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उदयपुर में जैन विद्या का नया केंद्र, प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रंथों का बनेगा वैश्विक डिजिटल संग्रहालय

Last Updated:May 18, 2025, 11:33 IST

30 हजार वर्गफीट में निर्मित यह भवन तीन चरणों में तैयार किया जाएगा. वर्तमान में पहले चरण में ग्राउंड फ्लोर तैयार किया गया है, जिसमें प्राकृत कक्षा, सभा मंडप और पांडुलिपि हॉल शामिल हैं. प्राकृत कक्षा का निर्माण ग…और पढ़ेंउदयपुर में जैन विद्या का नया केंद्र, प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रंथों का बनेगा

सुखाड़िया यूनिवर्सिटी 

उदयपुर सुखाड़िया विश्वविद्यालय (सुविवि) के जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग में नवनिर्मित ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत भवन का की शुरुवात हुई है. यह भवन न केवल जैन दर्शन और प्राकृत भाषा के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर बनेगा. बल्कि यह देश-विदेश की प्राचीन पांडुलिपियों का एक प्रमुख डिजिटल केंद्र भी होगा. श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा मुंबई की ओर से आयोजित यह समारोह दोपहर 3 बजे सुविवि के विवेकानंद सभागार में होगा.

इस अवसर पर पांडुलिपि हॉल और वर्धमान सभा मंडप का भी उद्घाटन किया . कार्यक्रम की प्रेरणा स्रोत स्व. निर्मल न कुमार सेठी रहे, जिनके पुत्र धर्मेंद्र कुमार सेठी की प्रेरणा से यह कार्य पूर्ण हुआ.करीब 30 हजार वर्गफीट में निर्मित यह भवन तीन चरणों में तैयार किया जाएगा. वर्तमान में पहले चरण में ग्राउंड फ्लोर तैयार किया गया है, जिसमें प्राकृत कक्षा, सभा मंडप और पांडुलिपि हॉल शामिल हैं. प्राकृत कक्षा का निर्माण गाजियाबाद निवासी जम्बू प्रसाद जैन, जबकि कीर्ति स्तंभ का निर्माण प्रदीप कुमार जैन के सहयोग से हुआ है.

50 हजार से अधिक ग्रंथों को समाहितइस संस्थान में देश-विदेश की प्राचीन पांडुलिपियों का संग्रहण, जैन साहित्य का संरक्षण, प्राकृत भाषा का संवर्धन, और इन सबका डिजिटलीकरण किया जाएगा ताकि शोधार्थी और विद्यार्थी ऑनलाइन भी इसका लाभ ले सकें. नवनिर्मित पुस्तकालय में 50 हजार से अधिक ग्रंथों को समाहित करने की योजना है.इस भवन का निर्माण तीन करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. वर्तमान में एक करोड़ रुपये खर्च कर ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा कर लिया गया है. जबकि शेष दो करोड़ की लागत से द्वितीय और तृतीय मंजिल का निर्माण प्रस्तावित है. यह संस्थान उदयपुर को ज्ञान, शोध और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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