NEET 2024: Vishalakshi, who failed NEET twice, told the mantra of success, gave this message to students living under stress

राहुल मनोहर/सीकर. कहते हैं लगातार प्रयास करने के बाद सफलता जरूर मिलती है इसी कहावत को सीकर जिले के रींगस में रहने वाली विशालाक्षी छीपा ने सच साबित कर दिखाया है. हाल ही में नीट परीक्षा 2024 का रिजल्ट जारी हुआ है. विशालाक्षी छिपा ने नीट में 682 अंक प्राप्त किए हैं. खास बात यह है कि दो बार लगातार नीट परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के बावजूद भी विशालाक्षी ने प्रयास जारी रखा और अब उसे परीक्षा में सफलता मिल चुकी है.
विशालाक्षी के माता और पिता दोनों ही शिक्षक है. विशालाक्षी ने बताया कि दो बार नीट में फेल होने के बाद मैं काफी निराश हो गई थी, लेकिन 2 एक्स मैं मम्मी पापा की पॉजिटिव बातों और उनके साथ के कारण ही यह तीसरा अटेम्प्ट में पास कर पाई हूं. विशालाक्षी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और टीचर्स को दिया है. विशालाक्षी के पिता कृष्णकांत छिपा ने बताया कि शुरू से ही विशालाक्षी पढ़ाई में काफी होशियार रही है. हमने लगातार बिना किसी दबाव बनाए विशालाक्षी को मोटिवेट किया हैं. माता-पिता द्वारा हमेशा उसे सपोर्ट किया गया तब जाकर तीसरे प्रयास में विशालाक्षी ने यह सफलता हासिल की है.
डॉक्टर बनने का था सपनानीट यूजी एग्जाम में सफलता प्राप्त करने वाली विशालाक्षी ने बताया कि बचपन से ही उसका डॉक्टर बनने का सपना था. उसने कहा कि मेडिकल एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आपको दूसरों की मदद करने का मौका मिलता है. विशालाक्षी ने बताया कि उसने नीट एग्जाम के लिए 11वीं क्लास से ही तैयारी शुरू कर दी थी. फिर कोविड की वजह से लॉकडाउन लग गया और फिर ऑफलाइन स्टडी बाधित हो गई. उस दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस वजह से मेरा कॉन्फिडेंस भी कम हो गया था. फिर 12 वीं क्लास में ऑफलाइन स्टडी शुरू हुई और फिर टीचर से सवालों के जवाब समझने में समय नहीं लगता था.
सेल्फ स्टडी पर किया फोक्सविशालाक्षी ने बताया कि मैने क्लास के साथ-साथ सेल्फ स्टडी पर अधिक ध्यान दिया. इसका फायदा मुझे एग्जाम में देखने को मिला. इसके अलावा पढ़ाई को लेकर कभी भी पेरेंट्स की तरफ से दबाव नहीं बनाया गया. मेरे दादाजी-दादी और भैया ने हमेशा इस पूरे सफर के दौरान मोटिवेट करने का काम किया. विशालाक्षी ने बताया कि उन्होंने कोचिंग और स्कूल जाने के अलावा सेल्फ स्टडी का सहारा लिया. वह हर रोज 11 से 13 घंटे पढ़ाई किया करती थी. रिवीजन पर बहुत ज्यादा जोर दिया. सफलता का मूल मंत्र बताते हुए विशालाक्षी ने कहा कि पढ़ाई में जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे आपको रिवीजन भी करना होता है. सफलता का मूल मंत्र ही यही है.
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FIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 17:47 IST