नादिरा का जन्म 5 दिसंबर, 1932 को जन्म हुआ, जन्म के बाद उनका नाम Florence Ezekiel रखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में उनका नाम फ़रहत भी बताया जाता है. नादिरा के जन्म के स्थान को लेकर भी मतांतर है, कुछ रिपोर्ट्स उनका जन्म बग़दाद, इराक (Baghdad, Iraq) बताती हैं, कुछ इज़रायल (Israel) बताती हैं और कुछ मुंबई ऐसे में एक एक्ट्रेस ने बोल्ड क़दम उठाते हुए ख़ुद को एक वैंप यानी खलनायिका के रोल में ऐसा ढाला कि लोग उन्हें आज भी याद करते हैं। इनका नाम है नादिरा जिनका असली नाम Florence Ezekiel था। आज जानते हैं फ़्लोरेंस एज़िकियल उर्फ़ नादिरा (Florence Ezekiel aka Nadira) के बारे में।
नादिरा का जन्म 5 दिसंबर, 1932 को जन्म हुआ, जन्म के बाद उनका नाम Florence Ezekiel रखा गया। कुछ रिपोर्ट्स में उनका नाम फ़रहत भी बताया जाता है। नादिरा के जन्म के स्थान को लेकर भी मतांतर है। कुछ रिपोर्ट्स उनका जन्म बग़दाद, इराक (Baghdad, Iraq) बताती हैं, कुछ इज़रायल (Israel) बताती हैं और कुछ मुंबई। बॉलीवुड में कई एंग्लो इंडियन्स, ग़ैर भारतीय मूल के कलाकारों ने काम किया और नादिरा भी उनमें से एक ही थीं। नादिरा यहूदी (Jew) धर्म का पालन करती थीं, ऐसा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स कहते हैं। नादिरा ने 12 साल की उम्र में बॉलीवुड में एंट्री की।
आपको बता दें कि नादिरा की एक्टिंग इतनी ज़बरदस्त थी कि वे अक्सर अपने साथी कलाकारों तक पर भारी पड़ जाती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नादिरा बॉलीवुड की पहले ऐसी एक्ट्रेस थीं जिसके पास उस ज़माने में रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी कार थी। नादिरा की चर्चित फिल्मों में पाकीज़ा, जूली,आन, श्री 420, सिपहसालार, दिल अपना और प्रीत परायी, हंसते ज़ख्म, अमर अकबर एंथनी आदि शामिल हैं। आपको बता दें कि नादिरा द्वारा निभाए गए ज़्यादातर किरदार क्रिश्चियन या एंग्लो इंडियन हुआ करते थे।
बात यदि पर्सनल लाइफ की करें तो ऐसा कहा जाता है कि नादिरा की शादी महज एक हफ्ते में ही टूट गई थी। अंतिम समय में नादिरा के साथ कोई नहीं था। सिवाय उनकी हाउसहेल्प शोभा के अलावा। नादिरा पेद्दार रोड, मुंबई स्थित वसुंधरा बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल पर रहती थीं। शोभा का कहना था कि वो अपनी चीज़ें किसी को नहीं छूने देती थीं और अपनी ज़िन्दगी के किस्से सुनाया करती थी। नादिरा की 9 फरवरी 2006 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन के बाद बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रहे पीएम रुंगटा ने उनकी वसीयत को सार्वजनिक किया था, जिसमें नादिरा ने यहूदी होने के बावजूद हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने की अपनी इच्छा को रखा था। मामला संवेदनशील था, जिसके कारण यहूदियों की द शेपर्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सोलोमन को भी सार्वजनिक बयान जारी करना पड़ा कि उनकी इच्छा तो नादिरा को यहूदी परंपरा से दफनाने की है मगर नादिरा ऐसा नहीं चाहती थीं।
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