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Napier Grass: जलसंकट के बीच नेपियर घास बना बड़ी राहत, बढ़ती आमदनी से चमकी दौसा के किसानों की किस्मत, कम लागत में ज्यादा मुनाफा

Last Updated:May 01, 2025, 10:57 IST

Napier Grass: दौसा जिले के फर्राशपुरा गांव के किसान सुभाष शर्मा ने नेपियर घास की खेती से जल संकट और गर्मी के बावजूद पशुपालन में सफलता पाई है. इससे उन्हें हर महीने हजारों रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो रही है.X
दौसा
दौसा के फर्राशपुरा में लगा नेपियर घास 

हाइलाइट्स

नेपियर घास से दौसा के किसानों को बढ़ी आमदनीकम पानी में नेपियर घास की खेती से लाभनेपियर घास की खेती से पशुपालन में सफलता

दौसा. दौसा जिले को डार्क जोन घोषित किया गया है, जहां जल संकट और गर्मी के कारण खेती और पशुपालन दोनों ही मुश्किल होते जा रहे हैं. लेकिन फर्राशपुरा गांव के किसान सुभाष शर्मा ने नवाचार की मिसाल पेश की है. उन्होंने परंपरागत खेती के बजाय नेपियर घास की खेती शुरू की, जिससे न सिर्फ उनके पशुओं को पोषक हरा चारा मिला, बल्कि हर महीने हजारों रुपये की अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है.

5 से 7 साल तक मिलेगा निरंतर उत्पादनसुभाष शर्मा ने बताया कि उन्होंने कृषि विभाग की सलाह पर आधे बीघा खेत में नेपियर घास की खेती शुरू की. यह घास 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है और एक बार लगाने के बाद 5 से 7 साल तक निरंतर उत्पादन देती है. इसमें 12 से 14 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है, जो इसे पशुओं के लिए अत्यधिक पौष्टिक बनाता है.

सिंचाई के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकतासुभाष शर्मा का कहना है कि इस घास को खिलाने से उनके पशुओं का दूध उत्पादन भी बढ़ा है, जिससे उनकी आमदनी में सीधा लाभ हुआ है. खास बात यह है कि इस घास की सिंचाई के लिए पानी की बहुत कम आवश्यकता होती है, जो दौसा जैसे पानी की कमी वाले क्षेत्र के लिए एक वरदान है.

नेपियर घास की खेती की ओर आकर्षित हो रहे किसानवह न केवल अपने पशुओं को यह घास खिलाते हैं, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन को बेचकर हर महीने हजारों रुपये की कमाई भी कर रहे हैं. इस नवाचार से प्रेरित होकर अब फर्राशपुरा और आस-पास के गांवों के किसान भी नेपियर घास की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

कम लागत में अधिक लाभ देने वाली खेतीबारिश के मौसम में तो हरा चारा मिल जाता है, लेकिन गर्मी और सर्दी में चारे के लिए पशुपालकों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब नेपियर घास ने इस समस्या को पूरी तरह खत्म कर दिया है.  यह खेती कम लागत में अधिक लाभ देने वाली साबित हो रही है.

नवाचार और तकनीकी सहायता से होगा लाभसुभाष शर्मा की यह सफलता साबित करती है कि यदि किसान नवाचार अपनाएं और तकनीकी सहायता लें, तो कम संसाधनों में भी कृषि और पशुपालन को एक सफल और लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है.

Location :

Dausa,Dausa,Rajasthan

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नेपियर घास की खेती ने बदली दौसा के किसानों की किस्मत, जलसंकट के बीच बड़ी राहत

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