mysterious tree of Damdama village worshipped as laxmi narayan – हिंदी

Last Updated:May 20, 2025, 16:53 IST
अक्सर आपने देखा होगा कि लोग पेड़ को भगवान के रूप में पूजने लगते हैं, जिसके पीछे की अनोखी कहानी होती है. ऐसा ही एक पेड़ भरतपुर के पास स्थित है, जिसे लक्ष्मी नारायण के रूप में लोग पूजते हैं.
राजस्थान के भरतपुर ज़िले के दमदमा गांव के पास स्थित एक ऐसा पेड़ है, जिसे गांववाले सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि लक्ष्मी नारायण का अवतार मानते हैं. यह पवित्र वृक्ष गांव के बाहर मुख्य सड़क के किनारे स्थित है.
ये पेड़ ग्रामीणों की गहरी आस्था का केंद्र है. इसे लक्ष्मी नारायण का पेड़ कहा जाता है. गांववालों की मान्यता है कि यह पेड़ दैवीय शक्तियों से युक्त है और इसकी कृपा से ही गांव में सुख-समृद्धि बनी हुई है.
खास बात यह है कि दमदमा गांव में लगभग हर घर से कोई न कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में कार्यरत है. इसका श्रेय वे लक्ष्मी नारायण के इसी चमत्कारी पेड़ को देते हैं.
प्रतिदिन जब गांव के लोग इस सड़क से गुजरते हैं, तो वे पहले इस पेड़ के दर्शन करते हैं, हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं. धार्मिक आयोजनों और त्योहारों पर यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
महिलाएं बच्चे, बुजुर्ग सभी इस पेड़ के प्रति अपार श्रद्धा रखते हैं. यह पेड़ केवल आस्था का नहीं, बल्कि एकता और विश्वास का भी प्रतीक बन चुका है.
यह दर्शाता है कि जब समुदाय एकजुट होकर अपनी परंपराओं और आस्था को जीवित रखता है, तो उसका प्रभाव सामाजिक और आर्थिक रूप से भी सकारात्मक होता है. गांव का यह लक्ष्मी नारायण वृक्ष न सिर्फ पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की आस्था और संस्कृति का जीवंत प्रतीक भी है.
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दमदमा गांव के इस वृक्ष को लक्ष्मी-नारायण के पूजते हैं लोग, क्या है मान्यता?