Nagaur is becoming a new hub of cement, Asia’s largest cement plant is being set up by JSW, jobs are being developed
दीपेंद्र कुमावत/नागौर. कृषि और पशुपालन के साथ-साथ नागौर की पहचान सीमेंट उत्पादन में भी होने लगी है. यहां की जमीन में लाइमस्टोन के प्रचुर मात्रा में भंडार है. इसी के चलते गोटन की जेके व्हाइट के बाद अब अंबुजा ने नागौर में एशिया का सबसे बड़ा सिंगल सीमेंट प्लांट स्थापित किया है. इन दो इकाइयों से सालाना 51.18 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उत्पादन हो रहा है, यानी 5 अरब 11 करोड़ 80 लाख किलो सीमेंट का नागौर में उत्पादन हो रहा है. इससे नागौर के लोगों को रोजगार के साथ-साथ अन्य साधन भी मिल रहे हैं.
जानकारी के अनुसार नागौर में लगे सीमेंट प्लांट से सरकार को सालाना 238 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो रहा है. वहीं, 10 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है. वर्तमान में दो प्लांट संचालित है और दो कंपनियां जमीन अधिग्रहण का काम कर रही है. इसके अलावा रोजगार के लिए युवा नागौर से बहुत कम बाहर जा रहे हैं. इन द प्लांट में रोजगार विकसित हो जाने के कारण. नागौर के लोगों की जीवन शैली में बदलाव आया है.
यहां लगेगा एशिया का सबसे बड़ा सीमेंट प्लांट आपको बता दें कि नागौर प्रदेश का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक जिला बनने वाला है. यहां जेके व्हाइट, अंबुजा के बाद अब एशिया का सबसे बड़ा प्लांट जेएसडब्ल्यू लगाने जा रही है. एक माइंस आवंटन हो चुकी और 3 प्रोसेस में है. वहीं, अंबुजा लाइमस्टोन का भंडारण करने डेह, सरासनी में 6 ब्लॉक खरीद चुकी है. इसके अलावा श्री सीमेंट डेह के पास प्लांट लगाने की प्रोसेस शुरू कर चुकी है. डेह और खींवसर के क्षेत्र में कंपनियां जमीन अधिग्रहण का काम कर रही है. जल्द ही यहां प्लांट शुरू होंगे. इससे दस हजार नई नौकरियां खड़ी होंगी.
नागौर में तेजी से हो रहा विकास पशुपालन और कृषि क्षेत्र में नागौर राजस्थान के अग्रिम जिलों में से एक है. यहां आयोजित होने वाले पशु मेलों में देश-विदेश के व्यापारी आते हैं. यहां पर मुख्य रूप से पशुपालन और कृषि का कार्य होता था. लेकिन अब नागौर में अनेक कंपनियों द्वारा सीमेंट प्लांट लगाने के बाद धीरे-धीरे रोजगार विकसित हो रहे हैं, जिससे नागौर का विकास तेजी से हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 16:22 IST