Nagaur News: पथरी, चर्म और शिशु रोगों का मुफ्त इलाज कर रहा यह अस्पताल, हर साल आते हैं 25,000 मरीज

Last Updated:November 11, 2025, 18:56 IST
Nagaur News Hindi : राजस्थान के नागौर जिले के परबतसर में एक ऐसा अस्पताल है जहां पिछले 31 वर्षों से बिना एक रुपये लिए गरीबों का इलाज किया जा रहा है. श्री दशरथलाल नथमल बंग चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित यह होम्योपैथिक अस्पताल मानवता की मिसाल बन चुका है, जहां हजारों मरीजों को निःशुल्क उपचार और नई जिंदगी मिल रही है.
राजस्थान के नागौर जिले के परबतसर शहर में श्री दशरथलाल नथमल बंग चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मरीजों का निशुल्क ईलाज किया जाता है. यहां एक होम्योपैथिक अस्पताल बना है, जिसमें गरीब मजदूरी का ईलाज किया जाता है. इस अस्पताल की शुरुआत 1994 में की गई थी, इसके बाद से लगातार आमजन की सेवा में कार्यरत है. तीन दशकों से अधिक समय से यह अस्पताल हजारों जरूरतमंद लोगों को बिना किसी शुल्क के चिकित्सा सुविधा प्रदान कर रहा है. इस अस्पताल में परबतसर ही नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों के लोगों ईलाज के लिए आते हैं. यहां मरीजों को बिना किसी आर्थिक बोझ के उच्चस्तरीय होम्योपैथिक इलाज उपलब्ध कराया जाता है, जिससे गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलती है.

ट्रस्ट के सदस्य भगवान बंग ने बताया कि इस संस्था की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आमजन को सुलभ, सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की स्थापना समाज के कल्याण और जनसेवा की भावना के साथ की गई थी, ताकि लोगों को प्राकृतिक और हानिरहित चिकित्सा पद्धति से इलाज मिल सके. उन्होंने बताया कि, ट्रस्ट न केवल इलाज करता है बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता अभियान भी चलाता है, जिससे लोग बीमारियों से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित हों.

अस्पताल में होम्योपैथिक पद्धति से उपचार किया जाता है, जो 100 प्रतिशत सुरक्षित और बिना किसी दुष्प्रभाव के होता है. यहां पथरी, चर्म रोग, शिशु रोगों, एलर्जी, जोड़ों के दर्द, माइग्रेन, तथा दीर्घकालिक बीमारियों का इलाज किया जाता है. चिकित्सक मरीजों को केवल दवाइयां ही नहीं, बल्कि खानपान और दिनचर्या से संबंधित परामर्श भी देते हैं. इससे मरीजों को लंबे समय तक स्थायी राहत मिलती है और वे फिर से स्वस्थ हो जाते हैं.

यह अस्पताल परबतसर का एकमात्र ऐसा केंद्र है जो पूरी तरह निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है. यहां हर साल लगभग 25,000 से अधिक मरीज यहां परामर्श और इलाज के लिए पहुंचते हैं. इनमें स्थानीय निवासियों के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों से आने वाले लोग भी शामिल हैं. संस्था का लक्ष्य केवल इलाज करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाना है, ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक कारणों से इलाज से वंचित न रहे.

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस अस्पताल ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर बदल दी है. पहले जहां ग्रामीणों को सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों का रुख करना पड़ता था, वहीं अब उन्हें अपने ही क्षेत्र में सुरक्षित और सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल रही है. लोगों में होम्योपैथिक चिकित्सा को लेकर विश्वास और जागरूकता दोनों बढ़े हैं. विशेष रूप से मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों ने इस संस्था को भगवान का रूप माना है क्योंकि यहां से उन्हें निःशुल्क और प्रभावी इलाज मिल रहा है.

लगातार 31 वर्षों से ट्रस्ट के माध्यम से की जा रही यह सेवा न केवल परबतसर बल्कि पूरे नागौर जिले में चर्चा का विषय बन गई है. यहां कार्यरत चिकित्सक और सहयोगी बिना किसी स्वार्थ के मानव सेवा को ही अपना धर्म मानते हैं. हर वर्ष ट्रस्ट की ओर से स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सैकड़ों मरीजों को निशुल्क दवाइयां और परामर्श दिए जाते हैं. श्री दशरथलाल नथमल बंग चेरिटेबल ट्रस्ट ने तीन दशक से अधिक समय में यह सिद्ध किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि निष्ठा और समर्पण हो तो समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है.
First Published :
November 11, 2025, 18:56 IST
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गरीबों का सहारा बना अस्पताल! हर साल 25 हजार मरीजों को मिलता मुफ्त इलाज



