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NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में विशाल ब्लैक होल पाए

Last Updated:February 07, 2025, 08:06 IST

NASA Detects Monster Black Hole: NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में सुपरमैसिव ब्लैक होल का पता लगाया है, जो डार्क मैटर के पतन से तेजी से विकसित हुए. यह खोज ब्रह्मांडीय रहस्यों को समझने…और पढ़ेंअंतरिक्ष में मिला दैत्याकार ब्लैक होल, समा सकते हैं 1 अरब सूरज, NASA का अलर्ट

NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में राक्षसी ब्लैक होल का पता लगाया है. (फोटो NASA)

हाइलाइट्स

NASA ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में सुपरमैसिव ब्लैक होल का पता लगाया.यह ब्लैक होल 1 अरब सूरज के द्रव्यमान के बराबर है.डार्क मैटर के पतन से ब्लैक होल तेजी से विकसित हुए.

नई दिल्ली: ब्रह्मांड रहस्यों से भरा हुआ है. इस पर दुनिया भर की एजेंसी रिसर्च करती है और कुछ-कुछ रहस्यों पर पर्दा हटाती है. इन्ही एजेंसियों में से एक है नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) है. अब NASA ने ब्रह्मांड के एक और रहस्य पर पर्दा उठाया है. NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में राक्षसी ब्लैक होल का पता लगाया है.

एक नए अध्ययन से पता चला है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में डार्क मैटर के पतन के कारण सुपरमैसिव ब्लैक होल तेज़ी से विकसित हो सकते थे, जिससे यह पता चलता है कि वे इतनी तेज़ी से इतने विशाल कैसे हो गए. डार्क मैटर एक अदृश्य पदार्थ है जो केवल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से ही परस्पर क्रिया करता है, जो आकाशगंगा निर्माण में एक बड़ी भूमिका निभाता है. हालांकि, इसकी प्रकृति अभी भी एक रहस्य है. वर्तमान ब्रह्मांडीय मॉडल यह समझाने में संघर्ष करता है कि बिग बैंग के बाद इतनी जल्दी सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे दिखाई दिए.

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समा जाएगा एक अरब सूरजजेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के अवलोकनों से पता चलता है कि बिग बैंग के ठीक 800 मिलियन साल बाद सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा संचालित क्वासर दिखाई दिए. ये ब्लैक होल सूरज के द्रव्यमान से एक अरब गुना अधिक, गैस अभिवृद्धि और आकाशगंगा विलय पर आधारित पारंपरिक मॉडल को चुनौती देते हैं. अध्ययन में प्रस्ताव दिया गया है कि डार्क मैटर के पतन से यह समझा जा सकता है कि ये विशाल ब्लैक होल तेजी से कैसे बने, जो इस ब्रह्मांड संबंधी पहेली के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है.

वैज्ञानिकों ने अल्ट्रा सेल्फ-इंटरैक्टिंग डार्क मैटर नामक एक नए प्रकार के डार्क मैटर का प्रस्ताव रखा है. जो यह बताता है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे तेज़ी से विकसित हुए. सामान्य डार्क मैटर के विपरीत, यह प्रकार दृढ़ता से परस्पर क्रिया करता है, जिससे कण आकाशगंगाओं के केंद्रों पर एक साथ इकट्ठा हो जाते हैं. इस समूहन के कारण पदार्थ ब्लैक होल के बीजों में ढह जाता है.

मॉडल से पता चलता है कि अगर यह आकाशगंगा के विकास के शुरुआती दौर में हुआ, तो ब्लैक होल गैस के संचय के ज़रिए तेज़ी से बढ़ सकते हैं, पारंपरिक मॉडल में देखी गई धीमी गति से बनने वाली प्रक्रिया को दरकिनार कर सकते हैं और मौजूदा अवलोकनों के साथ संरेखित कर सकते हैं.


First Published :

February 07, 2025, 08:05 IST

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अंतरिक्ष में मिला दैत्याकार ब्लैक होल, समा सकते हैं 1 अरब सूरज, NASA का अलर्ट

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