नागौर के सरपंच ओमाराम भादू ने लिखा नया इतिहास, खुद के खर्चे पर बनाया लाखों का हॉकी स्टेडियम

Last Updated:November 04, 2025, 14:07 IST
Nagaur News Hindi : नागौर जिले के रायधनु गांव के सरपंच ओमाराम भादू ने साबित कर दिया कि राजनीति केवल सत्ता नहीं, बदलाव का जरिया भी हो सकती है. पूर्व हॉकी खिलाड़ी ओमाराम ने अपनी निजी रकम से गांव में भव्य हॉकी स्टेडियम बनवाकर सैकड़ों युवाओं को नई पहचान दी है. अब उनका सपना है अजमेर संभाग का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाना.
राजस्थान के नागौर जिले की रायधनु ग्राम पंचायत के सरपंच ओमाराम भादू अपने अनोखे कामों के लिए जाने जाते हैं. राजनीति से अधिक लगाव उन्हें खेल से है, क्योंकि वे खुद हॉकी खिलाड़ी रहे हैं. ओमाराम ने यह साबित किया है कि सरपंच का पद सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम भी बन सकता है. उनके प्रयासों ने गांव की पहचान राज्य स्तर तक पहुचा दी है.

35 वर्षीय सरपंच ओमाराम भादू ने अपनी पंचायत में हॉकी को नई पहचान दी है. उन्होंने सरकारी बजट से इतर अपनी निजी राशि से लाखों रुपए खर्च कर गांव में हॉकी स्टेडियम तैयार करवाया है. यह स्टेडियम अब सैकड़ों खिलाड़ियों के सपनों का केंद्र बन चुका है. यहां लगभग 150 से अधिक खिलाड़ी अब तक जिला और राज्य स्तर की हॉकी टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं.

ओमाराम भादू खुद भी राज्य स्तरीय हॉकी चैंपियन रह चुके हैं. उन्होंने दस वर्ष की आयु से हॉकी खेलना शुरू किया और 1998 से 2002 तक अजमेर, सवाई माधोपुर और करौली में नागौर का प्रतिनिधित्व किया. उनका सपना पीटीआई टीचर बनने का था, जिसके लिए उन्होंने जयपुर में कोचिंग भी की, लेकिन परिवार की राजनीतिक परंपरा के कारण उन्हें राजनीति में कदम रखना पड़ा.

हालांकि राजनीति में आने के बावजूद ओमाराम भादू ने अपने खेल के जुनून को कभी नहीं छोड़ा. सरपंच बनने के बाद उन्होंने हॉकी प्रशिक्षण को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया. वे रोजाना सुबह पांच बजे मैदान में पहुचते हैं और बच्चों के साथ अभ्यास करते हैं. उनके प्रशिक्षण से तैयार टीमें राज्य स्तर पर कई बार विजेता बनी हैं और चार खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं.

ओमाराम भादू द्वारा तैयार की गई खिलाड़ियों में प्रियंका नाम की बालिका खास पहचान बना चुकी है. वह राजस्थान की अंडर-14 टीम की कप्तान है और उसकी अगुवाई में टीम ने 2022, 2023 और 2024 में लगातार तीन साल गोल्ड मेडल जीते हैं. यह उपलब्धि न सिर्फ गांव बल्कि पूरे जिले के लिए गौरव का विषय है. ओमाराम भादू के और भी कई खिलाड़ी कई हॉकी टूर्नामेंट में भाग ले चुके हैं.

ओमाराम ने हॉकी प्रशिक्षण की शुरुआत अपने गुरु कैलाश जोशी के साथ मिलकर की थी. उन्होंने बताया कि सरपंच बनने के बाद राजनीतिक प्रभाव से कोच कैलाश जोशी का ट्रांसफर अपने गांव की स्कूल में करवाया. यहीं से हॉकी की नींव पड़ी और 2019 में गांव की टीम पहली बार जिला स्तर की विजेता बनी. यह पल गांव के इतिहास में खेल क्रांति का प्रारंभ साबित हुआ.

2020 में सरपंच बनने के बाद ओमाराम ने गांव में स्थायी स्टेडियम बनाने का संकल्प लिया. कोच कैलाश जोशी के निधन के बाद उन्होंने स्वयं प्रशिक्षण की जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने अपने निजी स्तर पर 30 लाख रुपए से कक्ष बनवाए और अब तक 1.50 करोड़ रुपए स्टेडियम पर खर्च कर चुके हैं. उनका लक्ष्य 2025 तक अजमेर संभाग का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम तैयार करना है.
First Published :
November 04, 2025, 14:07 IST
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सरपंच ओमाराम भादू का कमाल! गांव में बना दिया लोखों का हॉकी स्टेडियम



