NEET Paper Leak: आखिर नालंदा ही क्यों? कल रंजीत डॉन, आज संजीव मुखिया, फिर चर्चा में है पेपर लीक के सरदारों का यह शहर
पटना. NEET पेपर लीक मामले के अधिकांश तार एक बार फिर से बिहार नालंदा जिले से जुड़ रहे हैं. इस बारे में अधिक बात करें उससे पहले यह जानना जरूरी है कि बिहार का नालंदा कई मायनों में खास है. विश्व की सबसे प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में शुमार नालंदा यूनिवर्सिटी भी इसी जिले में है, जिसका 815 सालों बाद जीर्णोद्धार हुआ. इसी हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन घर एक बार फिर से बिहार के पुराने गौरव को वापस लाने का काम किया है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी नालंदा ही है. वहीं पर्यटन के लिहाज से देश-दुनिया में खास पहचान रखने वाला राजगीर भी नालंदा जिले में ही है. वैसे तो ये सारी बातें कहीं न कहीं नालंदा की खूबसूरती को बयां करती है. लेकिन, इस बीच नालंदा को बदनाम करने वालों के कुछ ऐसे किस्से भी हैं जो बार-बार यही सवाल पैदा करता है कि आखिर नालंदा ही क्यों? दरअसल पेपर लीक का असल डॉन माना जाने वाला नालंदा निवासी रंजीत सिंह उर्फ रंजीत डॉन वह नाम है जो सीधे परीक्षा केंद्र ही खरीद लेता था. उसने कई लोगों डॉक्टर बनाया था. डॉक्टर ही नहीं इंजीनियर, पीओ बनाना सब उसके लिए बहुत आसान काम था.
वहीं अब नीट (NEET) परीक्षा 2024 पेपर लीक कांड के तार एक बार फिर से नालंदा जिले से जुड़े हैं. दरअसल नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड माना जाना वाला संजीव सिंह उर्फ संजीव मुखिया भी बिहार के नालंदा जिले का ही रहने वाला है. नीट पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड संजय मुखिया बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नीट यूजी प्रश्न पत्र लीक मामले में इकोनामिक ऑफेंस यूनिट यानी इओयू (EOU) को एक और शख्स की तलाश है जिसका नाम संजीव मुखिया बताया जा रहा है. संजीव मुखिया मूल रूप से नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला है. फिलहाल वह फरार चल रहा है.
संजीव मुखिया 2 दशकों से एक्टिव
संजीव मुखिया सॉल्वर गैंग का पुराना मेंबर रहा है. पिछले दो दशकों से वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की सेटिंग में शामिल रहा है और पुलिस ने इस गिरफ्तार भी किया है. वह जेल की हवा भी खा चुका है. संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में फिलहाल जेल में बंद है. अब संजीव मुखिया कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की फिराक में लगा हुआ है. वकील के माध्यम से संजीव मुखिया ने पटना सदर के एसीजीएम 9 के कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.
हालांकि कोर्ट में संजीव मुखिया ने कहा है कि नीट यूजी पेपर लीक मामले में उसे फसाने की कोशिश की जा रही है. संजीव मुखिया बिहार सरकार कहीं एक पुराना कर्मचारी रहा है. जानकारी के अनुसार वह लोअर डिविजनल क्लर्क के पद पर तैनात था. दरअसल संजीव मुखिया एक पुराना सेटर रहा है. वह पहले भी प्रश्न पत्र लिख मामले में जेल जा चुका है. सूत्रों की माने तो संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर है. वह भी सॉल्वर गैंग का एक्टिव मेंबर रहा है. हालांकि फिलहाल वह बिहार में शिक्षक बहाली परीक्षा पेपर लीक मामले में जेल में बंद है.
सभी 6 नालंदा के ही रहने वाले हैं
पेपर लीक कांड मामले में 6 लोगों को देवघर से गिरफ्तार किया गया है. इन युवकों में चिंटू कुमार उर्फ सिंटू, प्रशांत कुमार, पंकु कुमार, परमजीत सिंह, बालदेव सिंह व काजू कुमार शामिल हैं. सभी देवघर के झुन्नू सिंह के घर में मकान में किराए पर रहते थे. पकड़े गए युवकों में से एक गार्ड और वर्तमान में एम्स में कार्यरत है. गॉर्ड भी नालंदा का ही रहने वाला था और इन लोगों से पहले से परिचित था. गिरफ्तार सभी आरोपी नालंदा के रहने वाले हैं. ऐसे में अब यह भी सवाल उठने लगा है कि पेपर लीक कांड मामले में नालंदा का क्या कनेक्शन है. पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड माना जाना वाला संजीव मुखिया भी नालंदा का ही रहने वाला है.
कौन है रंजीत डॉन?
बता दें कि रंजीत कुमार उर्फ सुमन कुमार सिंह को 26 नवंबर 2003 को सीबीआई द्वारा कथित रूप से कैट की परीक्षा के पेपरलीक करते हुए दिल्ली में गिरफ़्तार किया गया था. अप्रैल 2003 में हुए सीबीएसई मेडिकल की परीक्षा के पेपरलीक के मामले में भी रंजीत को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है. सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार 10 दिसंबर 2003 को रंजीत समेत 18 अन्य लोगों के खिलाफ़ केस नंबर RC- 24A/2003 के तहत आईपीसी की धारा 409 और प्रीवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. जिसके लिए अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. बताते चलें कि फ़र्जीवाड़ा राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था. इसलिए मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी. जांच शुरू हुई तो एक बड़े सिंडिकेट का ख़ुलासा भी हुआ. जिसके किंगपिन बनाए गए बिहार के नालंदा ज़िले के हिलसा प्रखंड के रहने वाले डॉ रंजीत कुमार सिंह, उर्फ सुमन कुमार उर्फ रंजीत डॉन.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 18:27 IST