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National Pollution Prevention Day 2025 Toxic Air Causes 8 Million Deaths Every Year | सबसे बड़ा शिकारी है एयर पॉल्यूशन | सालभर में सिर्फ सांस लेने से मर जाते हैं 80 लाख लोग

Last Updated:December 01, 2025, 23:57 IST

National Pollution Control Day 2025: वायु प्रदूषण हर साल लाखों लोगों की जान ले रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार जहरीली हवा से हर साल करीब 80 लाख लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं. बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा रहता है. भारत में हर साल 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन प्रिवेंशन डे मनाया जाता है, ताकि पॉल्यूशन के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके.सबसे बड़ा शिकारी है एयर पॉल्यूशन, हर साल सांस लेने से मर जाते हैं 80 लाख लोगहर साल एयर पॉल्यूशन से करीब 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है.

National Pollution Prevention Day India: देश में हर साल 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन प्रिवेंशन डे मनाया जाता है. यह दिन 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद में मनाया जाता है, ताकि लोगों में प्रदूषण रोकने और जागरुकता फैलाने की भावना पैदा हो सके. यह दिन एयर, वॉटर और साउंड पॉल्यूशन से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करता है. हम सभी जानते हैं कि प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. खासतौर पर एयर पॉल्यूशन सबसे बड़ा साइलेंट किलर बनकर उभर रहा है. एयर पॉल्यूशन हर साल लाखों लोगों की जान ले रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक सिर्फ सांस लेने के कारण सालभर में लगभग 80 लाख लोग मरते हैं. यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि हमारे जीवन पर गंभीर खतरे का संकेत भी हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार एयर पॉल्यूशन के कारण हवा में जहरीली गैसें मिल जाती हैं. जब ये जहरीली गैसें और सूक्ष्म कण PM2.5 और PM10 हमारे फेफड़ों में जाते हैं, तो ये हार्ट डिजीज, फेफड़ों की बीमारी, स्ट्रोक और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बनते हैं. हर साल हवा का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है. WHO की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में लगभग 80 लाख लोग वायु प्रदूषण की वजह से मौत के मुंह में समा गए. भारत सबसे प्रदूषित देशों में से एक है. दिल्ली-एनसीआर पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र है. प्रदूषण सिर्फ सांस फेफड़ों ही नहीं, बल्कि दिल और अन्य अंगों पर भी असर डालता है.

डॉक्टर बताते हैं कि बच्चे और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम होती है, वे पॉल्यूशन से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. जो पुरुष और महिलाएं लंबे समय तक बाहरी वातावरण में रहते हैं, उन्हें कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. पहले से फेफड़ों या हार्ट डिजीज वाले लोगों को प्रदूषण के कारण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं. फेफड़ों और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को वायु प्रदूषण से बचने के लिए खास उपाय करने चाहिए, ताकि उनकी कंडीशन गंभीर न हो. एयर पॉल्यूशन के कारण सेहत बुरी तरह प्रभावित होती है और इससे उम्र भी कम हो सकती है.

एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए घर के अंदर हवा साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर या पौधों का इस्तेमाल करें. जब बाहरी वायु गुणवत्ता खराब हो, तब मास्क पहनें. वाहनों का कम इस्तेमाल, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग और इलेक्ट्रिक वाहनों से पॉल्यूशन को कम किया जा सकता है. शहरों में धूल और धुआं कम करने के लिए हरियाली बढ़ाएं और औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण रखना जरूरी है. वायु प्रदूषण अब सिर्फ एक पर्यावरणीय समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए एक सीक्रेट किलर बन चुका है. हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने में योगदान दे.

About the Authorअमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें

First Published :

December 01, 2025, 23:57 IST

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सबसे बड़ा शिकारी है एयर पॉल्यूशन, हर साल सांस लेने से मर जाते हैं 80 लाख लोग

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