Rajasthan
Nature at risk of ‘cascading’ species extinction: study | सदी के अंत तक धरती से हो जाएगा 27% जैव विविधता का सफाया
जयपुरPublished: Dec 18, 2022 11:05:05 am
ग्लोबल वार्मिंग के कारण शिकारी प्रजाति अपने शिकार को खो देती है। यह नुकसान ‘प्राथमिक विलुप्ति’ है। लेकिन यदि शिकारी प्रजाति के लिए भोजन संकट गहराया तो एक समय बाद यह भी विलुप्त हो जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया सह-विलुप्ति के क्रम को दर्शाती है।

सदी के अंत तक धरती से हो जाएगा 27% जैव विविधता का सफाया
जलवायु और भूमि उपयोग में परिवर्तन के परिणामस्वरूप वर्ष 2100 तक दुनिया की एक चौथाई से अधिक जैव विविधता का सफाया हो जाएगा। यह शोध दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और यूरोपीय आयोग की टीम की ओर से किया गया। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने नए उपकरण का प्रयोग कर पाया कि आपस में जुड़ी प्रजातियों के नुकसान को टाला नहीं जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक धरती 6-10 फीसदी तक जानवरों और वनस्पतियों को खो देगी। सदी के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 27 फीसदी हो जाएगा। नया विश्लेषण दर्शाता है कि अब तक पृथ्वी की जैव विविधता पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम करके आंका गया। सुधार नहीं किए गए तो हम धरती पर जीवन को बनाए रखने वाली महत्वूपर्ण चीजों को खो देंगे।
सुपर कम्प्यूटर का प्रयोग कर हुआ अध्ययन: