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Nagaur Farmer Ashok Jangu: रेगिस्तान में अनार और फूड प्लांट से बनाई हरियाली | Organic Farming Success

Last Updated:October 17, 2025, 09:55 IST

Desert Farming: नागौर के अलाय गांव के किसान अशोक जांगू ने बंजर जमीन और खारे पानी में आधुनिक और जैविक खेती कर देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई है. उनके खेतों में 6000 अनार के पौधे हैं और वे मिनी फूड पार्क के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले देसी घी (₹3200/Kg) और अन्य उत्पादों की बिक्री करते हैं. 1 करोड़ लीटर क्षमता का डेम बनाकर उन्होंने जल संरक्षण की मिसाल पेश की है.

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नागौर। राजस्थान के अलाय गांव के किसान अशोक जांगू ने रेगिस्तानी, खारे पानी वाली जमीन में खेती कर कृषि जगत में इतिहास रचा है. जिस 55 बीघा जमीन पर कभी घास भी नहीं उगती थी, आज उनके खेतों में लाल-लाल अनार, जैविक फूड उत्पाद और देसी घी की खुशबू बिखरी है. उनके सफल प्रयासों ने न सिर्फ नागौर, बल्कि पूरे राजस्थान के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति से बंजर भूमि को भी उपजाऊ बनाया जा सकता है.

अशोक जांगू ने लगभग सात साल पहले पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक और शत-प्रतिशत जैविक खेती अपनाई. शुरुआती दौर में उन्होंने समाज से दूरी बनाए रखी और अपनी पूरी ऊर्जा खेती में लगा दी.

आज, उनका यह प्रयास एक बड़े नेटवर्क में बदल चुका है. वे अब 500 से अधिक किसानों के साथ मिलकर जैविक उत्पादों को देश-विदेश में भेजते हैं. उनके खेत में एक मिनी फूड पार्क है, जहाँ घी, दालें, तेल, गेहूं, जीरा जैसी वस्तुएँ उच्च स्तरीय पैकिंग के साथ तैयार की जाती हैं. यह मिनी फूड पार्क खेती से लेकर बिक्री तक की पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है.

गुणवत्ता और मांग का जादू: तीन गुना कीमत

अशोक जांगू के जैविक उत्पादों की सबसे बड़ी पहचान उनकी गुणवत्ता और शुद्धता है, जिसके कारण उनकी मांग बाज़ार में लगातार बढ़ रही है.
उनका देसी गाय का घी बाज़ार में ₹3200 प्रति किलो बिकता है, इसके बावजूद इसकी मांग बहुत अधिक है.
उनके अन्य जैविक उत्पाद भी सामान्य बाजार मूल्य से 2-3 गुना महंगे हैं, लेकिन शुद्धता और उच्च गुणवत्ता के कारण ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
अशोक जांगू ने साबित किया है कि अगर उत्पाद शुद्ध हों, तो ग्रामीण किसान भी अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उच्च मूल्य प्राप्त कर सकते हैं.

रेगिस्तान में 6 हजार अनार के पौधे और जल संरक्षणखारे पानी और रेगिस्तानी मिट्टी की चुनौतियों के बावजूद, अशोक ने 55 बीघा जमीन में लगभग 6000 अनार के पौधे लगाए हैं.

पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए उन्होंने एक दूरदर्शी कदम उठाया. उन्होंने अपने खेत में 1 करोड़ लीटर क्षमता वाला डेम (फार्म पॉन्ड) बनाया, जिससे वर्षा जल संचित कर फसलों की सिंचाई में इस्तेमाल किया जा सके. पानी के इस प्रभावी प्रबंधन ने ही उन्हें रेगिस्तान में फलदार पौधे लगाने में मदद की. उनके जल संरक्षण के प्रयास आसपास के किसानों के लिए भी एक प्रशिक्षण केंद्र बन गए हैं.

सम्मान और उपलब्धियाँ: वैश्विक पहचान

अशोक जांगू के अथक प्रयास और सफलता को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है:
2019 में राजस्थान सरकार ने उन्हें प्रगतिशील किसान का सम्मान और 1 लाख रुपए नकद पुरस्कार दिया.
उसी वर्ष यूएसए (USA) की एक प्रतिष्ठित कंपनी ने उन्हें भारत के टॉप-10 किसानों में शामिल किया.
अशोक जांगू की कहानी साबित करती है कि मजबूत इरादे, जैविक खेती और नवीन तकनीक के साथ रेगिस्तान भी उपजाऊ भूमि में बदल सकता है और किसान आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख सकते हैं.
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Nagaur,Nagaur,Rajasthan

First Published :

October 17, 2025, 09:55 IST

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रेगिस्तान की बंजर जमीन में कैसे खिल गई हरियाली? अशोक जांगू ने रचा इतिहास!

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