Navratri 2023: भरतपुर के राज परिवार की कुल देवी हैं श्री कैला देवी, जानें इतिहास..
रिपोर्ट- ललितेश कुशवाहा
भरतपुर. चैत्र नवरात्र की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है. इस समय मंदिरों से लेकर घरों का नजारा देखने लायक होता है. आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कई साल से भरतपुर के राज परिवार की कुल देवी के रूप में पूजी जा रही हैं. श्री कैला देवी झील का बाड़ा मंदिर जिले के बयाना उपखंड में स्थित है. इस मंदिर में दो मूर्तियां हैं, एक कैला माता तो दूसरी लक्ष्मी माता की. यहां दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बड़ी तादाद में पहुंचते हैं और साल में दो बार चैत्र और शरदीय नवरात्रों में 15 दिवसीय लक्खी मेला भरता है.
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महारानी ने कराया था इस मंदिर का जीर्णोद्धार
इस मंदिर में विराजमान मूर्तियों का इतिहास प्राचीन है. इसका जीर्णोद्धार महारानी गिर्राज कौर ने कराया था. देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1923 में की गई थी. महाराजा बृजेंद्र सिंह अष्टमी को यहां पहुंचकर सुबह स्नान करते थे और उसके बाद पीताम्बरी पहनकर पूजा अर्चना करते थे. शाम की आरती के बाद वापिस अपने महल आ जाते थे. उस दौरान इस मंदिर में भोपाओं की ओर से नाच गान किया जाता था और इनको राजपरिवार की तरफ से ईनाम दिया जाता था. महाराजा बृजेंद्र सिंह ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में 12 अप्रैल 1924 को मंदिर के सामने रवि कुंड का निर्माण करवाया था.
चना और हलवा का चढ़ता है प्रसाद
श्री कैला देवी झील का बाड़ा मंदिर की देखभाल देवस्थान विभाग की ओर से की जाती है. इस समय चैत्र नवरात्रि मेला लगा हुआ है. इस मेले में उत्तर प्रदेश ,हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित देश के विभिन्न प्रदेशों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यहां माता के लिए भक्त चना और हलवे का प्रसाद चढ़ाते हैं. इस मेले में प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 28, 2023, 12:21 IST