धैर्य की ज़रूरत है. हरमू गांव की यह कहानी अब जालोर और आसपास के किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें

Location :

Jalor,Rajasthan

First Published :

October 31, 2025, 15:11 IST

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खेजड़ी की पत्तियों से 10 दिन में प्राकृतिक कीटनाशक की तैयार, जाने कैसे

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