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NEET Story: न हार मानी, न रुके कदम, Auto Driver के बेटे की उड़ान, NEET में 673 अंक, अब बनेंगे डॉक्टर

Last Updated:April 26, 2025, 19:17 IST

NEET Success Story: कुछ करने की चाहत और दृढ़ इच्छा हो, तो रास्ते अपने आप बन जाता है. ऐसी ही कहानी एक लड़के की है, जो आर्थिक और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद नीट यूजी में 720 में से 673 अंक हासिल करने में सफल रह…और पढ़ेंन हार मानी, न रुके कदम, Auto Driver के बेटे की उड़ान, NEET में 673 अंक

NEET Success Story: ऑटो ड्राइवर के बेटे ने क्रैक किया नीट यूजी की परीक्षा

हाइलाइट्स

NEET में 673 अंक हासिल किए.आर्थिक चुनौतियों के बावजूद सफलता पाई.अब इस मेडिकल कॉलेज से MBBS कर रहे हैं.

NEET Success Story: जहां चाह है, वहीं राह है. अगर आपके अंदर किसी भी चीज को पाने की चाहत हो, तभी रास्ते अपने आप खुलते हैं. ऐसी ही कहानी एक ऑटो-रिक्शा ड्राइवर के बेटे की है, जिन्होंने तीसरे प्रयास में नीट यूजी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं. उन्होंने इस परीक्षा में 720 में से 673 अंक हासिल किए हैं. उनका मेडिकल डिग्री पाने का सपना समाज में बदलाव लाने की इच्छा से जुड़ा था. लेकिन, उनका यह सफर आसान नहीं था. उन्होंने आर्थिक और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद इस सफलता को पाने में कामयाब रहे हैं. जिनकी हम बात कर रहे हैं, उनका नाम शशांक जोपोज (Shashank Jopose) है.

NEET में हासिल की 720 में से 673 अंकनीट यूजी में 720 में से 673 अंक लाने वाले शशांक महाराष्ट्र के चंद्रपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने कक्षा 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. उन्होंने नीट यूजी की तैयारी को लेकर जो नियमित दिनचर्या अपनाई, वह उनकी सफलता की कुंजी साबित हुई. उनका दिन सुबह 6 बजे फिजिकल एक्सरसाइज से शुरू होता था इसके बाद वह कोचिंग क्लास में जाते थे. दोपहर के भोजन और थोड़े आराम के बाद वह स्टडी तीन शिफ्टों में बांट कर करते थे.

संसाधनों की कमी और कड़ी मेहनतऑटो-रिक्शा ड्राइवर के बेटे शशांक को नीट यूजी की तैयारी के दौरान स्टडी रिसोर्सेज की कमी महसूस हुई. लेकिन इस कठिन समय में उन्हें अपने परिवार का मजबूत सपोर्ट मिला. उनके परिवार ने हमेशा उनसे उम्मीद की कि वह हार न माने. उनके विश्वास ने शशांक को फिर से उत्साहित किया और उन्हें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद की. वह कोचिंग की पाठ्यपुस्तकों को प्राथमिकता दी और नोट्स बनाने से बचने का निर्णय लिया. इस विकल्प को लेकर उन्हें शुरुआत में संकोच हुआ, लेकिन उनके शिक्षक ने उन्हें भरोसा दिलाया कि यदि यह तरीका उनके लिए प्रभावी है तो ठीक है.

पढ़ाई की ऐसी थी रणनीतिNEET UG की तैयारी में शशांक ने एक बुनियादी तरीका अपनाया. उन्होंने सरल सवालों से शुरुआत की और धीरे-धीरे जटिल सवालों की ओर बढ़े. वह मानते थे कि यदि सरल सवालों को अच्छी तरह से हल कर सकते हैं, तो जटिल सवालों को भी आसानी से हल कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह मॉक टेस्ट के दौरान अंक में निरंतर सुधार न देख पाने पर काफी तनाव महसूस करते थे, लेकिन उन्होंने इसे अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक जरिया माना.

यहां से कर रहे हैं MBBSNEET UG की परीक्षा को पास करने के बाद शशांक जोपोज महाराष्ट्र के ग्रांट मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका सपना समाज में बदलाव लाने का है और वे जानते हैं कि इसके लिए कड़ी मेहनत और निरंतर संघर्ष की आवश्यकता होगी. उनके लिए मेडिकल डिग्री केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज के लिए एक योगदान है.

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First Published :

April 26, 2025, 19:17 IST

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न हार मानी, न रुके कदम, Auto Driver के बेटे की उड़ान, NEET में 673 अंक

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