न टैंकर्स, न बोरिंग! इस गांव की तालाब तकनीक बना सकती है पूरे राजस्थान को जलसमृद्ध

Last Updated:April 29, 2025, 13:44 IST
नागौर के एक गांव में चारों ओर ऐतिहासिक तालाब बने हुए हैं, जो जल संरक्षण का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. इन तालाबों का निर्माण पानी की समस्या का समाधान करने और जल स्रोत को स्थिर बनाए रखने के लिए किया गया था.X
गांव में बने तालाब
हाइलाइट्स
नागौर के गांव में ऐतिहासिक तालाब जल संरक्षण का अद्भुत उदाहरण हैं.गांव के तालाब पानी की समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करते हैं.तालाबों का निर्माण विक्रम संवंत 1123 में मुण्डेल जाट द्वारा हुआ था.
दीपेंद्र कुमावत/नागौर- वर्तमान समय में जब जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है, नागौर का एक गांव है जो इस समस्या से हमेशा के लिए मुक्त है. इस गांव के चारों ओर ऐतिहासिक तालाब बने हुए हैं, जो न केवल पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं, बल्कि जल संरक्षण का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. इस गांव में रेन हार्वेस्टिंग के कार्यक्रम शुरू होने से भी कई दशक पहले, पानी की बचत और एकत्रित करने की यह प्रणाली शुरू हो गई थी.
मारवाड़ मूंडवा की स्थापना और पानी की परंपरामाना जाता है कि मारवाड़ मूंडवा की स्थापना विक्रम संवंत 1123 में मुण्डेल जाट द्वारा की गई थी. इस समय के आसपास गांव में पानी के संरक्षण के लिए तालाबों का निर्माण हुआ, जो आज भी गांव के विकास और जल व्यवस्था का मुख्य स्रोत बने हुए हैं.
ज्ञान तालाब ऐतिहासिक जल स्रोत1450 में केशवदास जी महराज ने यहां भगवान की भक्ति के लिए धूणा स्थापित किया, इसके बाद उनके शिष्य ज्ञानदास महाराज ने यहां गायों के लिए तालाब खुदवाया. यह तालाब खास तौर पर ऐतिहासिक है, क्योंकि औरंगजेब ने इस तालाब से संबंधित एक ताम्र पत्र जारी किया था, जिसमें आस-पास की भूमि को माफ किया गया था. यह तालाब गांव की उत्तर दिशा में स्थित है और इसके पास नृरसिंह भगवान का मंदिर है.
शिव मंदिर के पास एक जलाशय1947 में स्थापित पौकण्डी तालाब गांव के पूर्व दिशा में स्थित है. इस तालाब पर तारकेश्वर महादेव मंदिर स्थित है, जो शिवजी के बगेची के नाम से जाना जाता है. यह तालाब गांव के जल स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यहां पर स्थानीय लोग नियमित रूप से पूजा अर्चना करते हैं.
गांव की स्थापना के समय का जलाशयधधाणी तालाब लगभग 1000 साल से अधिक पुराना है और इसे गांव की स्थापना के वक्त बनाया गया था. यह तालाब गांव के पश्चिम दिशा में स्थित है और यहां के आसपास माता जी का मंदिर और चारभुजा नाथ का मंदिर बने हुए हैं. यह तालाब गांव के इतिहास और जल संरक्षण की प्राचीन परंपरा का प्रतीक है.
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीकलाखोलाव तालाब को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इसे लगभग 1150 वर्ष पूर्व भाई लाखाराम बिणजारा ने अपनी बहन के लिए बनवाया था. यह तालाब गांव के दक्षिण दिशा में स्थित है और इसके आसपास पुष्कर के 52 घाटों की तरह 52 मंदिर बने हुए हैं, जो इस तालाब की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता को दर्शाते हैं.
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
April 29, 2025, 13:44 IST
homerajasthan
न टैंकर्स, न बोरिंग! इस गांव की तालाब तकनीक बना सकती है पूरे राजस्थान को जलसमृ