NASA को पृथ्वी से करोड़ों किमी दूर मिला एलियन प्लैनेट, पानी का भी विशाल भंडार, तो क्या वहां जीवन मुमकिन है?
पेरिस: वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है, जहां पृथ्वी की तरह विशाल महासागर होने की संभावना है और अगर यह सही साबित होता है, तो हमें हमारे सौरमंडल के बाहर एक और ऐसा ग्रह मिल जाएगा, जहां जीवन मुमकिन है. नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की बदौलत वैज्ञानिकों ने इस ग्रह को खोजा है. अब तक सौरमंडल के बाहर 5,000 से अधिक ग्रह खोजे जा चुके हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही ग्रह ‘गोल्डीलॉक्स ज़ोन’ में हैं, जहां पानी हो सकता है, जो जीवन के लिए एक प्रमुख तत्व है. ‘गोल्डीलॉक्स ज़ोन’ से मतलब ऐसे स्थानों से है, जो ना तो बहुत गर्म हो और ना बहुत ठंडा.
नासा के जेम्स टेलिस्कोप ने जिस ग्रह को खोज निकाला है, उसे ‘एक्सोप्लैनेट एलएचएस 1140 बी’ का नाम दिया गया है. बताया जा रहा है यह अब तक मिले कुछ रहने योग्य क्षेत्र में से एक है और 2017 में पहली बार खोजे जाने के बाद से इसकी गहन जांच की गई है. यह ‘एक्सोप्लैनेट’ पृथ्वी से 48 प्रकाश वर्ष दूर है, जो 450 ट्रिलियन किलोमीटर (280 ट्रिलियन मील) से अधिक के बराबर है. हालांकि, अंतरिक्ष की विशाल दूरी से तुलना करें, तो इसे करीब ही माना जाएगा. एक्सोप्लैनेट को ‘मिनी-नेपच्यून’ नामक एक छोटे गैस का विशालकाय ग्रह माना जाता था, जिसका वातावरण हाइड्रोजन और हीलियम से इतना घना था कि यहां एलियन जीवन भी संभव था.
हालांकि, वेब टेलीस्कोप के नए अवलोकनों ने पुष्टि की है कि एक्सोप्लैनेट वास्तव में एक चट्टानी ‘सुपर-अर्थ’ है. ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स’ में बुधवार देर रात प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, यह पृथ्वी से 1.7 गुना बड़ा है, लेकिन इसका द्रव्यमान 5.6 गुना है. वेब टेलीस्कोप ने ग्रह के तारे के सामने से गुजरते समय एक्सोप्लैनेट के वातावरण का विश्लेषण किया. वहां हाइड्रोजन या हीलियम का कोई संकेत नहीं था, जिससे यह पता चलता है कि ग्रह एक मिनी-नेप्च्यून था. फ्रांस के सीएनआरएस साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के सह-लेखक मार्टिन टर्बेट ने एएफपी को बताया, “ग्रह का घनत्व बताता है कि इसमें वास्तव में बड़ी मात्रा में पानी है.”
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FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 22:52 IST