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Neem Health Benefits in Winter | Bharatpur Local Ayurvedic Tips

Last Updated:November 09, 2025, 09:38 IST

Neem Health Benefit: भरतपुर में सर्दियों की शुरुआत के साथ लोग पुराने देसी नुस्खों को फिर अपनाने लगे हैं. इनमें सबसे लोकप्रिय है सुबह-सुबह नीम की नरम पत्तियां चबाना, जो सर्दी-जुकाम और गले की खराश में बेहद फायदेमंद माना जाता है. नीम में मौजूद एंटी-वायरल गुण इसे सर्दियों की प्राकृतिक दवा बनाते हैं.भरतपुर के लोगों का देसी नुस्खा — नीम की नरम पत्तियां बन रहीं सर्दियों की ढाल

भरतपुर. सर्दियों का मौसम शुरू होते ही भरतपुर के लोग अपने पुराने देसी नुस्खों को अपनाने लगते हैं. इनमें से एक अनोखा लेकिन असरदार नुस्खा है: नीम की नरम पत्तियों को सुबह-सुबह चबाना. शहर के कई इलाकों में आज भी लोग इस परंपरा को बरकरार रखे हुए हैं. बुजुर्ग बताते हैं कि यह आदत न सिर्फ शरीर को सर्दी-जुकाम से बचाती है, बल्कि पूरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी बढ़ाती है. नीम की पत्तियों के कड़वेपन में छिपे औषधीय गुण, उन्हें सर्दियों में स्वास्थ्य बनाए रखने का एक प्राकृतिक तरीका बनाते हैं.

भरतपुर के लोगों का देसी नुस्खा — नीम की नरम पत्तियां बन रहीं सर्दियों की ढाल

भरतपुर के आयुर्वेदाचार्य डॉ. चंद्रप्रकाश दीक्षित बताते हैं कि नीम का पेड़ अपने आप में एक संपूर्ण औषधालय माना जाता है. लेकिन इसकी ऊपरी कोपलें या नरम पत्तियाँ जो नई निकलती हैं, उनमें विशेष औषधीय गुण पाए जाते हैं. इन पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं. ये तत्व सर्दियों में होने वाले सामान्य संक्रमणों जैसे खाँसी, जुकाम, गले में ख़राश और बदन दर्द से बचाने में मदद करते हैं. इस प्रकार, इन पत्तियों का सेवन सर्दियों में स्वास्थ्य सुरक्षा की एक प्राकृतिक ढाल का काम करता है.

भरतपुर के लोगों का देसी नुस्खा — नीम की नरम पत्तियां बन रहीं सर्दियों की ढाल

डॉ. दीक्षित के अनुसार, सुबह खाली पेट नीम की 4 से 5 नरम पत्तियाँ चबाना शरीर को अंदर से शुद्ध करता है और रक्त को अच्छा रखता है और तेज़ी से काम करता है. यह आदत शरीर में जमा गंदगी को निकालने, पाचन सुधारने और त्वचा को साफ़ रखने में भी मदद करती है. हालांकि इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन यही कड़वाहट शरीर को संक्रमणों से बचाने में कारगर साबित होती है. इस तरह, नीम का यह प्राकृतिक सेवन शरीर को डिटॉक्स करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाने का एक प्राचीन और प्रभावी तरीका है.

भरतपुर के लोगों का देसी नुस्खा — नीम की नरम पत्तियां बन रहीं सर्दियों की ढाल

जब पुराने समय में दवाइयाँ इतनी आसानी से नहीं मिलती थीं, तब नीम की पत्तियाँ ही लोगों का सहारा होती थीं. आज भी कई लोग सुबह टहलते वक़्त पेड़ से कुछ नरम पत्तियाँ तोड़कर चबाते हैं और दिन की शुरुआत इसी से करते हैं. ग्रामीण इलाकों में तो यह परंपरा अब भी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है. यह दिखाता है कि कैसे नीम की पत्तियों ने प्राकृतिक औषधि के रूप में अपना महत्व वर्षों से बनाए रखा है, और यह स्वास्थ्य के लिए एक आसान, सुलभ और पारंपरिक उपाय है.

भरतपुर के लोगों का देसी नुस्खा — नीम की नरम पत्तियां बन रहीं सर्दियों की ढाल

आयुर्वेद में भी नीम को सर्दियों का प्राकृतिक कवच कहा गया है. नियमित रूप से नीम की पत्तियाँ खाने से शरीर की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) मजबूत होती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है. वरिष्ठ आयुर्वेद डॉक्टर का कहना है कि जो लोग रोज़ नीम की पत्तियाँ खाते हैं, उन्हें सालभर सर्दी-जुकाम या गले की ख़राश की समस्या बहुत कम होती है. इस तरह, नीम की पत्तियाँ सिर्फ़ एक आदत नहीं, बल्कि शरीर को मौसमी बदलावों से लड़ने के लिए तैयार करने का एक सदियों पुराना और प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय हैं.

भरतपुर के लोगों का देसी नुस्खा — नीम की नरम पत्तियां बन रहीं सर्दियों की ढाल

इस तरह भरतपुर में आज भी लोग अपनी देसी परंपराओं को संजोए हुए हैं. नीम की नरम पत्तियां चबाने की यह पुरानी आदत न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह बताती है कि पुराने घरेलू नुस्खे आज भी उतने ही प्रभावी हैं जितने पहले थे. आज के आधुनिक दौर में जब हर कोई दवाइयों की तरफ भाग रहा है, तब भी भरतपुर के लोग सर्दियों में इन पत्तियों को चबाना और खाना पसंद करते हैं, जो प्रकृति और स्वास्थ्य के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है.

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November 09, 2025, 09:38 IST

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सर्दी-जुकाम गायब! नीम की पत्तियों से रहेंगे सर्दियों में फिट, ऐसे करें Use…

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